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किराड़ी: मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, दाने-दाने को हो रहे मोहताज

कोरोना के बाद बड़ी मुश्किल से मजदूरों की जिंदगी पटरी पर आई थी. वहीं अब किसान आंदोलन के कारण दोबारा मजदूरों के सामने आर्थिक तंगी आ गई है. ऐसा ही हाल दिल्ली के किराड़ी की 40 फुटा रोड का है.

labors not getting work at kirari
मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
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Published : Jan 29, 2021, 7:12 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना के काराण लागू हुए लॉकडाउन के कारण व्यापार पर काफी असर पड़ा. दिल्ली में अभी भी मजदूरों को काम के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसा ही किराड़ी की 40 फुटा रोड में रहने वाले मजदूरों का है. मजदूर काम की तलाश में घंटों इंतजार करते नजर आ जाते हैं. पूरा दिन रोजगार की तलाश में मजदूर सड़कों पर नजर आए. उनका कहना है कि उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है. कोरोना की वजह से लोग काम देने से डर रहे थे. अब दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन की वजह काम ठप पड़ गया है.

मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

काम की तलाश में रोजाना जाते है

मजदूरों का कहना है कि रोजाना सुबह वे नाग मंदिर पर 6 बजे आ जाते हैं. कई-कई दिन हो जाते हैं, काम नहीं मिलता है. हफ्ते में दो दिन ही काम मिल पाता है. उसी से परिवार का पालन पोषण करते हैं. दीनदयाल कहते है कि 15 साल से दिहाड़ी पर काम कर रहे है पर इस वक्त बहुत बुरी स्थिति है. रोजगार ना मिलने से भूखे मरने की नौबत आ गई है. हम गरीब मजदूरों का कोई भी सहारा नहीं है.

ये भी पढ़ें:-किराड़ी में एनजीओ ने जरूरतमंदों को बांटे कंबल

लेबर कार्ड का भी नहीं मिला फायदा

वहीं मजदूरी का काम करने वाले मुनेश्वर ठाकुर ने कहा कि वे पिछले 20 साल से काम कर रहा है. मैंने सोचा लेबर कार्ड से फायदा होगा. जितने भी मजदूर है, इसमें से आधे से ज्यादा मजदूरों का लेबर कार्ड रिन्यू नहीं हो पाया. लॉकडाउन से लेकर अब तक हमारे अकाउंट में 1 रुपये तक नहीं आया. पूर्व विधायक अनिल झा, वर्तमान विधायक ऋतुराज झा, पूर्व निगम पार्षद, वर्तमान निगम पार्षद से कई बार कह चुके हैं पर अभी तक हमरी समस्या का समाधान नहीं हो पाया.

नई दिल्ली: कोरोना के काराण लागू हुए लॉकडाउन के कारण व्यापार पर काफी असर पड़ा. दिल्ली में अभी भी मजदूरों को काम के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसा ही किराड़ी की 40 फुटा रोड में रहने वाले मजदूरों का है. मजदूर काम की तलाश में घंटों इंतजार करते नजर आ जाते हैं. पूरा दिन रोजगार की तलाश में मजदूर सड़कों पर नजर आए. उनका कहना है कि उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है. कोरोना की वजह से लोग काम देने से डर रहे थे. अब दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन की वजह काम ठप पड़ गया है.

मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

काम की तलाश में रोजाना जाते है

मजदूरों का कहना है कि रोजाना सुबह वे नाग मंदिर पर 6 बजे आ जाते हैं. कई-कई दिन हो जाते हैं, काम नहीं मिलता है. हफ्ते में दो दिन ही काम मिल पाता है. उसी से परिवार का पालन पोषण करते हैं. दीनदयाल कहते है कि 15 साल से दिहाड़ी पर काम कर रहे है पर इस वक्त बहुत बुरी स्थिति है. रोजगार ना मिलने से भूखे मरने की नौबत आ गई है. हम गरीब मजदूरों का कोई भी सहारा नहीं है.

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लेबर कार्ड का भी नहीं मिला फायदा

वहीं मजदूरी का काम करने वाले मुनेश्वर ठाकुर ने कहा कि वे पिछले 20 साल से काम कर रहा है. मैंने सोचा लेबर कार्ड से फायदा होगा. जितने भी मजदूर है, इसमें से आधे से ज्यादा मजदूरों का लेबर कार्ड रिन्यू नहीं हो पाया. लॉकडाउन से लेकर अब तक हमारे अकाउंट में 1 रुपये तक नहीं आया. पूर्व विधायक अनिल झा, वर्तमान विधायक ऋतुराज झा, पूर्व निगम पार्षद, वर्तमान निगम पार्षद से कई बार कह चुके हैं पर अभी तक हमरी समस्या का समाधान नहीं हो पाया.

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