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Chhath Puja : मात्र 14 दिन में बदला भलस्वा झील का स्वरूप, LG के आदेश के बाद ऐसे तैयार हुआ घाट - Bhalswa Lake changed

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 15 अक्टूबर को अपने दौरे के दौरान भलस्वा झील के घाट की सफाई के निर्देश दिये थे. उपराज्यपाल के निर्देश के बाद मात्र 14 दिनों में साफ- सफाई कर छठ घाट तैयार किया गया है. भलस्वा घाट पर छठ पूजा (Chhath Puja) के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं.

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Published : Oct 29, 2022, 6:55 PM IST

नई दिल्ली : तस्वीर देख कर आपको यकीन नहीं होगा कि यह दिल्ली की वहीं भलस्वा झील (Bhalswa Lake changed) है जिसके किनारे पर हर वक्त गंदगी का अंबार लगा रहता था. ये तस्वीर आज यानी 29 अक्टूबर की है. दरअसल 15 अक्टूबर को यहां उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दौरा किया था. छठ महापर्व की तैयारियों को लेकर किए गए दौरा के दौरान भलस्वा झील के किनारे गंदगी का अंबार देखकर उपराज्यपाल ने तुरंत घाट की साफ-सफाई करने और यहां पर छठ पूजा (Chhath Puja) मनाने के सभी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे. उपराज्यपाल के आदेश (order of Lieutenant Governor) के बाद ही तुरंत संबंधित विभाग की ओर से भलस्वा झील पर साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें :- Chhath Puja: खरना आज, जानें प्रसाद ग्रहण की विधि

उपराज्यपाल ने फिर लिया घाटों का जायजा : मात्र 14 दिनों के अंदर अधिकारियों ने भलस्वा झील को साफ करा दिया और अब घाट बनकर पूरी तरह से तैयार हैं. यहां कल होने वाले छठ पर्व की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं तो एक बार फिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भलस्वा झील का जायजा लेने के लिए पहुंचे और उन्होंने सभी तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यहां जो हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. पीने के पानी से लेकर लाइट और सुरक्षा के भी इंतजाम को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. अब भलस्वा झील अब श्रद्धालुओं का इंतजार कर रही है. यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पहले डूबते हुए सूरज और दूसरे दिन उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठी मैया की पूजा- अर्चना करते हैं.



आया जमीन आसमान का अंतर : भलस्वा झील पर मात्र 14 दिनों में जमीन और आसमान का अंतर आ गया है. गंदी झील की 14 दिनों में कैसे सफाई की गई यह साफ देखने को मिल रहा है. इसके बाद एक सवाल भी खड़ा होता है कि जब उपराज्यपाल के निर्देश पर मात्र 14 दिनों के अंदर भलस्वा झील के बाहर सफाई करके उसे सुंदर घाट में तब्दील किया जा सकता है तो फिर यहां साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कर और भलस्वा झील का सौंदर्यीकरण करवाकर पर्यटक स्थल क्यों नहीं बनाया जा सकता? फिलहाल छठ महापर्व को देखते हुए झील की सफाई हो गई है और छठ के मौके पर ही सही लेकिन अब भलस्वा झील का एक सुंदर स्वरूप लोगों को देखने को मिल रहा है.

ये भी पढ़ें :- नोएडा में छठ के पर्व को लेकर बाजारों में रौनक

नई दिल्ली : तस्वीर देख कर आपको यकीन नहीं होगा कि यह दिल्ली की वहीं भलस्वा झील (Bhalswa Lake changed) है जिसके किनारे पर हर वक्त गंदगी का अंबार लगा रहता था. ये तस्वीर आज यानी 29 अक्टूबर की है. दरअसल 15 अक्टूबर को यहां उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दौरा किया था. छठ महापर्व की तैयारियों को लेकर किए गए दौरा के दौरान भलस्वा झील के किनारे गंदगी का अंबार देखकर उपराज्यपाल ने तुरंत घाट की साफ-सफाई करने और यहां पर छठ पूजा (Chhath Puja) मनाने के सभी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे. उपराज्यपाल के आदेश (order of Lieutenant Governor) के बाद ही तुरंत संबंधित विभाग की ओर से भलस्वा झील पर साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया गया था.

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उपराज्यपाल ने फिर लिया घाटों का जायजा : मात्र 14 दिनों के अंदर अधिकारियों ने भलस्वा झील को साफ करा दिया और अब घाट बनकर पूरी तरह से तैयार हैं. यहां कल होने वाले छठ पर्व की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं तो एक बार फिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भलस्वा झील का जायजा लेने के लिए पहुंचे और उन्होंने सभी तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यहां जो हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. पीने के पानी से लेकर लाइट और सुरक्षा के भी इंतजाम को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. अब भलस्वा झील अब श्रद्धालुओं का इंतजार कर रही है. यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पहले डूबते हुए सूरज और दूसरे दिन उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठी मैया की पूजा- अर्चना करते हैं.



आया जमीन आसमान का अंतर : भलस्वा झील पर मात्र 14 दिनों में जमीन और आसमान का अंतर आ गया है. गंदी झील की 14 दिनों में कैसे सफाई की गई यह साफ देखने को मिल रहा है. इसके बाद एक सवाल भी खड़ा होता है कि जब उपराज्यपाल के निर्देश पर मात्र 14 दिनों के अंदर भलस्वा झील के बाहर सफाई करके उसे सुंदर घाट में तब्दील किया जा सकता है तो फिर यहां साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कर और भलस्वा झील का सौंदर्यीकरण करवाकर पर्यटक स्थल क्यों नहीं बनाया जा सकता? फिलहाल छठ महापर्व को देखते हुए झील की सफाई हो गई है और छठ के मौके पर ही सही लेकिन अब भलस्वा झील का एक सुंदर स्वरूप लोगों को देखने को मिल रहा है.

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