नई दिल्ली: दिल्ली की बुराड़ी विधानसभा के इब्राहिमपुर से नंगली गांव को दिल्ली-चंडीगढ नेशनल हाइवे से जोड़ने वाली सड़क सालों से बदहाल है. सड़क पर महीनों से तालाब बना हुआ है. इलाके में पानी की निकासी नहीं होने से पानी सड़क पर जमा रहता है. करीब 5 किलोमीटर लंबी सड़क टूटी हुई है, जिसपर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. करीब 200 मीटर का सड़क का हिस्सा पूरी तरह से तालाब बना हुआ है. हजारों वाहन चालक हर रोज आते जाते हैं और गिरकर घायल भी होते हैं.
इलाके के लोगों ने स्थानीय विधायक से लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों तक समस्या के समाधान की गुहार लगाई, लेकिन कोई भी अधिकारी इलाके की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते इलाके के लोग इसी पानी के बीच से आने जाने को मजबूर हैं.
इलाके के लोगों ने बताया कि यह सड़क दिल्ली सरकार के फ्लड इरिगेशन विभाग की है. एक दशक से ज्यादा समय से सड़क की हालत बदहाल है, लोगो को काम के नाम पर अधिकारियों और नेताओं से केवल आश्वासन ही मिलता है. लोगो की माने तो कोई भी विभाग और अधिकारी यहां पर काम कराने को तैयार नहीं है. इब्राहिमपुर से लेकर नंगली तक जाने वाली सड़क करीब 5 किलोमीटर लंबी है और यह दिल्ली देहात के इलाकों को नेशनल हाईवे दिल्ली चंडीगढ़ से जोड़ती है. दर्जनों गांव और सैकड़ों कालोनियों के लोगों का इस सड़क से आना जाना है. खुद स्थानीय विधायक और सांसद भी राजनीतिक कार्यक्रमों में इस सड़क से आते जाते हैं, लेकिन इस सड़क को ठीक करने की किसी ने भी कोशिश नहीं की.
इलाके के लोगों ने बताया कि कॉलोनी और गांवों के लोगों को इसी टूटी और जलमग्न सड़क से होकर स्कूलों और अपने कामों पर जाना होता है. आए दिन गड्ढे में वाहन फसते हैं, जिससे लोगों को चोट लगती है और वाहनों को भी नुकसान होता है. हर बार की तरह आज भी सड़क पर चलते हुए गड्ढों में फस कर कई वाहन खराब हुए, जिसको लोग धक्का मार कर बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
इलाके के लोगों ने बताया कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी और कांग्रेस के सांसद जनार्दन द्विवेदी ने इन गांवों को गोद लिया था. उसके बावजूद भी यहां की मुख्य सड़कें बदहाल हैं, सांसदों द्वारा एक गांव को गोद लेकर मॉडल गांव बनाने की कवायद शुरू की गई थी. हालात देखकर लगता है कि यहां पर कुछ भी काम नहीं कराया गया है. समस्या के समाधान के लिए इलाके के लोगों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से पत्राचार किया, लेकिन सालों इंतजार के बाद केवल आश्वासन ही मिले लेकिन काम होता बादल पर नजर नहीं आया. इलाके के लोगों को इंतजार है कि यह सड़क कब बनेगी और कब इलाके के लोग आसानी से इस सड़क पर आ जा सकेंगे.
ईटीवी भारत की टीम ने भी खुद फ्लड इरिगेशन विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. इस समस्या के लिए इलाके के लोग सालों से परेशानी से जूझ रहे हैं और लोगों को इंतजार है कि यह सड़क कब बनेगी जिस की मांग यहां के लोग लंबे समय से कर रहे हैं.
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