नई दिल्लीः दिल्ली में हुई 18 जुलाई को मूसलाधार बारिश के बाद मिंटो ब्रिज में भारी मात्रा में जलभराव हो गया, जिसमें डीटीसी की बसें भी डूब रही थी. उसी जलभराव में ऑटो ड्राइवर की भी डूबने से मौत हो गई थी. जिसकी जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा को समाचार पत्र व टीवी चैनलों के माध्यम से मिली.
इस बारे में हरपाल राणा ने दिल्ली के उपराज्यपाल से शिकायत की और उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से ऐसा गोलमोल जवाब आया. जिसके बाद से खुद हरपाल राणा भी परेशान हैं कि दिल्ली के मालिक इस तरह का जवाब कैसे दे सकते हैं
उपराज्यपाल से की शिकायत
हरपाल राणा और उनके पीए अर्जुन ने बताया कि दिल्ली में कई जगह जलभराव की शिकायत उन्होंने सरकार से की है. मिंटो ब्रिज में हुए हादसे के बाद उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से शिकायत की, लेकिन उपराज्यपाल कार्यालय से जिस तरह का बेतुका जवाब आया उसके बाद उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि एक जिम्मेदार व्यक्ति इस तरह का जवाब कैसे दे सकते हैं.
हालांकि उसके बाद शिकायत के संदर्भ में अधिकारियों का हरपाल राणा के कार्यालय में फोन आया तो उनके पीए अर्जुन ने वह फोन रिसीव किया. उस मामले पर फोन करने वाले अधिकारी ने कुछ इस तरह की बातें बताई कि मानो दिल्ली का भगवान ही मालिक हैं.
'अधिकारियों ने दिया बेतुका जवाब'
अर्जुन ने बताया कि हरपाल राणा लगातार जनहित याचिका लगाते रहते हैं और पिछले कई वर्षों से लगातार इस काम को करते आ रहे हैं. मिंटो ब्रिज में जलभराव की वजह से ऑटो ड्राइवर की मौत के हादसे के बाद उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल को शिकायत की. शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल कार्यालय से जवाब आया कि 'जब शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी तो शिकायतकर्ता को भी बुलाया जाएगा' और उसके बाद एक अधिकारी का फोन भी कार्यालय में आया.
'फोन कर बताई सच्चाई'
फोन पर अधिकारी ने बताया कि मिंटो ब्रिज चार एजेंसियों का अधिकार क्षेत्र में आता है. रेलवे विभाग, एनडीएमसी, जल बोर्ड और एमसीडी. सभी एजेंसियां हादसा होने के बाद एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं, लेकिन किसी की भी कोई जिम्मेदारी तय नहीं है.
अब एक सर्वेयर नियुक्त किया गया है, जो सर्वे करने के बाद यह बताएगा कि किसी एक एजेंसी की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी होनी चाहिए. अभी तक किसी की भी जिम्मेदारी तय नहीं है. उन्होंने कहा कि घटना के बाद इस तरह की कमेटियों का गठन किया जाता है और किसी एक अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाती है. हादसे होने के बाद जब समय बीत जाता है तो सभी मामले ठंडे बस्ते में चले जाते हैं.
'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि होती है खराब'
हरपाल राणा ने बताया कि वह दिल्ली में अलग-अलग जगह पर हुए जलभराव और उनसे होने वाले हादसों की जानकारी जुटाकर सरकार से 40 जगह की शिकायत कर चुके हैं. सभी मामले ज्यों के त्यों हैं. सरकार करोड़ों-अरबों रुपये खर्च होने का दावा भी करती है, बावजूद हालात नहीं सुधरते. उन्होंने कहा कि मिंटो ब्रिज हादसे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली की छवि खराब हुई है.
'किसी एक एजेंसी की जिम्मेदारी तय करें'
हरपाल राणा ने कहा कि जरूरत है सरकार हादसों से पहले मामले पर संज्ञान लेते हुए किसी एक एजेंसी की जिम्मेदारी तय करें. यदि उसके बाद भी कोई हादसा होता है तो जवाबदेही भी उसी जिम्मेदार एजेंसी की होगी और जुर्माने के तौर पर उसे दंडित भी किया जाए, ताकि आगे इस तरह के होने वाले हादसों को रोका जा सके.