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भलस्वा झील का हाल बेहाल, छठ घाट पर लगा गंदगी का अंबार - भलस्वा झील का हाल बेहाल

दिल्ली की सबसे बड़ी झील में शुमार भलस्वा झील काफी बदहाल हो चुकी है. इस झील के छठ घाटों पर गंदगी का अंबार लगा है. झील के किनारे पर कूड़े के ढेर लगे हैं.

Bhalswa Lake
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Published : Oct 30, 2021, 9:08 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े छठ घाटों में से एक भलस्वा झील छठ घाट की हालत बहुत ही बदहाल है. छठ घाट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है, फिर भी लोगों ने छठ पर्व को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. भलस्वा झील के आसपास सैकड़ों कॉलोनियों में पूर्वांचल समाज के लोग रहते हैं, जिन्होंने झील पर आकर अपने घाटों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है और सफाई कर छोटे-छोटे मंदिर भी बनाए हैं, ताकि दूसरे लोगों को संकेत मिल सके कि यह घाट अब बुक हो चुका है.

दिल्ली सरकार की ओर से भलस्वा झील पर करीब दो दशक से छठ महापर्व का सार्वजनिक आयोजन कराया जा रहा है. इस महोत्सव में दिल्ली के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय नेताओं के अलावा कलाकार की भाग लेते हैं और सारी रात यहां पर कार्यक्रम चलता है. बीते साल कोविड-19 के चलते सार्वजनिक तौर पर कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई. लेकिन अब सार्वजनिक तौर पर छठ महोत्सव मनाने पर लेकर संशय बना हुआ था. वह भी साफ हो चुका है. लोग एक बार फिर कोरोना नियमों का पालन करते हुए दिल्ली में भी सार्वजनिक तौर पर छठ महापर्व को मना सकेंगे.

भलस्वा झील का हाल बेहाल

ये भी पढ़ें: यमुना किनारे छठ मनाने पर रोक, मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल को बताया हिंदू विरोधी

ईटीवी भारत की टीम ने उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के भलस्वा छठ घाट का जायजा लिया तो पाया कि छठ घाट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. झील के किनारे पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. हालांकि सार्वजनिक तौर पर अनुमति मिलने से पहले लोगों ने अपने स्तर पर सफाई कर कूड़ा निकाला गया था, उसके बाद भी झील में दोबारा कूड़ा डाला जा रहा है. झील के पानी में काई जमी हुई है. लोगों का कहना है कि यहां पर केमिकल युक्त पानी आता है. नालों का पानी झील में डाला जा रहा है, लोग झील के पानी में खड़े होकर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. झील में बढ़ी गंदगी से लोगों को चर्म रोग होने का खतरा भी बना हुआ है. हर बार दिल्ली सरकार की ओर से छठ घाट की सफाई कराई जाती थी लेकिन इस बार अभी तक कोई सफाई नहीं कराई गई है. हालात बदतर हैं, लेकिन लोग अपने स्तर पर खुद ही घाटों की सफाई कर रहे हैं ताकि लोगों द्वारा अपना घाट सुनिश्चित किया जा सके और खुशी के साथ छठ महोत्सव मनाया जा सके.

ये भी पढ़ें: यमुना किनारे नहीं होगी छठ पूजा, DDMA का सख्त आदेश, विरोध शुरू

भलस्वा झील पर आये श्रद्धालुओं का कहना है कि लोगों ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन छठ पूजा में अभी काफी दिनों का समय बचा हुआ है. जैसे-जैसे समय नजदीक आएगा लोग पूरे हर्ष उल्लास के साथ तैयारी करेंगे. लोगों ने अभी से ही अपने घाटों को पक्का कर अपना नाम और फोन नंबर लिख दिया है, ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो. साथ ही पूजा के लिए छोटे-छोटे मंदिर भी बनाए गए हैं, जिससे परिवार के लोग मंदिर के चारों तरफ बैठकर पूजा कर सकें. छठ महोत्सव के लिए झील पर सार्वजनिक तौर पर दिल्ली सरकार ओर छठ समितियों किए प्रयास से कार्यक्रम होते हैं, जिसमें नेता, गायक और छठ श्रद्धालु भाग लेते हैं. छठ महोत्सव में भाग लेने वाले सभी को कोरोना नियमों का पालन करना होगा, लोग खरड़ भी अपने स्तर पर सरकार द्वारा बताए गए नियमों का पालन करेंगे.

