ETV Bharat / state

दिल्ली में पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों का घोटाला, विपक्ष के आरोप का मंत्री ने नहीं दिया जवाब

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 18, 2023, 5:23 PM IST

Updated : Dec 18, 2023, 5:31 PM IST

Delhi Assembly: दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर BJP ने पैनिक बटन लगाने के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाया है. सोमवार को विधानसभा के सत्र के दौरान BJP नेता और नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने ACB की रिपोर्ट के हवाले से सरकार पर कई आरोप लगाए. पढ़ें पूरी खबर...

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने राजधानी में बसों और टैक्सियों में पैनिक बटन लगाने के नाम पर हुए सैकड़ों करोड़ रुपए के घोटाले का मुद्दा विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के नाम पर हुए इस घोटाले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो ने की है और अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली के खजाने से करोड़ों रुपए लूटे गए हैं. बिधूड़ी ने सदन में मौजूद परिवहन मंत्री से वक्तव्य की मांग की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया.

नेता विपक्ष ने नियम-280 के तहत विधानसभा में यह मामला उठाते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और परिवहन विभाग ने यही दावा करते हुए इसके लिए पैनिक बटन लगाने का फैसला किया था. दिल्ली में पैनिक बटन लगाने के नाम डीटीसी और क्लस्टर बसों के अलावा टैक्सी वालों से करोड़ों रुपए बटोरने की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को मिली थी. एंटी करप्शन ब्यूरो ने जब इसकी जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

प्राइवेट कंपनी को हुआ 95 करोड़ का भुगतानः बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में इस समय डीटीसी और क्लस्टर की 4600 बसों के अलावा 10 हजार प्राइवेट बसों में पैनिक बटन लगाए गए हैं. इसके अलावा 12 हजार टैक्सियों में भी यह पैनिक बटन लगाए गए. उन्होंने सदन को जानकारी दी कि एसीबी की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में पैनिक बटन खिलौना साबित हुए हैं. इसको लगाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को 95 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया. इसके अलावा 10 हजार बसों से प्रति वर्ष 22 हजार रुपए और 12 हजार टैक्सियों से 3 हजार रुपए प्रतिवर्ष लिए गए. यह योजना चार साल से लागू है. इस तरह सैकड़ों करोड़ रुपए वसूल किए जा चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायकों पर गलत तथ्य पेश करने का लगा आरोप, अब प्रिविलेज कमेटी करेगी जांच

कंपनी ने कंट्रोल रूम तक नहीं बनायाः नेता विपक्ष ने कहा कि एसीबी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि प्राइवेट कंपनी ने इसके लिए कमांड एंड कंट्रोल रूम ही नहीं बनाया. यह कंट्रोल रूम कश्मीरी गेट में स्थापित किया जाना था. यही नहीं चार साल में दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम को एक भी अलर्ट नहीं पहुंचा, जो इस कंट्रोल रूम से भेजा जाना था. पीसीआर तक इस कंट्रोल रूम की कोई कनेक्टिविटी नहीं थी. जब एसीबी के अधिकारियों ने औचक निरीक्षण करते हुए डीटीसी और क्लस्टर बसों में पैनिक बटन दबाया तो कहीं कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. बिधूड़ी ने कहा कि जब एंटी करप्शन ब्यूरो की रिपोर्ट आ चुकी है तो अब तक इस मामले में दोषी व्यक्तियों को सजा क्यों नहीं दी गई.

यह भी पढ़ेंः फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा करने का मामला: जानिए जाली पासपोर्ट पर आरोपितों ने की किस-किस देश की यात्रा

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने राजधानी में बसों और टैक्सियों में पैनिक बटन लगाने के नाम पर हुए सैकड़ों करोड़ रुपए के घोटाले का मुद्दा विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के नाम पर हुए इस घोटाले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो ने की है और अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली के खजाने से करोड़ों रुपए लूटे गए हैं. बिधूड़ी ने सदन में मौजूद परिवहन मंत्री से वक्तव्य की मांग की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया.

नेता विपक्ष ने नियम-280 के तहत विधानसभा में यह मामला उठाते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और परिवहन विभाग ने यही दावा करते हुए इसके लिए पैनिक बटन लगाने का फैसला किया था. दिल्ली में पैनिक बटन लगाने के नाम डीटीसी और क्लस्टर बसों के अलावा टैक्सी वालों से करोड़ों रुपए बटोरने की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को मिली थी. एंटी करप्शन ब्यूरो ने जब इसकी जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

प्राइवेट कंपनी को हुआ 95 करोड़ का भुगतानः बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में इस समय डीटीसी और क्लस्टर की 4600 बसों के अलावा 10 हजार प्राइवेट बसों में पैनिक बटन लगाए गए हैं. इसके अलावा 12 हजार टैक्सियों में भी यह पैनिक बटन लगाए गए. उन्होंने सदन को जानकारी दी कि एसीबी की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में पैनिक बटन खिलौना साबित हुए हैं. इसको लगाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को 95 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया. इसके अलावा 10 हजार बसों से प्रति वर्ष 22 हजार रुपए और 12 हजार टैक्सियों से 3 हजार रुपए प्रतिवर्ष लिए गए. यह योजना चार साल से लागू है. इस तरह सैकड़ों करोड़ रुपए वसूल किए जा चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायकों पर गलत तथ्य पेश करने का लगा आरोप, अब प्रिविलेज कमेटी करेगी जांच

कंपनी ने कंट्रोल रूम तक नहीं बनायाः नेता विपक्ष ने कहा कि एसीबी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि प्राइवेट कंपनी ने इसके लिए कमांड एंड कंट्रोल रूम ही नहीं बनाया. यह कंट्रोल रूम कश्मीरी गेट में स्थापित किया जाना था. यही नहीं चार साल में दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम को एक भी अलर्ट नहीं पहुंचा, जो इस कंट्रोल रूम से भेजा जाना था. पीसीआर तक इस कंट्रोल रूम की कोई कनेक्टिविटी नहीं थी. जब एसीबी के अधिकारियों ने औचक निरीक्षण करते हुए डीटीसी और क्लस्टर बसों में पैनिक बटन दबाया तो कहीं कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. बिधूड़ी ने कहा कि जब एंटी करप्शन ब्यूरो की रिपोर्ट आ चुकी है तो अब तक इस मामले में दोषी व्यक्तियों को सजा क्यों नहीं दी गई.

यह भी पढ़ेंः फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा करने का मामला: जानिए जाली पासपोर्ट पर आरोपितों ने की किस-किस देश की यात्रा

Last Updated : Dec 18, 2023, 5:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.