नई दिल्लीः किराड़ी के नाग मंदिर में नाग देवता की पूजा-अर्चना की गई. श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नाग देवता को दूध चढ़ाया. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है. शास्त्रों की माने तो नाग देवता को दूध पिलाने का प्रावधान नहीं है, बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है.
सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल
श्रद्धालुओं ने बताया कि नाग पंचमी हम लोग बड़ी धूमधाम मनाते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार भीड़ नहीं है. मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भोलेनाथ को जब हम पूजते हैं, तो साथ में नाग देवता को भी पूजा जाता है.
मंदिर के पंडित ने कहा कि श्रद्धाभाव के साथ से नाग देवता की पूजा करने पर मनोकामना भी पूर्ण होती है और दोष भी दूर हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे त्योहार नाग पंचमी से ही शुरू होते हैं. सृष्टि को फन पर धारण करने वाले शेषनाग ही हैं, इसलिए हम लोग नागपंचमी को महत्व देते हैं और शेषनाग का दूध से अभिषेक करते हैं.