ये भी पढ़ें: छठ पूजा के लिए डीडीएमए से मिली अनुमति, जोर-शोर से होने लगी घाटों की सफाई

हालांकि छठ महापर्व के दौरान बढ़ती भीड़ को देखते हुए सरकार को अतिरिक्त पुलिस बल की भी व्यवस्था करनी होगी, साथ भी कोरोना नियमों का पालन भी सख्ती से साथ करवाना होगा. जो सरकार और प्रशासन के लिए चुनोती बन सकता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े छठ घाटों में से एक भलस्वा झील छठ घाट की हालत बहुत ही बदहाल है. छठ घाट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है, फिर भी लोगों ने छठ पर्व को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. भलस्वा झील के आसपास सैकड़ों कॉलोनियों में पूर्वांचल समाज के लोग रहते हैं, जिन्होंने झील पर आकर अपने घाटों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है और सफाई कर छोटे-छोटे मंदिर भी बनाए हैं, ताकि दूसरे लोगों को संकेत मिल सके कि यह घाट अब बुक हो चुका है.

दिल्ली सरकार की ओर से भलस्वा झील पर करीब दो दशक से छठ महापर्व का सार्वजनिक आयोजन कराया जा रहा है. इस महोत्सव में दिल्ली के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय नेताओं के अलावा कलाकार की भाग लेते हैं और सारी रात यहां पर कार्यक्रम चलता है. बीते साल कोविड-19 के चलते सार्वजनिक तौर पर कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई. लेकिन अब सार्वजनिक तौर पर छठ महोत्सव मनाने पर लेकर संशय बना हुआ था. वह भी साफ हो चुका है. लोग एक बार फिर कोरोना नियमों का पालन करते हुए दिल्ली में भी सार्वजनिक तौर पर छठ महापर्व को मना सकेंगे.

भलस्वा झील का हाल बेहाल

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ईटीवी भारत की टीम ने उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के भलस्वा छठ घाट का जायजा लिया तो पाया कि छठ घाट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. झील के किनारे पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. हालांकि सार्वजनिक तौर पर अनुमति मिलने से पहले लोगों ने अपने स्तर पर सफाई कर कूड़ा निकाला गया था, उसके बाद भी झील में दोबारा कूड़ा डाला जा रहा है. झील के पानी में काई जमी हुई है. लोगों का कहना है कि यहां पर केमिकल युक्त पानी आता है. नालों का पानी झील में डाला जा रहा है, लोग झील के पानी में खड़े होकर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. झील में बढ़ी गंदगी से लोगों को चर्म रोग होने का खतरा भी बना हुआ है. हर बार दिल्ली सरकार की ओर से छठ घाट की सफाई कराई जाती थी लेकिन इस बार अभी तक कोई सफाई नहीं कराई गई है. हालात बदतर हैं, लेकिन लोग अपने स्तर पर खुद ही घाटों की सफाई कर रहे हैं ताकि लोगों द्वारा अपना घाट सुनिश्चित किया जा सके और खुशी के साथ छठ महोत्सव मनाया जा सके.

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भलस्वा झील पर आये श्रद्धालुओं का कहना है कि लोगों ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन छठ पूजा में अभी काफी दिनों का समय बचा हुआ है. जैसे-जैसे समय नजदीक आएगा लोग पूरे हर्ष उल्लास के साथ तैयारी करेंगे. लोगों ने अभी से ही अपने घाटों को पक्का कर अपना नाम और फोन नंबर लिख दिया है, ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो. साथ ही पूजा के लिए छोटे-छोटे मंदिर भी बनाए गए हैं, जिससे परिवार के लोग मंदिर के चारों तरफ बैठकर पूजा कर सकें. छठ महोत्सव के लिए झील पर सार्वजनिक तौर पर दिल्ली सरकार ओर छठ समितियों किए प्रयास से कार्यक्रम होते हैं, जिसमें नेता, गायक और छठ श्रद्धालु भाग लेते हैं. छठ महोत्सव में भाग लेने वाले सभी को कोरोना नियमों का पालन करना होगा, लोग खरड़ भी अपने स्तर पर सरकार द्वारा बताए गए नियमों का पालन करेंगे.

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हालांकि छठ महापर्व के दौरान बढ़ती भीड़ को देखते हुए सरकार को अतिरिक्त पुलिस बल की भी व्यवस्था करनी होगी, साथ भी कोरोना नियमों का पालन भी सख्ती से साथ करवाना होगा. जो सरकार और प्रशासन के लिए चुनोती बन सकता है.

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