नई दिल्ली: नेशनल हाईवे के नाम पर दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर मुकरबा चौक से सिंधु बॉर्डर तक लाइट की सुविधा तक नहीं है. शाम होते ही हाईवे पर अंधेरा छा जाता है. मुकरबा चौक से सिंघु बॉर्डर तक करीब 15 किलोमीटर का हाईवे है, जिस पर लोग रात के अंधेरे में सफर करने को मजबूर हैं. अंधेरा होने की वजह से कई बार हादसे भी होते हैं. ईटीवी भारत की टीम हाईवे का जायजा लेने पहुंची.
कुछ ही लाइटें लगी
ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे मुकरबा चौक से सिंघु बॉर्डर तक लगी लाइटों की पड़ताल की तो देखा गया कि उसमें ज्यादातर लाइटें खंभों पर नहीं लगी है. करीब 15 किलोमीटर की हाईवे पर कुछ ही लाइट है जो रात के समय जलती हैं. ज्यादातर खंभों पर लाइट नहीं होने की वजह से अंधेरा छा जाता है और लोग हादसों के शिकार भी होते हैं.
लॉकडाउन के बाद स्थिति होगी पहले जैसी
उत्तम नगर से सिंघु बॉर्डर तक जाने वाले राहगीर विजय कुमार ने बताया कि अक्सर इसी हाईवे से ऑफिस आना-जाना करते हैं. पिछले कई महीनों से हाईवे पर लाइट नहीं जलती, रात में हादसे भी होते हैं. लेकिन इन सबके पीछे बस वाहन चालक जिम्मेदार माने जाते हैं. साथ ही यह भी बताया कि हाईवे पर पुलिस पेट्रोलिंग भी नहीं होती. अभी तो लॉकडाउन चल रहा है जिसकी वजह से लोग जल्दी अपने घर पहुंच जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद पहले जैसी भयानक स्थिति होने वाली है. क्योंकि हाईवे पर गाड़ियां फर्राटा भर्ती है, जिसकी वजह से बड़े हादसे भी होते हैं. जिनमे लोगों की जान भी चली जाती है.
जल्द हो समाधान
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भी हाईवे पर लाइट ना होने के बारे में पत्र लिखकर जानकारी दी गई. साथ ही स्थानीय विधायक से भी हाइवे पर लाइटे ना होने के बारे में शिकायत की गई. लेकिन कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है. इलाके के लोग दिल्ली सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया दोनों से मांग कर रहे हैं कि लोगों की समस्या का समाधान जल्द करें ताकि रात के अंधेरे में हादसों को टाला जा सके.