नई दिल्ली: दिल्ली शुरुआत से ही प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा जगह रही है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड में हजारों मील खुले आसमान में उड़ान भरकर 30 से ज्यादा प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हजारों की संख्या में यहां आती थी. इस बार वजीराबाद बायोडायवर्सिटी पार्क में प्रवासी पक्षियों की संख्या कम है, जो चिंता का विषय है. जिसका मुख्य कारण क्लाइमेट चेंज माना जा रहा है, जिसको लेकर पर्यावरणविद भी हैरान है और इस पर चिंता जाहिर कर रहे हैं.
ETV भारत के साथ बात करते हुए पर्यावरणविद डॉक्टर फैयाज खुदसर के बताया कि दिल्ली में कई सालों से बड़ी संख्या में हजारों मील उड़ान भरकर दूसरे देशों से प्रवासी पक्षी आते हैं. जो दिल्ली की सुंदरता को बढ़ाते हैं, लेकिन बीते साल 2023 सबसे ज्यादा गर्म रहा. इस साल वैश्विक तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि साल 2016 के मुकाबले 0.17 डिग्री सेल्सियस अधिक था.
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बढ़ते तापमान के चलते इनके डेस्टिनेशन पर भी फर्क पड़ रहा है. इस वजह से बीते साल भारत के प्रवासी पक्षियों की संख्या औसत से कम रही और इसका असर साल 2024 की शुरुआत में भी दिखाई दे रहा है. जनवरी में दिल्ली के सभी बायोडायवर्सिटी पार्क और यमुना के किनारे प्रवासी पक्षियों की संख्या बहुत अधिक होती थी, लेकिन इस बार नहीं है.
पर्यावरण में इतनी तेजी से बदलाव वैश्विक स्तर पर सभी के लिए चिंता का विषय है. इस पर सभी को मिलकर काम करना होगा नहीं तो आने वाले समय में पक्षियों के अलावा मानव को भी इस समस्या से जूझना पड़ेगा. इसका सीधा असर लोगों की जीवनशैली पर भी पड़ेगा.
चीन, मंगोलिया, साइबेरिया और यूरोपीय पक्षियों के लिए इस गर्मी में लंबा सफर करना आसान नहीं होता. ये भी अपनी एनर्जी को बचाने के लिए रास्ते में जहां पर भी अनुकूल वातावरण मिलता है वहीं पर ये प्रवास बना लेते हैं. राजस्थान में भरतपुर बर्ड्स सेंचुरी प्रवासी पक्षियों के लिए भारत में सबसे ज्यादा अनुकूलित जगह माना जाता है.
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