नई दिल्लीः मुस्लिम धर्मगुरुओं-उलेमाओं ने दिल्ली सरकार से स्कूलों की तर्ज पर मदरसों को भी दिशा-निर्देशों के साथ खोले जाने की इजाजत मांगी है. उलेमाओं की एक बैठक मौजपुर इलाके में हुई, जिसमें शामिल उलेमाओं ने कहा कि जब दिल्ली सरकार ने स्कूल, कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थानों को खोले जाने की अनुमति दे दी है, तो भला मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का क्या गलती है.
उन्होंने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि दिल्ली के मदरसों को भी कोविड नियमों का पालन करते हुए खोले जाने की इजाजत दी जाए. कश्मीरी गेट स्थित मदरसा अब्दुर रब के शेखुल हदीस मौलाना इफ्तिखार मदनी ने कहा कि कोरोना की वजह से जैसे दूसरे शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद थे. ठीक उसी तरह दिल्ली के मदरसे भी पूरी तरह से सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए साल भर से बंद हैं.
उन्होंने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है. अब सबकुछ सामान्य होने लगा है और दिल्ली सरकार ने स्कूल, कॉलेज व दूसरे शिक्षण संस्थान खोल दिए हैं. अब सरकार को चाहिए कि मदरसों और वहां पढ़ने की तरफ भी ध्यान दें.
इस मौके पर मदरसा जामिया तैयबात के प्रिंसिपल शमीम आदिल कासमी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जैसा कि स्कूल कॉलेज के साथ दूसरे शिक्षण संस्थानों को भी खोल दिया है. ऐसे में अब दिल्ली के मदरसों की तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने सरकार से कहा कि सरकार को मदरसों को भी खोले जाने की इजाजत दे देनी चाहिए, ताकि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रह सके.