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आंदोलन में ट्रॉलियां भरकर गन्ने भेज रहे किसान, गन्ने के रस का भी चल रहा लंगर

पिछले कई दिनों से दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. इसी बीच पंजाब से किसान आंदोलनकारियों के लिए ट्रॉली भर कर गन्ने भिजवा रहे हैं और अन्य लंगर की तरह गन्ने का रस भी किसानों को पिलाया जा रहा है.

sugarcane juice langer on the singhu border
सिंघु बॉर्डर किसान आंदोलन
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Published : Dec 18, 2020, 5:38 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के सिंघु बॉर्डर किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून बिल को रद्द करने की मांग के बीच घमासान जारी है. इसी बीच पंजाब से किसान आंदोलनकारियों के लिए आंदोलन को जायकेदार बनाने के मकसद से गन्ने की ट्रॉली भर कर भिजवा रहे हैं. गन्ने का रस निकालकर आंदोलन में भाग ले रहे किसानों को पिलाया जा रहा है.

सिंघु बॉर्डर पर गन्ने के रस का भी चल रहा लंगर

ईटीवी भारत से बात करते हुए गन्ना किसान मनप्रीत सिंह ने कहा कि हम लोगों को आंदोलन में ट्रॉलियां भरकर गन्ने भेजने से नुकसान तो हो रहा है, लेकिन कहीं ना कहीं इस बात का भी फायदा मिल रहा है कि यह गन्ना मंडी में सस्ते रेट पर जाएगा, उससे बेहतर है हम अपने आंदोलनकारी किसान भाइयों को गन्ने का रस पिला रहे हैं. जब तक आंदोलन चलेगा इसी तरह से गन्ने की ट्रॉलियां भरकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आती रहेंगी और किसान गन्ने के जायकेदार रस का मजा उठाते रहेंगे.

दूसरे लंगर की तरह गन्ने के रस का भी लंगर चल रहा है

पंजाब के चमकौर से हजारों क्विंटल गन्ना ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आ रहा है. पिछले करीब एक सप्ताह से आंदोलनकारी किसानों को गन्ने का रस पिला रहे हैं. गन्ने का रस पीने के लिए भीड़ लगी हुई है, लेकिन इसी बीच साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जा रहा है. गन्ने का रस निकालने वाले शख्स ने बताया कि यहां पर हजारों लीटर गन्ने का रस रोज निकाला जा रहा है और आंदोलन में जिस तरह से दूसरे लंगर चल रहे हैं उसी तरह गन्ने के रस का भी लंगर चल रहा है.

कैसे होगा समाधान..?

अब देखने वाली बात यह होगी कि किसान और सरकार के बीच 3 हफ्तों से चल रहे घमासान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्यप्रदेश में किसानों को संवाद के माध्यम से समझाने की कोशिश भी कर रहे हैं. किस तरीके से प्रधानमंत्री किसानों को अपनी बात समझाने में सफल होते हैं और कब आंदोलन खत्म होगा. जिसकी वजह से दिल्ली ही नहीं उतरी भारत में हाईवे के द्वारा आने जाने वाले लोग भी परेशान हैं.

नई दिल्लीः दिल्ली के सिंघु बॉर्डर किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून बिल को रद्द करने की मांग के बीच घमासान जारी है. इसी बीच पंजाब से किसान आंदोलनकारियों के लिए आंदोलन को जायकेदार बनाने के मकसद से गन्ने की ट्रॉली भर कर भिजवा रहे हैं. गन्ने का रस निकालकर आंदोलन में भाग ले रहे किसानों को पिलाया जा रहा है.

सिंघु बॉर्डर पर गन्ने के रस का भी चल रहा लंगर

ईटीवी भारत से बात करते हुए गन्ना किसान मनप्रीत सिंह ने कहा कि हम लोगों को आंदोलन में ट्रॉलियां भरकर गन्ने भेजने से नुकसान तो हो रहा है, लेकिन कहीं ना कहीं इस बात का भी फायदा मिल रहा है कि यह गन्ना मंडी में सस्ते रेट पर जाएगा, उससे बेहतर है हम अपने आंदोलनकारी किसान भाइयों को गन्ने का रस पिला रहे हैं. जब तक आंदोलन चलेगा इसी तरह से गन्ने की ट्रॉलियां भरकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आती रहेंगी और किसान गन्ने के जायकेदार रस का मजा उठाते रहेंगे.

दूसरे लंगर की तरह गन्ने के रस का भी लंगर चल रहा है

पंजाब के चमकौर से हजारों क्विंटल गन्ना ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आ रहा है. पिछले करीब एक सप्ताह से आंदोलनकारी किसानों को गन्ने का रस पिला रहे हैं. गन्ने का रस पीने के लिए भीड़ लगी हुई है, लेकिन इसी बीच साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जा रहा है. गन्ने का रस निकालने वाले शख्स ने बताया कि यहां पर हजारों लीटर गन्ने का रस रोज निकाला जा रहा है और आंदोलन में जिस तरह से दूसरे लंगर चल रहे हैं उसी तरह गन्ने के रस का भी लंगर चल रहा है.

कैसे होगा समाधान..?

अब देखने वाली बात यह होगी कि किसान और सरकार के बीच 3 हफ्तों से चल रहे घमासान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्यप्रदेश में किसानों को संवाद के माध्यम से समझाने की कोशिश भी कर रहे हैं. किस तरीके से प्रधानमंत्री किसानों को अपनी बात समझाने में सफल होते हैं और कब आंदोलन खत्म होगा. जिसकी वजह से दिल्ली ही नहीं उतरी भारत में हाईवे के द्वारा आने जाने वाले लोग भी परेशान हैं.

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