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'दिल्ली में ऑड इवन से ज्यादा जरूरी है ये काम, नहीं हुआ तो फैलेगी महामारी'

दिल्ली में ऑड इवन नवंबर में लागू होने जा रहा है. लोगों का कहना है कि इससे पर्यावरण बचाने में ज्यादा फायदा नहीं होगा. सरकार को पहले लैंडफिल साइट्स और पराली जैसे गंभीर कारकों पर ध्यान देना चाहिए.

दिल्ली में ऑड इवन
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Published : Oct 12, 2019, 1:51 PM IST

नई दिल्ली: प्रदूषण रोकने के लिए दोनों ही सरकारें तरह-तरह के कदम उठा रही हैं. कभी ऑड-इवन, कभी कार पूलिंग, कभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा तो कभी नदियों की सफाई के लिए हजारों करोड़ के फंड, लेकिन प्रदूषण फिर भी एक बड़ी समस्या बनकर चुनौती दे रहा है.

'लैंडफिल साइट्स और पराली जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान दे सरकार'

ईटीवी भारत की टीम पहुंची बाहरी रिंगरोड पर मुकरबा चौक के नजदीक बने कूड़े के विशालकाय पहाड़ के पास. इस कूड़े के पहाड़ की वजह से आसपास के इलाकों में काफी प्रदूषण फैल रहा है. क्योंकि ये रोज सुलगता रहता है और इसमें से कई विषैली गैसें निकलती हैं.

'सांस लेने में हो रही परेशानी'

आसपास से गुजरने वाले राहगीरों को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हमने कुछ लोगों से बात की तो पता चला कि ना सिर्फ आसपास रहने वाले लोग बल्कि आने जाने वाले लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

'महामारी फैलने का डर'

आम नागरिक से बात करके लगा कि वो पर्यावरण और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. मतलब साफ है कि सिर्फ सरकार ही नहीं, जनता भी जानती है कि अगर प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो कोई नई महामारी जन्म ले सकती है.

'ध्यान दे सरकार'

लोगों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए नवम्बर महीने से ऑड-इवन पॉलिसी लागू कर रही है. वहीं दूसरी ओर मुकरबा चौक पर बना कूड़े का ढेर लगातार प्रदूषण फैला रहा है. सरकार को पहले पराली और कूड़ा जलाने से निकलने वाले धुंए पर नियंत्रण करना चाहिए.

'ऑड- इवन से नहीं होगा फायदा'

लोगों ने कहा कि दिल्ली में ऑड इवन लागू करने से ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा. यदि सरकार को प्रदूषण पर लगाम लगानी है तो दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाई जाए और भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगने वाली आग पर काबू पाया जाए.

नई दिल्ली: प्रदूषण रोकने के लिए दोनों ही सरकारें तरह-तरह के कदम उठा रही हैं. कभी ऑड-इवन, कभी कार पूलिंग, कभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा तो कभी नदियों की सफाई के लिए हजारों करोड़ के फंड, लेकिन प्रदूषण फिर भी एक बड़ी समस्या बनकर चुनौती दे रहा है.

'लैंडफिल साइट्स और पराली जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान दे सरकार'

ईटीवी भारत की टीम पहुंची बाहरी रिंगरोड पर मुकरबा चौक के नजदीक बने कूड़े के विशालकाय पहाड़ के पास. इस कूड़े के पहाड़ की वजह से आसपास के इलाकों में काफी प्रदूषण फैल रहा है. क्योंकि ये रोज सुलगता रहता है और इसमें से कई विषैली गैसें निकलती हैं.

'सांस लेने में हो रही परेशानी'

आसपास से गुजरने वाले राहगीरों को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हमने कुछ लोगों से बात की तो पता चला कि ना सिर्फ आसपास रहने वाले लोग बल्कि आने जाने वाले लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

'महामारी फैलने का डर'

आम नागरिक से बात करके लगा कि वो पर्यावरण और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. मतलब साफ है कि सिर्फ सरकार ही नहीं, जनता भी जानती है कि अगर प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो कोई नई महामारी जन्म ले सकती है.

'ध्यान दे सरकार'

लोगों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए नवम्बर महीने से ऑड-इवन पॉलिसी लागू कर रही है. वहीं दूसरी ओर मुकरबा चौक पर बना कूड़े का ढेर लगातार प्रदूषण फैला रहा है. सरकार को पहले पराली और कूड़ा जलाने से निकलने वाले धुंए पर नियंत्रण करना चाहिए.

'ऑड- इवन से नहीं होगा फायदा'

लोगों ने कहा कि दिल्ली में ऑड इवन लागू करने से ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा. यदि सरकार को प्रदूषण पर लगाम लगानी है तो दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाई जाए और भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगने वाली आग पर काबू पाया जाए.

Intro:नॉर्थ वेस्ट दिल्ली,

लोकेशन -बाहरी रिंग रोड मुकरबा चौक ।

बाइट - वीरेंदर सिंह और विनोद शर्मा राहगीर ।

स्टोरी - राजधानी दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए दोनों ही सरकारे तरह-तरह की कदम उठा रही । लेकिन प्रदूषण लोगों के लिए समस्या बनता जा रहा है । बाहरी रिंगरोड पर मुकरबा चौक के पास बने कूड़े के खत्ते की वजह से आसपास के इलाकों में काफी प्रदूषण फैल रहा है । जिससे खत्ते के आसपास बसी कॉलोनियों में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । कूड़े से निकलने वाले जहरीले धुंए से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी होती है ।


Body:दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए नवम्बर महीने से ऑड - इवन पॉलिसी नवंबर में लागू कर रही है । वहीं दूसरी ओर मुकरबा चौक पर बना कुड़े का खत्ता दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रहा है । खत्ते के नीचे बसी कॉलोनी लोगों के जनजीवन को काफी प्रभावित कर रही है । दिल्ली में 4 नवंबर से ऑड-इवन पॉलिसी लागू होने के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार जिस तरह के कदम उठा रही है उससे पहले प्रदूषण को रोकने के लिए पराली जलाने पर रोक ओर कूड़े के खत्ते से निकलने वाले जहरीले धुंए पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है ।

दिल्ली के लोगों का कहना है कि दिल्ली में ऑडी वन लागू करने से ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा । यदि सरकार को प्रदूषण पर लगाम लगानी है तो दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाई जाए और उन साथ ही भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगने वाली आग पर काबू पाया जाए । जोकि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए बेहद जरूरी कदम है । जब खत्ते से धुआ निकलता है तो कई किलोमीटर तक सांस लेना मुश्किल हो जाता है ।


Conclusion:दिल्ली में दिवाली के आसपास प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा होता है । बढ़ते प्रदूषण पर काबू करने के लिए लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है ।
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