नई दिल्ली : दिल्ली के बख्तावरपुर (Austerity in Bakhtawarpur) इलाके में पिछले कई सालों से एक महंत (Mahant) गर्मी में उपलों के अग्नि कुंड (fire pit) अंगार के बीच बैठकर 40 दिन की कठोर तपस्या करते थे, लेकिन इस बार प्रांगण में जगह नहीं मिलने के कारण तपस्या नहीं होगी. महंत ने बताया कि यह तपस्या (austerity) अग्नि कुंड के बीच बैठकर होती थी, लेकिन इस बार केवल सर्दी के मौसम में ठंडे पानी के बीच एक पैर पर खड़े होकर 40 दिन की तपस्या करेंगे.
अकबरपुर माजरा (Akbarpur Majra) गांव के मंदिर प्रांगण के पास पिछले कई सालों से उपलों से अग्निकुंड (fire pit) बनाकर उसके बीच में बैठकर तपस्या करने वाले महंत (Mahant) अनिल नाथ का कहना है कि वह यहां पर कई सालों से तपस्या करते हैं, लेकिन अब मंदिर प्रांगण और उसके आसपास ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां पर वह अपना अग्निकुंड बनाकर तपस्या (Austerity) कर सकें.
40 दिन तक कठोर तपस्या करते हैं
महंत ने कहा कि वह साल में दो बार तपस्या (austerity) करते हैं. गर्मी में जून के महीने में अग्निकुंड के बीच 40 दिन तक कठोर तपस्या करते हैं. सर्दियों में ठंडे पानी में यमुना नदी के बीच खड़े रहकर 40 दिनों तक तपस्या करते हैं. 40 दिन पूरे होने के बाद इलाके में एक भंडारे का आयोजन भी करते हैं.
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दूर-दूर से देखने आते थे लोग
महंत अनिल नाथ को अग्निकुंड और ठंडे पानी के बीच में तपस्या (austerity) करते हुए दूर-दूर के इलाके से भी लोग देखने आते थे. महंत का कहना है कि इस बार केवल सर्दियों में ठंडे पानी के बीच में नदी में खड़े होकर तपस्या होगी.
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