नई दिल्ली: बाहरी दिल्ली की नरेला विधानसभा में नेशनल हाइवे के नीचे बने टिकरी अंडरपास की हालत बारिश और नाले का गंदा पानी भरे होने से बहुत ही खराब हो गई है. सालों से भरा गंदा पानी भरा हुआ है. यहां तक की एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए रास्ता नहीं है. लोगों को 2 मिनट का रास्ता तय करने के लिए कई किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता हैं. कई बार क्षेत्रीय विधायक को शिकायत की गई लेकिन अभी तरक कोई समाधान सामने नहीं आया है.
अंडरपास में भरा 2 फीट तक बारिश का पानी
ईटीवी भारत की टीम ने नरेला में बने दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे के नीचे बने टिकरी अंडरपास का जायजा लिया तो देखा कि बारिश का पानी करीब 2 फीट तक भरा हुआ है. अंडरपास के अंदर से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो रहा है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया हैं कि यहां पर ज्यादातर असामाजिक तत्व के लोगों का जमावड़ा लगा रहता हैं. अकेले जा रहे बुजुर्ग और महिलाओं के साथ ये तत्व छीना झपटी करते है. इतना ही नहीं विरोध करने पर ये लोगों के साथ मारपीट भी करते है.
49 दिन की सरकार में BJP विधायक ने किया था शिलान्यास
साल 2013 में जब 49 दिन के लिए नीलदमन खत्री बीजेपी से चुनाव जीतकर नरेला से विधायक बने तो उन्होंने करीब 25 लाख रुपये की लागत से अंडरपास का निर्माणकार्य कराया था. करीब 7 साल बाद अंडरपास कि हालत बहुत ही खराब हो गयी है. सालों से बारिश और नाले का गंदा पानी भरा हुआ है, जिसकी वजह से लाखों रुपये की लागत से बना अंडरपास बंद पड़ा हुआ है.
लोगों को होती हैं परेशानी
स्थानीय लोगों का आरोप हैं कि अंडरपास में करीब 2 फीट तक पानी भरा हुआ है. पैदल तो क्या यहां से बाइक और ई-रिक्शावाले भी नहीं निकल सकते है. कई बार स्थानीय विधायक शरद चौहान से शिकायत भी की गई है लेकिन कोई समधान अभी तक नहीं हुआ.
असामाजिक तत्व के लोगों का जमावड़ा
हाइवे से टिकरी गांव में जाने के लिए सवारियां उतरकर इस रास्ते के पास से गुजरती हैं तो असामाजिक तत्व के लोग अकेले जा रहे बुजुर्ग और महिलाओं से छीना-झपटी करते है. अगर कोई उनका विरोध करता है तो उसके साथ मारपीट भी करते है.
सरकार लोगों की समस्या पर दे ध्यान
जरूरत है कि सरकार लोगों की समस्या पर ध्यान दें. लोगों की मांग हैं कि अंडरपास की जगह यहां पर फुटओवर ब्रिज होनी चाहिए, जिसका सभी को फायदा मिलता रहा. लोगों का आरोप हैं कि स्थानीय विधायक लोगों की समस्याओं पर ध्यान नही दिया जा रहा हैं.