नई दिल्ली: नरेला में 36 हेक्टेयर जमीन का लैंड यूज कर उसे कमर्शियल से पब्लिक और सेमी पब्लिक में बदलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी है. अब यहां पर एजुकेशनल हब बनेगा. इसके अलावा कई महत्वपूर्ण फैसले भी डीडीए बोर्ड की बैठक में लिए गए.
बुधवार को डीडीए बोर्ड की बैठक उपराज्यपाल निवास पर आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता उपराज्यपाल अनिल बैजल ने की.
जमीन कमर्शियल से पब्लिक और सेमी पब्लिक में बदलेगा
इस बैठक में कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इसमें यह तय किया गया कि नरेला सब सिटी में एजुकेशनल हब बनाया जाएगा. यहां पर 36.6 हेक्टेयर जमीन का लैंड यूज़ कमर्शियल से पब्लिक और सेमी पब्लिक में बदला जा रहा है.
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि इस जगह पर अब हजारों महिला छात्रों की क्षमता वाली इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी का कैंपस स्थापित किया जा सकेगा. इसी तरह से इतने ही बड़े प्लॉट का जी2 नरेला पॉकेट में भी कमर्शियल से लैंड यूज चेंज कर दिया गया है.
चार श्रेणियों में गोद ले सकेंगे पार्क
इस बैठक में पार्क को गोद लेने की संसोधित पॉलिसी पर मुहर लगाई गई. इस पॉलिसी में 4 योजनाओं के तहत पार्क को गोद लिया जा सकता है. इन श्रेणियों में अपग्रेडेशन तथा रखरखाव, पूर्ण रखरखाव, पार्क के कुछ हिस्से का रखरखाव और प्ले इक्विपमेंट लगाने की सुविधा शामिल है. इसमें पार्क को 3 साल देखरेख के लिए गोद दिया जाएगा और प्रत्येक 3 साल पर उसे रिन्यू किया जाएगा. अधिकतम 12 साल तक पार्क की देखरेख की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
इस नई पॉलिसी के तहत पार्क को गोद लेने के लिए कोई कॉरपोरेट बॉडी या कंपनी कंपनीज एक्ट 2013 के तहत पंजीकृत होनी चाहिए. अगर कोई सोसायटी पार्क गोद लेना चाहती है तो वह सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1807 के तहत पंजीकृत होनी चाहिए. अगर कोई पब्लिक सेक्टर में यह आरडब्लूए पार्क गोद लेना चाहता है तो उसका भी पंजीकरण होना आवश्यक है.
रिहायशी इलाकों में रख सकेंगे दवाइयां
डीडीए की बोर्ड मीटिंग में दवाइयों के स्टॉक रखने वाले एवं होलसेल डीलरों को रिहायशी इलाके में दवा रखने की अनुमति के लिए मिक्स लैंड यूज़ का प्रस्ताव पास किया है. इसके अलावा मुकरबा चौक पर 14.6 हेक्टेयर कमर्शियल जमीन को रेजिडेंशियल में बदला गया है. यहां पर रेजिडेंट ग्रुप हाउसिंग फैसिलिटी के लिए इसे बदला गया है.
बिल्डिंग बायलॉज में परिवर्तन
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता के अनुसार डीडीए ने मां और बच्चे के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए बिल्डिंग बायलॉज में परिवर्तन की योजना को पास किया है. इसके साथ ही विद्युत से चलने वाली गाड़ियों की चार्जिंग के लिए भी बायलॉज के परिवर्तन की अनुमति दे दी गई है.
सभी प्राइवेट तथा सार्वजनिक भवनों में चाइल्ड केयर रूम बनाए जा सकेंगे. इसके अलावा विद्युत चार्जिंग पॉइंट भी निर्मित करने की अनुमति दे दी गई है. इन परिवर्तनों को कानूनी रूप देने के लिए एकीकृत बिल्डिंग बायलॉज 2016 में परिवर्तन किए जाएंगे.