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वृद्धावस्था पेंशन को लेकर दिल्ली सरकार दे रही गोलमोल जवाब- आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा - दिल्ली लेटेस्ट न्यूज

दिल्ली में बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन बीते 5 सालों से नहीं मिल रही है. इसके पीछे सरकार का कहना है कि पेंशन के लिए रिक्तियां नहीं है और यह सरकार का नीतिगत मामला है. इसे लेकर जरूरतमंद बुजुर्गों में सरकार के प्रति काफी रोष है. इसपर बात करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा (RTI activist Harpal Rana) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया.

government old age pension scheme
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Published : Nov 28, 2022, 2:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार वृद्धावस्था पेंशन को लेकर लगातार गोलमोल जवाब दे रही है. समाज कल्याण विभाग द्वारा आरटीआई में एक तरफ यह कहा जा रहा है कि वृद्धावस्था पेंशन में रिक्तियां नहीं है, तो दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि यहा सरकार का नीतिगत मामला है जिसके चलते दिल्ली के जरूरतमंद व गरीब बुजुर्गों को बीते 5 सालों से पेंशन नहीं मिल रही है. वहीं समाज कल्याण विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वृद्धावस्था पेंशन के लिए अब भी एक लाख से ज्यादा रिक्तियां मौजूद हैं. इस बारे में आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा (RTI activist Harpal Rana) ने विस्तार से बताया.

कादीपुर इलाके में रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन को साल 1995 में केंद्र सरकार द्वारा जरूरतमंद बुजुर्गों के लिए शुरू किया गया था. दिल्ली सरकार भी इसमें कुछ राशि जोड़कर जरूरतमंद व गरीब बुजुर्गों को देती है. लेकिन बीते पांच सालों से उन्हें पेशन नहीं मिल रही है. इसके लिए वह दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल से बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन को लेकर गुहार लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इसे लेकर दिल्ली सरकार की ओर से बेतुके जवाब दिए जा रहे हैं, जिसे लेकर वह हैरान हैं. उन्होंने कहा कि आरटीआई में जवाब में दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से बताया गया कि वृद्धावस्था पेंशन में अभी रिक्तियां नहीं है और यह सरकार का नीतिगत मामला है. वहीं विभाग की ओर से पहले जवाब मिला था कि 5.30 लाख पेंशनधारियों के आवेदन करने की सीमा निश्चित की गई है जिसमें से 4,29 210 लोगों ने पेंशन के आवेदन किया गया है. इससे यह साफ है कि सरकार गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है.

आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा

यह भी पढ़ें-दिल्ली: विकासपुरी में जनसभा के दौरान आप नेता ने किया दुर्गेश पाठक का विरोध

हरपाल राणा ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में कई ऐसे बुजुर्ग उनके संपर्क में है, जिन्हें बीते 5 सालों से पेंशन नहीं मिली है. पेंशन ना मिलने के कारण उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है. इन बुजुर्गों के लिए पेंशन ही एकमात्र सहारा है. बुजुर्गों को पेंशन न मिलने के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एक ओर जहां बुजुर्गों को योजना के तहत तीर्थ यात्रा करा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बेसहारा बुजुर्ग पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और राज्यपाल इसपर ध्यान दें और जल्द से जल्द वृद्धावस्था पेंशन शुरू करें.

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार वृद्धावस्था पेंशन को लेकर लगातार गोलमोल जवाब दे रही है. समाज कल्याण विभाग द्वारा आरटीआई में एक तरफ यह कहा जा रहा है कि वृद्धावस्था पेंशन में रिक्तियां नहीं है, तो दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि यहा सरकार का नीतिगत मामला है जिसके चलते दिल्ली के जरूरतमंद व गरीब बुजुर्गों को बीते 5 सालों से पेंशन नहीं मिल रही है. वहीं समाज कल्याण विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वृद्धावस्था पेंशन के लिए अब भी एक लाख से ज्यादा रिक्तियां मौजूद हैं. इस बारे में आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा (RTI activist Harpal Rana) ने विस्तार से बताया.

कादीपुर इलाके में रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन को साल 1995 में केंद्र सरकार द्वारा जरूरतमंद बुजुर्गों के लिए शुरू किया गया था. दिल्ली सरकार भी इसमें कुछ राशि जोड़कर जरूरतमंद व गरीब बुजुर्गों को देती है. लेकिन बीते पांच सालों से उन्हें पेशन नहीं मिल रही है. इसके लिए वह दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल से बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन को लेकर गुहार लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इसे लेकर दिल्ली सरकार की ओर से बेतुके जवाब दिए जा रहे हैं, जिसे लेकर वह हैरान हैं. उन्होंने कहा कि आरटीआई में जवाब में दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से बताया गया कि वृद्धावस्था पेंशन में अभी रिक्तियां नहीं है और यह सरकार का नीतिगत मामला है. वहीं विभाग की ओर से पहले जवाब मिला था कि 5.30 लाख पेंशनधारियों के आवेदन करने की सीमा निश्चित की गई है जिसमें से 4,29 210 लोगों ने पेंशन के आवेदन किया गया है. इससे यह साफ है कि सरकार गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है.

आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा

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हरपाल राणा ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में कई ऐसे बुजुर्ग उनके संपर्क में है, जिन्हें बीते 5 सालों से पेंशन नहीं मिली है. पेंशन ना मिलने के कारण उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है. इन बुजुर्गों के लिए पेंशन ही एकमात्र सहारा है. बुजुर्गों को पेंशन न मिलने के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एक ओर जहां बुजुर्गों को योजना के तहत तीर्थ यात्रा करा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बेसहारा बुजुर्ग पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और राज्यपाल इसपर ध्यान दें और जल्द से जल्द वृद्धावस्था पेंशन शुरू करें.

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