नई दिल्ली: दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर 20 दिनों से लगातार चल रहे सरकार और किसानों के बीच घमासान की वजह से इंडस्ट्रियल इलाकों में भी बाहर से आने वाला सामान नहीं पहुंच रहा है. जिसकी वजह से फैक्ट्री मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है और फैक्ट्री संचालक भी काम नहीं होने से परेशान हैं. उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कोई समाधान निकले जिससे काम धंधे दोबारा से पटरी पर आ सके.
आंदोलन के चलते कच्चा माल नहीं पहुंच रहा है
ईटीवी भारत की टीम ने नरेला इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी आशीष गर्ग से किसान आंदोलन के चलते हो रही परेशानियों को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि आंदोलन की वजह से दिल्ली के बाहर के इलाकों से आने वाला कच्चा सामान फैक्ट्रियों तक नहीं पहुंच रहा है. जिसकी वजह से फैक्ट्री मालिकों को काफी नुकसान हो रहा है. पिछले 20 दिन से किसान और सरकार के बीच चल रहे घमासान की वजह से बॉर्डर इलाके के आसपास बनी हजारों फैक्ट्रियों के मालिक और काम करने वाले मजदूर भी परेशान हैं.
लाखों फैक्ट्रियों को उठाना पड़ रहा आंदोलन का खामियाजा
नरेला इलाके में 4000 फैक्ट्रियां हैं और बवाना, मंगोलपुरी, वजीरपुर समेत दिल्ली के कई इलाकों में लाखों फैक्ट्रियां है जो किसान आंदोलन के चलते प्रभावित हो रही हैं. जिसकी वजह से फैक्ट्री मालिकों को लाखों रुपए का नुकसान रोज उठाना पड़ रहा है और अभी यह उम्मीद भी नजर नहीं आ रही कि आंदोलन तब तक चलेगा ओर अब सरकार में किसानों के बीच कृषि बिल को लेकर क्या नतीजा निकलेगा.
जल्द हो समाधान
अब फैक्ट्री संचालक सरकार और किसानों से अनुरोध कर रहे हैं कि कृषि बिल को लेकर जल्द से जल्द कोई समाधान निकाला जाए, जिससे दोबारा से लोगों के रोजगार पटरी पर आ सके.