नई दिल्ली: उत्तरी जिले कि स्पेशल स्टाफ पुलिस ने विदेशों में इस्तेमाल होने वाले फॉरेक्स कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में कार्यवाही करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, वहीं तीसरे की तलाश जारी है. गिरफ्तार आरोपियों में गैंग का मुख्य सरागना शामिल है. आरोपी विदेशों में घूमने वाले लोगों के फोरेक्स कार्ड से पैसे निकलते थे और विदेशों में मौज मस्ती करते थे.
5 महीने की टेक्निकल जांच से गैंग का खुलासा: दरअसल, पीड़ित महिला ने उत्तरी जिले की स्पेशल स्टाफ की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि विदेश जाने के लिए उन्होंने दिल्ली के आईसीआईसीआई बैंक से अपने फोरेक्स कार्ड में 11 लाख रुपये जमा करवाये, लेकिन वह जमा नहीं हुए. जिसकी वजह से उन्हें विदेश में पहुंचने के बाद काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
पुलिस ने मामला दर्ज कर शिकायत पर काम करना शुरू किया और कुछ पिछले रिकॉर्ड भी खंगाले. टीम को पता चला कि इस तरह की फोरेक्स कार्ड में पैसे डालने के नाम पर धोखाधड़ी साल 2019 में भी हुई थी. आरोपी पहले भी लोगो को अपनी धोखाधड़ी का शिकार बनाकर करीब सवा करोड़ रुपये का चूना लगा चुके है.
मामले में कार्यवाही करते हुए पुलिस टीम ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि आरोपी पारस उस समय दिल्ली पहुंच चुका था. मामले में आगे बढ़ते हुए आरोपी पारस को पुलिस टीम ने उसके घर पश्चिम विहार से गिरफ्तार किया, वह पहले आईसीआईसीआई बैंक दिल्ली झंडेवालान ब्रांच में काम करता था. आरोपी पारस से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वह और सोनल दोनों मिलकर चीटिंग करते थे.
सोनल को भी पुलिस टीम ने दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके से गिरफ्तार किया. दोनों आरोपी विदेश में रहते थे. इस गैंग तक पहुंचने में पुलिस टीम ने लगातार 5 महीने तक टेक्निकल सर्विलेंस की मदद से छानबीन की और आरोपियों तक पहुंचकर उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई. इनके पास से 8 मोबाइल, ठगी की रकम से खरीदी गई दो कार और वारदात में इस्तेमाल अन्य सामान भी बरामद किया गया है.
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डीसीपी सागर सिंह कलसी के अनुसार, जो लोग विदेश जाते हैं, वे फॉरेक्स कार्ड यूज करते हैं. आरोपी उस फॉरेक्स कार्ड के डिटेल को बदलकर दूसरे कार्ड में ट्रांसफर करवाकर लेते थे. फिर यह बैंकॉक, हांगकांग और दुबई में जाकर अमाउंट निकालते थे. वहां से फिर हवाला और दूसरे माध्यम से पैसे इंडिया मंगवाते थे. डीसीपी ने बताया कि यह गैंग 2019 से सक्रिय था.
दिल्ली की रहने वाली एक महिला के फॉरेक्स कार्ड से जब चिटिंग करके उसके कार्ड से 11 लाख रुपए निकल गए, तब उसने इस मामले की शिकायत पुलिस में की. पुलिस ने उस महिला का ट्रैवल रिकॉर्ड निकाला जो उसने इंडिया से थाईलैंड के दौरान किया था. फिर उस डाटा का टेक्निकल सर्विलांस की मदद से जांच की. लगातार छानबीन के बाद पुलिस टीम को इन आरोपी के बारे में पता चला और फिर इन्हें दबोचने में कामयाब हुई.
क्या होता है फॉरेक्स कार्ड?: फॉरेक्स कार्ड अलग-अलग बैंक से मिलता है. जब लोग विदेश जाते हैं, तो वहां पहले से फॉरेक्स कार्ड में डिपॉजिट अमाउंट को जब विदेश में खर्च करते हैं, तो अलग से चार्ज नहीं लगता है. यह गैंग इसका फायदा उठाकर फॉरेक्स कार्ड को टारगेट करके धोखाधड़ी करते थे, क्योंकि लगातार विदेश जाने वाले लोग इस फॉरेक्स कार्ड का इस्तेमाल लगातार करते हैं और उसमें लाखों रुपए डिपाजिट पहले से रखते हैं.
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