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दिल्ली के किसानों का आरोप, पराली जलाने के फर्जी चालान भेज रही सरकार - दिल्ली किसान पराली चालान

बाहरी दिल्ली के दरियापुर गांव में किसानों का आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए पराली को नहीं जलाई है, फिर भी उनके पास पराली जलाने को लेकर 50 हजार रुपये तक के चालान आए हैं.

Farmer's charge on invoice brought to burn stubble
पराली जलाने को लेकर आए चालान पर किसानों का आरोप
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Published : Nov 24, 2020, 7:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने किसानों से धान की पराली ना जलाने के लिए आग्रह किया था और बायो डी कंपोजर के माध्यम से पराली को गलाकार जैविक खाद बनाने के लिए केमिकल का छिड़काव करने के लिए कहा था. हालांकि दिल्ली के हिरणकी गांव में खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के बीच गए और किसानों को पराली के ऊपर बायो डी कंपोजर केमिकल का छिड़काव भी करके दिखाया और साथ ही बताया कि करीब 20 से 25 दिन में पराली पूरी तरह से गल कर खाद बन जाएगी.

राली जलाने के फर्जी चालान भेज रही सरकार.

किसान का 50000 रुपये का आया चालान

बाहरी दिल्ली के दरियापुर गांव में बीजेपी के नेता किसानों के पास पहुंचे और बताया कि दिल्ली के किसानों का केजरीवाल मजाक बना रहे हैं. केजरीवाल ने झूठ बोलकर किसानों से पराली नहीं जलाने को कहा और किसानों ने झांसे में आकर पराली के ढेर लगा दिए, अब किसान परेशान हैं कि पराली नहीं जलाने के बाद भी उनके 50 हजार रुपये तक के चालान आए हैं.

दरियापुर गांव के रहने वाले किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास में ही खेत है और वह दूसरों की जमीन भी ठेके पर लेकर खेती कर रहे हैं. पराली का ढेर खेत में ही लगा हुआ है, उसके बावजूद भी किसी ने उनकी शिकायत झूठे फोटो देखकर अधिकारियों से कर दी. जिसके बाद उन्हें 50 हजार रुपए का चालान थमा दिया गया है और चालान आने के बाद से वह परेशान हैं अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें.

गेहूं की फसल की बुवाई में हो रही देरी

गांव के ही युवा किसान मनीष कुमार बता रहे हैं कि केजरीवाल सरकार लोगों को पराली न जलाने के बारे में तो बता रही है, यदि किसान अपनी पराली को यहां से नहीं उठाएंगे तो अगली फसल के लिए लेट होते हैं. अब धान की फसल की कटाई के बाद गेहूं की फसल की बुवाई की जाती है.

खेत में पराली के पड़े होने से किसान नई फसल की बुवाई के लिए देरी से चल रहे हैं और जिसका खामियाजा उन्हें गेंहू की फसल की कटाई के दौरान उठाना पड़ सकता है. किसानों का आरोप है कि दिल्ली सरकार किसानों को प्रदूषण कम करने के लिए समझा रही है और पराली न जलाने के लिए भी लोगों को बता रही है. लेकिन अब किसान अगली फसल को लेकर लेट हो रहे हैं तो अब वह क्या करें.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने किसानों से धान की पराली ना जलाने के लिए आग्रह किया था और बायो डी कंपोजर के माध्यम से पराली को गलाकार जैविक खाद बनाने के लिए केमिकल का छिड़काव करने के लिए कहा था. हालांकि दिल्ली के हिरणकी गांव में खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के बीच गए और किसानों को पराली के ऊपर बायो डी कंपोजर केमिकल का छिड़काव भी करके दिखाया और साथ ही बताया कि करीब 20 से 25 दिन में पराली पूरी तरह से गल कर खाद बन जाएगी.

राली जलाने के फर्जी चालान भेज रही सरकार.

किसान का 50000 रुपये का आया चालान

बाहरी दिल्ली के दरियापुर गांव में बीजेपी के नेता किसानों के पास पहुंचे और बताया कि दिल्ली के किसानों का केजरीवाल मजाक बना रहे हैं. केजरीवाल ने झूठ बोलकर किसानों से पराली नहीं जलाने को कहा और किसानों ने झांसे में आकर पराली के ढेर लगा दिए, अब किसान परेशान हैं कि पराली नहीं जलाने के बाद भी उनके 50 हजार रुपये तक के चालान आए हैं.

दरियापुर गांव के रहने वाले किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास में ही खेत है और वह दूसरों की जमीन भी ठेके पर लेकर खेती कर रहे हैं. पराली का ढेर खेत में ही लगा हुआ है, उसके बावजूद भी किसी ने उनकी शिकायत झूठे फोटो देखकर अधिकारियों से कर दी. जिसके बाद उन्हें 50 हजार रुपए का चालान थमा दिया गया है और चालान आने के बाद से वह परेशान हैं अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें.

गेहूं की फसल की बुवाई में हो रही देरी

गांव के ही युवा किसान मनीष कुमार बता रहे हैं कि केजरीवाल सरकार लोगों को पराली न जलाने के बारे में तो बता रही है, यदि किसान अपनी पराली को यहां से नहीं उठाएंगे तो अगली फसल के लिए लेट होते हैं. अब धान की फसल की कटाई के बाद गेहूं की फसल की बुवाई की जाती है.

खेत में पराली के पड़े होने से किसान नई फसल की बुवाई के लिए देरी से चल रहे हैं और जिसका खामियाजा उन्हें गेंहू की फसल की कटाई के दौरान उठाना पड़ सकता है. किसानों का आरोप है कि दिल्ली सरकार किसानों को प्रदूषण कम करने के लिए समझा रही है और पराली न जलाने के लिए भी लोगों को बता रही है. लेकिन अब किसान अगली फसल को लेकर लेट हो रहे हैं तो अब वह क्या करें.

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