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बाबा अंबेडकर के नाम पर हॉस्पिटल में गोरखधंधे का खेल? लड़का बोल थमा दिया लड़की की लाश - ambedkar hospital

राजधानी दिल्ली में एक बार फिर सरकारी अस्पताल बाबा भीम राव अम्बेडकर पर बच्चा बदलने का आरोप लगा है. पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करा दिया है.

लड़का बोल थमा दिया लड़की की लाश, etv bharat
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Published : Aug 17, 2019, 6:34 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 11:37 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर सरकारी अस्पताल बाबा भीम राव अम्बेडकर पर बच्चा बदलने का आरोप लगा है. यह आरोप पीड़ित परिवार ने लगाया है. परिवार अस्पताल के अधिकारियों से न्याय की मांग कर रहा है.

लड़का बोल थमा दिया लड़की की लाश, पीड़ित परिवार का रो रो कर बूरा हाल
पीड़ित परिवार ने बताया कि कमलेश ने सुबह करीब 6:15 बजे एक बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मृत बच्ची को सौप दिया है.

जब पीड़ित परिवार बच्चे के शव को घर आ गए तब उन्होंने देखा कि बच्ची के हाथ पर अस्पताल के प्रसूति गृह की एक पट्टी लगी हुई है. जिस पर उसके जन्म का समय सुबह 4:45 बजे, वजन करीब 4.450 किलो और लड़की लिखा हुआ है. जबकि इन्हें लड़का होने की पर्ची अस्पताल ने दिया था.

पीड़ित परिवार का रो रो कर बूरा हाल

आनन-फानन में परिवार जब बच्चे को वापस अस्पताल लेकर पहुंचे और अपने बच्चे के बारे में पूछा तो अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करा दिया है. पुलिस ने बच्ची के शव को DNA जांच के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है.

पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा कर कहा कि जब कमलेश सुबह 5:45 बजे प्रसूति गृह में गई हैं, तो फिर 5:45 बजे बच्चा कैसे पैदा हो सकता है.
जबकि डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने लड़का होने की खबर दी थी और उसका वजन करीब 2.450 किलो बताया था.

पीड़ित परिवार कर रहा न्याय की मांग
फिलहाल परिवार अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी कर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहा है. साथ ही पुलिस और अस्पताल प्रशासन से न्याय की मांग कर रहा है. इस बारे में जब अस्पताल के एमएस से बात करनी चाही तो एमएस ने बात न करने के लिए गार्ड से मना करवा दिया.
एमएस के इस रुख से कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन को शक के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर सरकारी अस्पताल बाबा भीम राव अम्बेडकर पर बच्चा बदलने का आरोप लगा है. यह आरोप पीड़ित परिवार ने लगाया है. परिवार अस्पताल के अधिकारियों से न्याय की मांग कर रहा है.

लड़का बोल थमा दिया लड़की की लाश, पीड़ित परिवार का रो रो कर बूरा हाल
पीड़ित परिवार ने बताया कि कमलेश ने सुबह करीब 6:15 बजे एक बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मृत बच्ची को सौप दिया है.

जब पीड़ित परिवार बच्चे के शव को घर आ गए तब उन्होंने देखा कि बच्ची के हाथ पर अस्पताल के प्रसूति गृह की एक पट्टी लगी हुई है. जिस पर उसके जन्म का समय सुबह 4:45 बजे, वजन करीब 4.450 किलो और लड़की लिखा हुआ है. जबकि इन्हें लड़का होने की पर्ची अस्पताल ने दिया था.

पीड़ित परिवार का रो रो कर बूरा हाल

आनन-फानन में परिवार जब बच्चे को वापस अस्पताल लेकर पहुंचे और अपने बच्चे के बारे में पूछा तो अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करा दिया है. पुलिस ने बच्ची के शव को DNA जांच के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है.

पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा कर कहा कि जब कमलेश सुबह 5:45 बजे प्रसूति गृह में गई हैं, तो फिर 5:45 बजे बच्चा कैसे पैदा हो सकता है.
जबकि डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने लड़का होने की खबर दी थी और उसका वजन करीब 2.450 किलो बताया था.

पीड़ित परिवार कर रहा न्याय की मांग
फिलहाल परिवार अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी कर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहा है. साथ ही पुलिस और अस्पताल प्रशासन से न्याय की मांग कर रहा है. इस बारे में जब अस्पताल के एमएस से बात करनी चाही तो एमएस ने बात न करने के लिए गार्ड से मना करवा दिया.
एमएस के इस रुख से कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन को शक के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है.

Intro:नार्थवेस्ट दिल्ली,

लोकेशन - अम्बेडकर अस्पताल रोहिणी दिल्ली ।

बाईट- बच्चे के परिजन ।

स्टोरी... राजधानी दिल्ली में एक बार फिर लगा दिल्ली सरकार के अस्पताल बाबा भीम राव अम्बेडकर अस्पताल पर बच्चा बदलने का आरोप । यह आरोप अस्पताल के खिलाफ पीड़ित परिवार रो रोकर लगा रहा है ओर अस्पताल।के अधिकारियों से न्याय की मांग भी कर रहा है । पीड़ित परिवार ने बताया कि सुबह कमलेश ने करीब सवा छह बजे एक बच्चे को जन्म दिया । लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मृत बच्ची को सौप दिया । पीड़ित परिवार बच्चे की डेडबॉडी को घर लेकर गया ओर देखा कि बच्ची के हाथ पर अस्पताल के प्रसूति ग्रह की एक पट्टी लगी हुई है उस पर उसके जन्म का समय सुबह पौने पांच बजे, वजन करीब पौने चार किलो और लड़की लिखा हुआ है । जबकि इन्हें लड़का होने की पर्ची अस्पताल ने दी ।

Body:आनन फानन में परिवार जब बच्चे को वापस अस्पताल लेकर आया और अपने बच्चे के बारे में पूछा तो अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ पुलिस कॉल भी की । पूरे मामले में पुलिस के दखल के बाद बच्ची के शव को डीएनए टेस्ट के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है । पीड़ित परिवार अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा रहा है कि कमलेश सुबह पौने छह बजे प्रसूति ग्रह में गयी है तो फिर पौने पांच बजे बच्चा कैसे पैदा हो सकता है । जबकि डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने परिवार के लोगों को बताया कि लड़का हुआ है और उसका वजन करीब पौने तीन किलो है ।

Conclusion:फिलहाल परिवार अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी कर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहा है । साथ ही पुलिस ओर अस्पताल प्रशासन सर रो रोकर न्याय की मांग कर रहा है । इस बारे में जब अस्पताल के एमएस से बात करनी चाही तो एमएस ने बात न करने के लिए गार्ड से मना करवा दिया । एमएस के इस रुख से कही न कही अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के बड़े सवाल खड़े होते है । लेकिन अस्पताल प्रशासन पूरे मामले पर चुप्पी साधकर खुद को बचा नही सकता । पूरे मामले का खुलासा बच्चे की डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पायेगा की अस्पताल की लापरवाही है या एक इत्तेफाक है ।
Last Updated : Aug 17, 2019, 11:37 PM IST
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