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दिल्ली सरकार ने 12 हजार विधवा महिलाओं की रोकी पेंशन, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

दिल्ली सरकार पर आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने 12 हजार विधवा महिलाओं की पेंशन रोकने का आरोप लगाया है. जिसके बाद उन्होने विधवा महिलाओं को न्याय दिलवाने के लिए कोर्ट का सहारा लिया है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है. जिस पर 26 अगस्त को दिल्ली सरकार कोर्ट में जवाब देगी.

RTI activist Harpal Rana
आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा
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Published : Jul 29, 2020, 12:41 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कोरोना काल के दौरान 12 हज़ार विधवा महिलाओं को मिलने वाली मासिक पेंशन रोक दी. महिलाओं के हक की आवाज उठाने के लिए हरपाल राणा ने वकील के माध्यम से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया है. अब दिल्ली सरकार हाईकोर्ट में अपना जवाब देगी की किस कारण से विधवा महिलाओं को मिलने वाली मासिक पेंशन रोकी गयी है.

आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा से खास बातचीत

आरटीआई से हुआ खुलासा

ईटीवी भारत ने टीम से बात करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने बताया कि वह कादीपुर गांव में रहते है उनके गांव और आसपास के इलाके की करीब 65 महिलाओं ने बताया कि कुछ महीनों से दिल्ली सरकार द्वारा विधवा महिलाओं को मिलने वाली 2500 रुपये मासिक पेंशन नही मिल रही है. जिसके लिए हरपाल राणा के आरटीआई लगाकर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा तो पता चला की दिल्ली सरकार ने कोरोना काल के दौरान 12 हजार विधवा महिलाओं की पेंशन नहीं दी है. यह खुलासा दिल्ली सरकार की वेबसाइट से हुआ. जिस पर करीब 600 पन्नों की लिस्ट जारी की हुई है और प्रत्येक पन्ने पर 21 महिलाओं के नाम है, जिन्हें पेंशन नहीं दी गई है.

RTI copy
आरटीआई कॉपी

कोर्ट में जवाब देगी दिल्ली सरकार

पूरे मामले पर हरपाल राणा के बेटे ने बताया कि विधवा महिलाओं को रुकी हुई पेंशन दिलाने के लिए याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है. जिस पर दिल्ली सरकार 26 अगस्त को न्यायालय के सामने अपना जवाब देगी.

RTI copy
आरटीआई कॉपी

हालांकि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार व राज्यों सरकारों ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सभी कर्मचारियों और पेंशन धारकों को नियमित रूप से सैलरी व पेंशन देगी. लेकिन दिल्ली सरकार ने ही 12 हजार विधवा महिलाओं की पेंशन रोक दी है.

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कोरोना काल के दौरान 12 हज़ार विधवा महिलाओं को मिलने वाली मासिक पेंशन रोक दी. महिलाओं के हक की आवाज उठाने के लिए हरपाल राणा ने वकील के माध्यम से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया है. अब दिल्ली सरकार हाईकोर्ट में अपना जवाब देगी की किस कारण से विधवा महिलाओं को मिलने वाली मासिक पेंशन रोकी गयी है.

आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा से खास बातचीत

आरटीआई से हुआ खुलासा

ईटीवी भारत ने टीम से बात करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने बताया कि वह कादीपुर गांव में रहते है उनके गांव और आसपास के इलाके की करीब 65 महिलाओं ने बताया कि कुछ महीनों से दिल्ली सरकार द्वारा विधवा महिलाओं को मिलने वाली 2500 रुपये मासिक पेंशन नही मिल रही है. जिसके लिए हरपाल राणा के आरटीआई लगाकर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा तो पता चला की दिल्ली सरकार ने कोरोना काल के दौरान 12 हजार विधवा महिलाओं की पेंशन नहीं दी है. यह खुलासा दिल्ली सरकार की वेबसाइट से हुआ. जिस पर करीब 600 पन्नों की लिस्ट जारी की हुई है और प्रत्येक पन्ने पर 21 महिलाओं के नाम है, जिन्हें पेंशन नहीं दी गई है.

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कोर्ट में जवाब देगी दिल्ली सरकार

पूरे मामले पर हरपाल राणा के बेटे ने बताया कि विधवा महिलाओं को रुकी हुई पेंशन दिलाने के लिए याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है. जिस पर दिल्ली सरकार 26 अगस्त को न्यायालय के सामने अपना जवाब देगी.

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हालांकि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार व राज्यों सरकारों ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सभी कर्मचारियों और पेंशन धारकों को नियमित रूप से सैलरी व पेंशन देगी. लेकिन दिल्ली सरकार ने ही 12 हजार विधवा महिलाओं की पेंशन रोक दी है.

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