नई दिल्ली: दिल्ली के सुल्तानपुरी (Sultanpuri) और नांगलोई (Nangloi) के लोगों को करीब एक दशक से ज्यादा समय से फ्लाईओवर का इंतजार है. सुल्तानपुरी (Sultanpuri) और नांगलोई (Nangloi) के बीच बनने वाले फ्लाईओवर का विकास कार्य आज भी अधर में लटका हुआ है. आलम यह है कि आसपास के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. स्थिति यह हो गई है कि लोगों के लिए एक वरदान की तरह काम करने वाला पुल आज लोगों के लिए अभिशाप बन गया है.
सुल्तानपुरी और नांगलोई को जोड़ने वाला पुल
दिल्ली में सरकारी परियोजनाओं (delhi government projects) का हाल अकसर ऐसा रहता है कि कोई भी परियोजना समय पर पूरी नहीं होती है, जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को ही भुगतना पड़ता है. ऐसा ही हाल दिल्ली के सुल्तानपुरी और नांगलोई को जोड़ने वाले पुल के निर्माण कार्य का भी देखने को मिल रहा है. इस परियोजना से न केवल सुल्तानपुरी से नांगलोई के बीच का रास्ता आसान हो जाएगा बल्कि इससे आसपास के लोगों को भी काफी सुविधा मिलेगी.
लेकिन यही परियोजना सुल्तानपुरी और नांगलोई के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. दरअसल इस परियोजना को कांग्रेस के शासनकाल में मंजूरी दी गई थी. उसके बाद कैलेंडर बदला, दिल्ली की सरकार बदली अगर नहीं बदली तो यहां की तस्वीर. करीब एक दशक से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन इस पुल का निर्माण आज तक पूरा नहीं किया जा सका.
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बीच में ही छोड़ दिया गया था कार्य
इस बीच कई बार इस पुल को बनाने का काम शुरू किया गया, लेकिन हर बार इसे बीच में ही छोड़ दिया गया है. सुल्तानपुरी और नांगलोई के लोगों को दशकों से इस पुल का इंतजार है, लेकिन सरकारी तंत्र के कार्यशैली के ढुलमुल रवैये का ही परिणाम है कि लोगों का इंतजार समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है. आलम यह हो गया है कि स्थानीय लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं. जिस पुल को लोग वरदान मानकर चल रहे थे, आज वही पुल लोगों के लिए अभिशाप की तरह बन गया है. लोगों की मानें तो आज तक वे समझ नहीं पाए हैं कि आखिरकार किन कारणों से यह विकास कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ.
2010 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
करीब एक दशक बीत जाने के बाद भी इस पुल का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. नतीजतन जो विकास कार्य लोगों को सहूलियत प्रदान करता आज वही विकास कार्य लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. स्थानीय लोगों और मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि करीब 2010 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन आज तक यह पुल बन कर तैयार नहीं हो पाया है, जिसके कारण यहां राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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यहां के दुकानदारों को हो रही समस्याएं
इसके अलावा मार्केट के व्यापारियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. दुकानदारों का कहना है कि जब से इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ है तब से ही लोगों के व्यवसाय पर भी काफी असर पड़ा है. दुकानदारों का कहना है कि पुल के निर्माण कार्य के कारण गलियां संकरी हो गई हैं, जिसके कारण यहां ग्राहक भी आने से बचते हैं. दुकानदारों का व्यापार लगभग ठप्प हो गया है. लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इस पुल का निर्माण कार्य पूरा किया जाए ताकि लोगों को सहूलियत मिल सके. स्थानीय लोगों ने और दुकानदारों ने सरकार से गुहार लगाई है कि इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा किया जाए.
टूटती जा रही लोगों की उम्मीद
बहरहाल आज एक दशक से भी ज्यादा का समय बीत जाने के कारण अब लोगों की उम्मीद भी टूटती नजर आ रही है. आज यहां के लोग न केवल इस परियोजना को अपने लिए एक अभिशाप की तरह मान रहे हैं, बल्कि सरकार को भी जमकर कोस रहे हैं, क्योंकि लोगों का मानना है कि सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण ही इस पुल का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. लिहाजा देखना लाज़मी होगा कि सरकार द्वारा यह पुल कब तक तैयार कर जनता को समर्पित कर दिया जाता है, ताकि लोगों को सहूलियत मिल सके.