नई दिल्ली: भाजपा के विधायकों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन किया. विधायकों का कहना है कि दिल्ली सरकार दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को सैलरी नहीं दे रही है. जिसकी वजह से प्रोफेसर बूट पॉलिश कर आजीविका चलाने को मजबूर हैं. जब शिक्षक ही सड़क पर उतर कर सैलरी के लिए प्रदर्शन करेंगे, तो दूसरे लोगों के क्या हालात होंगे?
सिविल लाइन इलाके में मुख्यमंत्री आवास पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की सैलरी की मांग को लेकर पहुंचे विधायक समर्थन में उतरे. सभी ने कहा कि एक तरफ तो दिल्ली सरकार सरकार अपने स्कूलों के अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजकर उच्च शिक्षा मॉडल तैयार करने की बात करती है. वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सैलेरी ना मिलने के कारण 5 महीने से परेशान हैं. प्रोफेसर अपनी आजीविका चलाने के लिए बूट पॉलिश कर रहे हैं, ताकि सोई हुई दिल्ली सरकार जागे और 5 महीने से रुका हुआ उनका वेतन उनको मिले.
इस मामले पर दिल्ली भाजपा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार के खिलाफ धरना तब तक चलेगा जब तक प्रोफसरों को उनकी सैलरी नहीं मिलती. हम इसी तरह रोज दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन चलते रहेंगे. दिल्ली भाजपा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने स्कूल के अध्यापकों को अच्छी ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजें और शिक्षा का अच्छा मॉडल तैयार करें. भाजपा केजरीवाल से इस बात का जवाब मांग रही है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की सैलरी उन्हें समय पर क्यों नहीं दी जा रही है?
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वहीं भाजपा विधायक अजय माहावर ने कहा कि केजरीवाल सरकार का दोहरा चरित्र इस तरह से सामने आ रहा है. अपने फायदे की बात को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल पर आरोप लगाते हैं, लेकिन जब दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को सैलरी नहीं मिल रही है तो वह सामने आकर कोई जवाब नहीं देते. केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीति को खराब कर दिया है.
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