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धान के भाव में भारी गिरावट से परेशान किसान और आढ़ती

दिल्ली के नरेला की मंडी में धान के भाव गिरने से व्यापारी और किसान दोनों परेशान हैं. जिसको देखते हुए किसान ने धान को बेचना रोककर भाव बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.

धान के भाव गिरने से किसान और व्यपारी परेशान
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Published : Oct 18, 2019, 9:32 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के नरेला में एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में पिछले 2 दिनों से बाजार में धान के भाव में लगातार गिरावट आ रही है. जिससे व्यापारी और किसान दोनों परेशान हैं. किसानों ने धान बेचना रोककर दोबारा से भाव के बढ़ने का इंतजार करना शुरू कर दिया है.

धान के भाव गिरने से किसान और व्यपारी परेशान

जिससे व्यापारी परेशान हैं जिन्होंने महंगे दाम में धान की फसल को खरीद लिया और मंडी में बड़ी मात्रा में धान की फसल का स्टॉक हो गया है. लेकिन अचानक से भाव नीचे गिर गया, आढ़ती यदि अभी फसल को बेचते हैं तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

2 दिन पहले ही खरीदा 2 लाख क्विंटल
नरेला अनाज मंडी के आढ़ती ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि दो दिन पहले बाजार भाव से करीब 2 लाख क्विंटल धान की फसल 2900 से 3400 प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी गई. जिसका किसान को पैसा भी दिया गया लेकिन अचानक से धान के भाव मे 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की भारी गिरावट आ गई.

खुले में पड़ा धान
आढ़तियों को डर है कि अचानक से मौसम खराब हो गया तो खुले में पड़े धान के हजारों ढेर खराब हो सकते है. बारिश के बाद कोई खरीददार नही मिलेगा, जिससे भारी नुकसान होने का डर है. यदि दो दिन बाद बाजार भाव बढ़ गया तो कुछ मुनाफा भी हो सकता है. यहां पर दिल्ली के अलावा हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से किसान अपना माल लेकर आते हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के नरेला में एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में पिछले 2 दिनों से बाजार में धान के भाव में लगातार गिरावट आ रही है. जिससे व्यापारी और किसान दोनों परेशान हैं. किसानों ने धान बेचना रोककर दोबारा से भाव के बढ़ने का इंतजार करना शुरू कर दिया है.

धान के भाव गिरने से किसान और व्यपारी परेशान

जिससे व्यापारी परेशान हैं जिन्होंने महंगे दाम में धान की फसल को खरीद लिया और मंडी में बड़ी मात्रा में धान की फसल का स्टॉक हो गया है. लेकिन अचानक से भाव नीचे गिर गया, आढ़ती यदि अभी फसल को बेचते हैं तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

2 दिन पहले ही खरीदा 2 लाख क्विंटल
नरेला अनाज मंडी के आढ़ती ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि दो दिन पहले बाजार भाव से करीब 2 लाख क्विंटल धान की फसल 2900 से 3400 प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी गई. जिसका किसान को पैसा भी दिया गया लेकिन अचानक से धान के भाव मे 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की भारी गिरावट आ गई.

खुले में पड़ा धान
आढ़तियों को डर है कि अचानक से मौसम खराब हो गया तो खुले में पड़े धान के हजारों ढेर खराब हो सकते है. बारिश के बाद कोई खरीददार नही मिलेगा, जिससे भारी नुकसान होने का डर है. यदि दो दिन बाद बाजार भाव बढ़ गया तो कुछ मुनाफा भी हो सकता है. यहां पर दिल्ली के अलावा हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से किसान अपना माल लेकर आते हैं.

Intro:northwest delhi,

location - narela mandi delhi,

बाईट- मंडी आढ़ती सुरेश गौतम से साथ वॉक थ्रू ।

स्टोरी - नरेला में एशिया कि सबसे बड़ी अनाज मंडी में पिछले 2 दिनों से बाजार में धान के भाव में लगातार गिरावट आ रही है । जिससे व्यापारी और किसान दोनों परेशान है । किसानों ने धान बेचना रोककर दोबारा से भाव के बढ़ने का इंतजार करना शुरू कर दिया है । जिससे व्यापारी परेशान है जिन्होंने महंगे दाम में धान की फसल को खरीद ली और मंडी में उनकी बड़ी मात्रा में धान की फसल का स्टॉक हो गया है । लेकिन अचानक से भाव नीचे गिर गया, आढ़ती यदि अभी फसल को बेचते हैं तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है । गिरे हुए भाव की वजह से धान की फसल को रोके रखना भी उनके लिए एक चुनौती है । फिलहाल मजबूरी में आढ़ती इस चुनौती को ही स्वीकार कर रहे हैं ।


Body:नरेला अनाज मंडी के आढ़ती ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि दो दिन फके बाजार भाव से करीब 2 लाख क्विंटल धान की फसल 2900 से 3400 प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी गई । जिसका किसान को पैसा भी दिया गया लेकिन अचानक से धान के भाव मे 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की भारी गिरावट आ गयी । जिसकी वजह से फसल का फिलहाल खरीददार नही मिल रहा है । आढ़तियों को डर है कि अचानक से मौसम खराब हो गया तो खुले में पड़े धान के हजारों ढेर खराब हो सकते है । बारिस के बाद कोई खरीददार नही मिलेगा, जिससे भारी नुकसान होने का डर है । यदि दो दिन बाद बाजार भाव बढ़ गया तो कुछ मुनाफा भी हो सकता है । यहां पर दिल्ली के अलावा हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से किसान अपना माल लेकर आते हैं


Conclusion:यदि फसल के भाव मे उछाल नही आता तो बाजार भाव मे भारी गिरावट आने की वजह से आढ़ती अपना माल सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर है ।
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