नई दिल्ली: विश्व तंबाकू दिवस पर दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में संजय गांधी अस्पताल प्रशासन द्वारा जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया. इसके माध्यम से अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ एस. के अरोड़ा ने स्कूली छात्रों को नशे को लेकर जागरूक किया.
डॉ अरोड़ा ने स्कूली छात्रों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया. हालांकि, इस दौरान स्कूली छात्रों में एक विशेष बात देखने को मिली, जिसमें यह बात सामने आई कि कई ऐसे स्कूली छात्र है, जो ई सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं. जागरुकता कार्यक्रम के दौरान मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने बच्चों से एक ई सिगरेट भी बरामद किया. ऐसे छात्रों को ई सिगरेट से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया.
अरोड़ा ने बताया कि ई सिगरेट एक साधारण सिगरेट से भी ज्यादा घातक और खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि एक साधारण सिगरेट के मुताबिक ई सिगरेट में निकोटीन की मात्रा ज्यादा होती है, जो आम सिगरेट से ज्यादा जानलेवा है. डॉ अरोड़ा ने बताया कि ई सिगरेट कि ज्यादा डोज़ लेने से उसकी जान भी जा सकती है. ज्यादातर बच्चे जानकारी के आभाव में ई सिगरेट का सेवन करते है, इसलिए जरुरी है कि बच्चों को स्कूल के समय से ही इस बाबत जागरूक किया जाए.
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गौरतलब है कि मंगोलपुरी जैसे इलाके में आयोजित इस कार्यक्रम से एक बात साफ हो गई है कि यहां छोटे-छोटे बच्चे भी नशे की ओर अपना ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. यह बेहतर समाज के लिए चिंता का विषय है. साथ ही एक बड़ा सवाल यह भी है कि जिस ई सिगरेट की बिक्री पर पाबंदी है, वो बड़े आसानी से बाजार में कैसे मिल रही है. यह शासन और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है. ऐसे में नशे के इस व्यापर को रोकने और बच्चो को नशे की लत से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा एक मुहीम चलाए जाने की जरूरत है.
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