नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच की अलग अलग टीम ने दिल्ली और यूपी के यूनिवर्सिटी और कॉलेज एरिया में स्टूडेंट्स को ऑर्गेनिक गांजा, MDMA ड्रग्स पहुंचाने वाले बड़े मामले का खुलासा करते हुए तीन छात्रों सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अब इस मामले में क्राइम ब्रांच की पुलिस टीम आगे की जानकारी इकट्ठा करने में लगी हुई है. इसमें नोएडा के एक बड़े हाई प्रोफाइल यूनिवर्सिटी और दिल्ली के प्राइवेट हाई प्रोफाइल कालेज के वर्तमान स्टूडेंट को गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों के पास से 20 लाख से ज्यादा कीमत के MDMA ड्रग्स, 1200 ग्राम ऑर्गेनिक गांजा, 48 ग्राम फाइन क्वालिटी का गांजा और 100 ग्राम हाइब्रिड गंजा की खेप बरामद की गई.
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया की स्टूडेंट का यह गैंग मणिपुर से लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर तक फैला हुआ है, जो ऑर्गेनिक गांजा और एमडीएमए ड्रग्स की तस्करी में शामिल था. पकड़े गए आरोपियों की पहचान लक्ष्य भाटिया, गिरिक अग्रवाल, खालिद जफर, नोंगमैथम, थियम रविकांत सिंह और रुद्रांश गुप्ता के रूप में हुई है. ये सभी दिल्ली के उत्तम नगर, द्वारका, यूपी, मनीपुर और गुरुग्राम के रहने वाले हैं. इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर भी दर्ज की गयी है. साथ ही इस तस्करी में इस्तेमाल कार को भी जब्त कर लिया गया है.
डीसीपी अमित गोयल की देखरेख में एसीपी अनिल कुमार शर्मा, की टीम को लोकल इंटेलीजेंस के आधार पर पता चला की कानपुर, उत्तर प्रदेश का और मणिपुर का इंटरस्टेट ड्रग तस्कर गिरोह ऑर्गेनिक गांजा और एमडीएमए ड्रग्स की सप्लाई में लिप्त है. इसके बाद टीम ने ककरोला मोड़, द्वारका में छापा मारा जहां से लक्ष्य भाटिया को पकड़ा. उसने बताया कि वह अपने सहयोगी गिरिक अग्रवाल के साथ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को ड्रग्स की सप्लाई कराता है.
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इसके बाद गिरिक अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान लक्ष्य भाटिया ने खुलासा किया कि वह अपने सहयोगी गिरिक अग्रवाल के साथ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को ड्रग्स की सप्लाई कराता था. उसने खुलासा किया कि जब भी उसे ड्रग्स की आवश्यकता होती थी तो वे लोग कानपुर के रहने वाले खालिद जफर के जरिये ड्रग्स लेता था. फिर उसकी निशानदेही पर गिरोह के मास्टर माइंड खालिद जफर को कानपुर से गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार, लक्ष्य भाटिया और खालिद जफर नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी में एक-दूसरे से मिले थे और दोनों ड्रग के आदि हो गए. बाद में वे मिलकर कॉलेज के स्टूडेंट्स को ड्रग्स की आपूर्ति करने लगे. फिर लक्ष्य भाटिया ने गिरिक अग्रवाल के माध्यम से खालिद जफर द्वारा ड्रग्स खरीदकर फिर दिल्ली और नोएडा में स्थित अलग अलग यूनिवर्सिटी में व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ड्रग्स की आपूर्ति करते थे.
लक्ष्य भाटिया एमिटी यूनिवर्सिटी का पूर्व स्टूडेंट है और वह नशे का आदी है. वह पिछले तीन सालों से एमिटी विश्वविद्यालय और अन्य एजुकेशन इंस्टीच्यूट् के स्टूडेंट को ड्रग्स की आपूर्ति करने में लिप्त है. गिरिक अग्रवाल दिल्ली के सूरजमल इंस्टीट्यूट, जनकपुरी से बीबीए थर्ड ईयर का छात्र था. वह सूरजमल इंस्टीट्यूट और अन्य कॉलेजों के स्टूडेंट्स को ड्रग्स की आपूर्ति करता है. वहीं गिरफ्तार किए गए तीन ड्रग सप्लायर थाईलैंड से ऑर्गेनिक गांजा की खेप ट्रांसपोर्ट करके भारत लाते थे और फिर यूनिवर्सिटी एरिया में व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क करके स्टूडेंट और दूसरे कस्टमर तक पहुंचाते थे.
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