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Delhi Court ने पुलिस कमिश्नर को दिया निर्देश, दुर्घटना संभावित सड़कों पर जल्द लगवाएं सीसीटीवी कैमरे - पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा

राजधानी में सड़क दुर्घटना के मामलों में कमी लाने के लिए दिल्ली की एक कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि सभी दुर्घटना संभावित सड़कों पर जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरे लगवाएं. मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की पीठासीन ने बात एक मामले की सुनवाई के दौरान कही.

delhi court directs police commissioner
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Published : May 15, 2023, 9:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को निर्देश दिया है कि वे राजधानी के सभी दुर्घटना संभावित सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निकाय एजेंसियों से मिलें. साथ ही उन स्थानों पर उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाने के लिए उचित प्रयास करें. इसके अतिरिक्त कोर्ट ने दुर्घटनाओं के मामले में हुई मौतों और चोटों पर सड़क प्रबंध पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है. जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में एनएच 8 रिंग रोड और धौला कुआं शामिल हैं.

दरअसल मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की पीठासीन अधिकारी शेफाली बरनाला टंडन, एक निरीक्षक विपिन कुमार के मामले पर सुनवाई कर रही थीं. इसमें एनएच 8 रिंग रोड और धौला कुआं में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नागरिक एजेंसियों को निर्देश देने की मांग की गई. पुलिस कमिश्नर को एनएच 8 पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नागरिक एजेंसियों यानी एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण), पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) और दिल्ली छावनी बोर्ड आदि के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया है. इन रास्तों पर जल्द से जल्द उच्च रिजॉल्यूशन के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्देश दिया गया है, जिससे दुर्घटना के अधिकांश मामलों पर काम किया जा सके.

न्यायाधीश ने कहा कि आवेदन के अनुसार, एनएच 8 रिंग रोड और धौला कुआं दुर्घटना प्रवण क्षेत्र हैं. उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों की अनुपस्थिति के कारण दुर्घटना के अधिकांश मामले अनसुलझे रह जाते हैं. 2022 में घातक दुर्घटना के 35 मामलों में से 21 मामले अनसुलझे रहे. उन्होंने आगे कहा, मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 एक परोपकारी कानून है, जिसका उद्देश्य ही सड़क दुर्घटनाओं में मृतक के परिवार और स्थायी विकलांगता सहित घायल हुए लोगों को उचित मुआवजा देना है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली: शाहजहांपुर से आये मजदूरों को ट्रक ने मारी टक्कर, तीन की मौत

उन्होंने यह भी कहा, हालांकि यह दुर्दशा है कि प्रौद्योगिकी के इस युग में भी सड़क दुर्घटना के अधिकांश मामले अनसुलझे हैं और पीड़ित न्याय से वंचित रह जाते है. ट्रिब्यूनल इस बात पर बहुत चिंतित है, क्योंकि ऐसे अनसुलझे मामलों के आंकड़े खतरनाक हैं. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे उपकरणों का उपयोग करके हल किया जा सकता है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे भी शामिल हैं. इन घटनाओं को कैप्चर करने वाले उच्च रिजॉल्यूशन वाले कैमरों को दिल्ली की सड़कों पर और विशेष रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में स्थापित किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें-Delhi Govt Vs LG: MCD के मनोनीत पार्षदों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल, सबकी टिकी नजरें

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को निर्देश दिया है कि वे राजधानी के सभी दुर्घटना संभावित सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निकाय एजेंसियों से मिलें. साथ ही उन स्थानों पर उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाने के लिए उचित प्रयास करें. इसके अतिरिक्त कोर्ट ने दुर्घटनाओं के मामले में हुई मौतों और चोटों पर सड़क प्रबंध पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है. जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में एनएच 8 रिंग रोड और धौला कुआं शामिल हैं.

दरअसल मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की पीठासीन अधिकारी शेफाली बरनाला टंडन, एक निरीक्षक विपिन कुमार के मामले पर सुनवाई कर रही थीं. इसमें एनएच 8 रिंग रोड और धौला कुआं में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नागरिक एजेंसियों को निर्देश देने की मांग की गई. पुलिस कमिश्नर को एनएच 8 पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नागरिक एजेंसियों यानी एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण), पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) और दिल्ली छावनी बोर्ड आदि के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया है. इन रास्तों पर जल्द से जल्द उच्च रिजॉल्यूशन के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्देश दिया गया है, जिससे दुर्घटना के अधिकांश मामलों पर काम किया जा सके.

न्यायाधीश ने कहा कि आवेदन के अनुसार, एनएच 8 रिंग रोड और धौला कुआं दुर्घटना प्रवण क्षेत्र हैं. उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों की अनुपस्थिति के कारण दुर्घटना के अधिकांश मामले अनसुलझे रह जाते हैं. 2022 में घातक दुर्घटना के 35 मामलों में से 21 मामले अनसुलझे रहे. उन्होंने आगे कहा, मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 एक परोपकारी कानून है, जिसका उद्देश्य ही सड़क दुर्घटनाओं में मृतक के परिवार और स्थायी विकलांगता सहित घायल हुए लोगों को उचित मुआवजा देना है.

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उन्होंने यह भी कहा, हालांकि यह दुर्दशा है कि प्रौद्योगिकी के इस युग में भी सड़क दुर्घटना के अधिकांश मामले अनसुलझे हैं और पीड़ित न्याय से वंचित रह जाते है. ट्रिब्यूनल इस बात पर बहुत चिंतित है, क्योंकि ऐसे अनसुलझे मामलों के आंकड़े खतरनाक हैं. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे उपकरणों का उपयोग करके हल किया जा सकता है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे भी शामिल हैं. इन घटनाओं को कैप्चर करने वाले उच्च रिजॉल्यूशन वाले कैमरों को दिल्ली की सड़कों पर और विशेष रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में स्थापित किया जाना चाहिए.

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