नई दिल्ली: शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दिल्ली सरकार के 3 स्कूलों का दौरा किया है. उपमुख्यमंत्री ने सर्वोदय कन्या विद्यालय सेक्टर-16 रोहिणी, स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, रोहिणी सेक्टर-17 व सर्वोदय कन्या विद्यालय प्रह्लादपुर का दौरा कर वहां हैप्पीनेस क्लासरूम में शामिल हुए और बच्चों के साथ पढ़ाई व आगामी परीक्षाओं को लेकर उनकी तैयारियों को लेकर बात की.
बच्चों के साथ चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की टीम एजुकेशन को लेकर कड़ी मेहनत और प्रतिबद्ध है. साथ ही लीडरशिप के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के स्कूलों में अब सीखने-सीखाने का मतलब पूरी तरह से बदल गया है. हमारे स्कूलों में बच्चे सीखने के लिए केवल किताबों पर निर्भर नहीं है, बल्कि स्कूल उन्हें मौका दे रहा है कि वो विभिन्न नए तरीको से कॉन्सेप्ट्स को एक्स्प्लोर करें. उन्होंने कहा कि हम अब बड़े सपने देखने लगे है, हमें विश्वास है कि हम उसे पूरा कर सकते है, क्योंकि हमारे पास भी वो सभी सुविधाएं मौजूद है जो किसी अच्छे स्कूल में होती हैं.
भारतीय संविधान को पढ़कर व सीखकर छात्रा ने अपने परिवार के लिए बनाया संविधान: उपमुख्यमंत्री से बात साझा करते हुए एसओएसई रोहिणी सेक्टर-17 के छात्रों ने बताया कि उन्होंने भारतीय संविधान को पढ़कर व सीखकर अपने परिवार के लिए ही एक संविधान बनाया है और उसमें सबके कर्तव्य, जिम्मेदारी और हक़ निर्धारित किए हैं. साथ ही छात्रों ने संविधान के विषय में सीखने के लिए स्कूल में ही एक संविधान सभा बनाई है, ताकि वो रटकर सीखने के बजाय हर पहलू को अच्छे ढंग से समझ सकें. यहां चर्चा के दौरान बच्चों ने बताया कि अब वो हर एक कॉन्सेप्ट्स को रिसर्च ओरिएंटेड तरीके से सीखते हैं और सीखने के लिए किताबों से इतर जाते हुए विभिन्न मॉड्यूल्स की प्रयोग करते हैं. इसके अलावा बच्चों ने कहा कि हैप्पीनेस क्लासरूम ने उन्हें रिश्तों की अहमियत को सीखाया है और अपने गुस्से पर काबू, दूसरों को सम्मान देना सीखाया है. प्राइवेट स्कूल से दिल्ली सरकार के स्कूल में कक्षा 6 में आई छात्रा ने बताया कि शुरुआत में उसे माइंडफुलनेस समय की बर्बादी जैसा लगता था, लेकिन समय के साथ माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस ने उसे खुद को बेहतर ढंग से जानने समझने में मदद की है और अब वो अपने घर सभी सदस्यों को माइंडफुलनेस करवाती हैं.
उपमुख्यमंत्री ने जाहिर की खुशी: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये देखकर बहुत ख़ुशी हो रही है कि इतनी छोटी उम्र से ही हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे न केवल नीतियों को समझ रहे हैं, बल्कि नीतियों का निर्माण भी कर रहे हैं. जो इस चीज का उदाहरण है कि हमारे बच्चों की पढ़ाई केवल स्कूलों तक सीमित नहीं है, बल्कि वो अपने आसपास के वातावरण, वहां की समस्याओं, चुनौतियों से भी सीख रहे हैं और उन मुश्किलों को समझते हुए उन्हें दूर करने के लिए नीतियां बना रहे हैं. साथ ही कहा कि माइंडफ़ुलनेस के ज़रिए भविष्य की चिंता और विषम परिस्थितियों से लड़कर हमारे बच्चे वर्तमान में आपसी रिश्तों और अनुभवों से अपनी ख़ुशी ख़ुद बना रहे हैं.
हैप्पीनेस क्लास में शामिल हुए सिसोदिया: दौरे के दौरान कक्षा 11वीं में ईएमसी करिकुलम पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि ईएमसी ने उनके अंदर भविष्य को लेकर जो डर है उसे ख़त्म करने में मदद की है और उनके अंदर बहुत से लाइफ स्किल्स डेवलप हुए हैं. ईएमसी और बिज़नस ब्लास्टर्स के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम से उसे न केवल जॉब सीकर के बजाय जॉब प्रोवाइडर बनने की प्रेरणा मिली है, बल्कि इस करिकुलम ने लाइफ स्किल्स भी सिखाए हैं. एक छात्रा ने बताया कि पहले वो किसी से बातचीत करने में हिचकती थी और लोगों से घुल मिल नहीं पाती थी, लेकिन ईएमसी और बिज़नेस ब्लास्टर्स ने उसके कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाया है.
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