ETV Bharat / state

किराड़ीः मंदिर में नाग देवता को दूध चढ़ाकर मनाई गई नाग पंचमी

किराड़ी के नाग मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालने करते हुए नाग देवता की पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान मंदिर के पंडित और भक्तों ने नांगपंचमी के ऐतिहासिक महत्वों के बारे में बताया.

author img

By

Published : Jul 25, 2020, 7:50 PM IST

Updated : Jul 25, 2020, 10:53 PM IST

milk offering to nag devta in kiradi nag temple
किराड़ी नाग मंदिर

नई दिल्लीः किराड़ी के नाग मंदिर में नाग देवता की पूजा-अर्चना की गई. श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नाग देवता को दूध चढ़ाया. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है. शास्त्रों की माने तो नाग देवता को दूध पिलाने का प्रावधान नहीं है, बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है.

नाग देवता को दूध चढ़ाकर किया गया अभिषेक

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल

श्रद्धालुओं ने बताया कि नाग पंचमी हम लोग बड़ी धूमधाम मनाते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार भीड़ नहीं है. मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भोलेनाथ को जब हम पूजते हैं, तो साथ में नाग देवता को भी पूजा जाता है.

मंदिर के पंडित ने कहा कि श्रद्धाभाव के साथ से नाग देवता की पूजा करने पर मनोकामना भी पूर्ण होती है और दोष भी दूर हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे त्योहार नाग पंचमी से ही शुरू होते हैं. सृष्टि को फन पर धारण करने वाले शेषनाग ही हैं, इसलिए हम लोग नागपंचमी को महत्व देते हैं और शेषनाग का दूध से अभिषेक करते हैं.

नई दिल्लीः किराड़ी के नाग मंदिर में नाग देवता की पूजा-अर्चना की गई. श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नाग देवता को दूध चढ़ाया. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है. शास्त्रों की माने तो नाग देवता को दूध पिलाने का प्रावधान नहीं है, बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है.

नाग देवता को दूध चढ़ाकर किया गया अभिषेक

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल

श्रद्धालुओं ने बताया कि नाग पंचमी हम लोग बड़ी धूमधाम मनाते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार भीड़ नहीं है. मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भोलेनाथ को जब हम पूजते हैं, तो साथ में नाग देवता को भी पूजा जाता है.

मंदिर के पंडित ने कहा कि श्रद्धाभाव के साथ से नाग देवता की पूजा करने पर मनोकामना भी पूर्ण होती है और दोष भी दूर हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे त्योहार नाग पंचमी से ही शुरू होते हैं. सृष्टि को फन पर धारण करने वाले शेषनाग ही हैं, इसलिए हम लोग नागपंचमी को महत्व देते हैं और शेषनाग का दूध से अभिषेक करते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2020, 10:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.