नई दिल्ली: पूरा देश ही आज कोरोना का दंश झेल रहा है और आम जनता ऑक्सीजन से लेकर दवा, अस्पतालो में बेड के लिए दर दर धक्के खा रही है. मेडिकल इक्यूपमेंटस और दवा की कालाबाजारी और जमाखोरी से पूरे देश में हाहाकार मच गया है. इस मुद्दे पर भी राजनीति पूरी तरह से गर्मा गयी है.
इसी कड़ी में दिल्ली की सियासत के पुराने दिग्गज और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जय किशन ने भी केंद्र और दिल्ली सरकार पर जमकर हल्ला बोला है. जय किशन ने कोरोना प्रकोप के लिए पूरी तरह से केंद्र की मोदी सरकार को इसका जिम्मेदार बताया है और दिल्ली में फेल हुई मेडिकल सुविधाओं के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार का फैलियर कहा है.
सत्ता देश की जनता से ज्यादा बड़ी
कांग्रेस नेता जयकिशन ने कहा कि जब देश के बड़े बड़े डॉक्टरों ने पहले से ही कोरोना की दूसरी वेव के बारे में प्रबल आशंका जताई थी, तब भी आखिर केंद्र सरकार ने इसके लिए पहले से तैयारियां क्यों नहीं की. क्योंकि BJP का हर नेता मंत्री, मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ चुनावों में बिजी रहा, क्या सत्ता देश की जनता से ज्यादा बड़ी हो गयी है.
वहीं दिल्ली में भी हालत बिगड़ने के पीछे दिल्ली की केजरीवाल सरकार की नाकामी है, क्योंकि केजरीवाल और उनके मंत्रियों से लेकर विधायक, नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता तक सभी पूरी तरह से भ्रष्ट हैं. इतना ही नहीं केजरीवाल के पास राजनीति या सत्ता को चलाने का कोई अनुभव नहीं है.
जनता के पैसे और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग
अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार और उनके नेता मंत्री सिर्फ और सिर्फ अखबारों और न्यूज़ चैनलों में विज्ञापन देकर अपनी झूठी वाहवाही करने में व्यस्त रहते हैं. जनता के पैसे और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग कर रहे हैं, जो आज सबके सामने है.
केजरीवाल ने दिल्ली में एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीँ लगवाया, न ही ऑक्सीजन टैंकर खरीदे. जबकि इसने अपने भ्रष्ट कार्यकर्ताओँ को सिविल डिफेंस, होम गार्ड, मार्शल आदि बनाकर उन्हें दिल्ली के लूट करने का सरकारी लाइसेंस दे दिया है.
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एमसीडी या दिल्ली सरकार कोरोना काल मे कहीं भी सेनेटाइजेशन या फॉगिंग नहीँ करवा रही. जबकि ऐसे समय मे सेनेटाइजेशन की सबसे ज्यादा जरूरत थी. केजरीवाल सरकार ने तो पिछले साल करोड़ोँ की लागत से विदेशों से सेनेटाइजेशन की मशीनें तक खरीदी थी, जो आज दिल्ली में कहीं नजर तक नही आ रही हैं. एमसीडी के छोटे कर्मचारी जैसे सफाई वाला, माली, चौकीदार सब काम करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें जब कई कई महीने वेतन ही नहीं मिलेगा तो वो काम कैसे करेंगे.
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बहरहाल दिल्ली के तो कोरोना के आकंड़े भले ही कम हो रहे हों. लेकिन ये भी सच है कि सरकार की कमियों की वजह से हज़ारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. लाखों परिवार बर्बाद हो गए हैं. अगर सरकार समय पर पहले ही इसके लिए कुछ तैयारियां कर लेती तो शायद स्थिति इतनी ज्यादा खराब नहीं होती.
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