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किसानों ने रागनी के माध्यम से कृषि कानून के खिलाफ जाहिर की अपनी नाराजगी - दिल्ली कंझावला डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कार्यालय किसानों का विरोध

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की आग अब दिल्ली में भी आ गई है. इसी कड़ी में आज दिल्ली के कंझावला इलाके में दिल्ली देहात के लोगों ने किसान आंदोलन के समर्थन में हवन करके शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया. रागनी के माध्यम से भी कृषि कानून के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की.

Farmers  protest at  Kanjhawala dm office  In Delhi
कंझावला में किसानों का समर्थन
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Published : Dec 30, 2020, 7:53 PM IST

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार और किसानों के बीच की रार अभी थमती हुई नजर नहीं आ रही है. पिछले लगभग 35 दिनों से कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन बदस्तूर जारी है. दिल्ली की सभी सीमाओं पर किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अडे़ हुए हैं. साथ ही अन्य लोग भी किसानों के समर्थन में मैदान में उतर गए हैं. इसी कड़ी में दिल्ली के कंझावला में भी लोग अब किसानों के समर्थन में सड़क पर उतर गए हैं. कंझावला के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कार्यालय के पास किसानों के समर्थन में दिल्ली देहात के लोग बैठ गए हैं.

कंझावला में किसानों का समर्थन

प्रदर्शनकारियों ने हवन करके किसान आंदोलन का समर्थन किया

इस दौरान यहां प्रदर्शनकारियों ने हवन करके किसान आंदोलन का समर्थन किया. रागनी के माध्यम से भी कृषि कानून के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की. यह धरना-प्रदर्शन ग्रामीण विकास समिति के बैनर तले शांतिपूर्ण तरीके से किया गया. इस दौरान मौजूद किसानों और स्थानीय लोगों ने नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार इन काले कानून को वापस नहीं ले लेती, तब तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने एमएसपी के गारंटी की भी मांग की.

ये भी पढ़ें:-किसान आंदोलन 35वां दिन : कृषि कानूनों पर चर्चा के बीच किसानों का खाना मंत्रियों ने खाया

इसके अलावा किसानों के आंदोलन के समर्थन में उतरे लोगों ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और इन कानूनों को कॉरपोरेट घराने के फायदे वाला कानून बताया. प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को किसानों के लिए डेथ वारंट तक करार कर दिया. जाहिर है किसान आंदोलन की आग अब दिल्ली में भी शुरू हो गई है. शायद इसी का परिणाम है कि दिल्ली के कंझावला इलाके में भी दिल्ली देहात के लोगों ने हवन कर रागनी के माध्यम से किसानों का समर्थन करते हुए कृषि कानून का विरोध किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को किसानों के लिए डेथ वारंट तक करार दिया.

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार और किसानों के बीच की रार अभी थमती हुई नजर नहीं आ रही है. पिछले लगभग 35 दिनों से कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन बदस्तूर जारी है. दिल्ली की सभी सीमाओं पर किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अडे़ हुए हैं. साथ ही अन्य लोग भी किसानों के समर्थन में मैदान में उतर गए हैं. इसी कड़ी में दिल्ली के कंझावला में भी लोग अब किसानों के समर्थन में सड़क पर उतर गए हैं. कंझावला के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कार्यालय के पास किसानों के समर्थन में दिल्ली देहात के लोग बैठ गए हैं.

कंझावला में किसानों का समर्थन

प्रदर्शनकारियों ने हवन करके किसान आंदोलन का समर्थन किया

इस दौरान यहां प्रदर्शनकारियों ने हवन करके किसान आंदोलन का समर्थन किया. रागनी के माध्यम से भी कृषि कानून के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की. यह धरना-प्रदर्शन ग्रामीण विकास समिति के बैनर तले शांतिपूर्ण तरीके से किया गया. इस दौरान मौजूद किसानों और स्थानीय लोगों ने नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार इन काले कानून को वापस नहीं ले लेती, तब तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने एमएसपी के गारंटी की भी मांग की.

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इसके अलावा किसानों के आंदोलन के समर्थन में उतरे लोगों ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और इन कानूनों को कॉरपोरेट घराने के फायदे वाला कानून बताया. प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को किसानों के लिए डेथ वारंट तक करार कर दिया. जाहिर है किसान आंदोलन की आग अब दिल्ली में भी शुरू हो गई है. शायद इसी का परिणाम है कि दिल्ली के कंझावला इलाके में भी दिल्ली देहात के लोगों ने हवन कर रागनी के माध्यम से किसानों का समर्थन करते हुए कृषि कानून का विरोध किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को किसानों के लिए डेथ वारंट तक करार दिया.

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