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गंदी झील में तब्दील हुई भलस्वा झील, सांसद हंसराज ने दिल्ली सरकार पर लगाए आरोप

दिल्ली की भलस्वा झील लगातार प्रदूषित होती जा रही है. मामले में जब ईटीवी भारत की टीम ने सांसद हंसराज हंस से बातचीत की तो उन्होंने इसके लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

भलस्वा झील etv bharat
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Published : Oct 30, 2019, 2:46 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की सबसे बड़ी भलस्वा झील आज अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. पहले झील का क्षेत्रफल 92 एकड़ का था जो शालीमार बाग से लेकर भलस्वा गांव तक फैला था. लेकनी भलस्वा गांव में बसी भैसों की डेरियों का मल मूत्र झील में फैले जाने की वजह से झील में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

प्रदूषित होती भलस्वा झील

झील की मछलियां मर रही है. झील की गंदगी का मुद्दा सांसद हंसराज हंस ने सदन में भी उठाया लेकिन हालात नहीं सुधरे.

लगातार गंदी होती जा रही है झील
झील में गंदगी के मुद्दे पर सांसद हंसराज हंस का कहना है कि झील को दिल्ली सरकार गंदा कर रही है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि भैसों की डेरियों से निकलने वाला मल मूत्र सीधे झील में डाल जा रहा है. जिसकी वजह से झील अपना अस्तित्व खोते जा रही है.

पहली बार भलस्वा झील साल 1982 में अस्तित्व में आई जब भारत में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया. उस समय यहां पर कई प्रतियोगिताएं भी हुई लेकिन उसके बाद झील के हालात लगातार बिगड़ते चले गए.

नई दिल्ली: राजधानी की सबसे बड़ी भलस्वा झील आज अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. पहले झील का क्षेत्रफल 92 एकड़ का था जो शालीमार बाग से लेकर भलस्वा गांव तक फैला था. लेकनी भलस्वा गांव में बसी भैसों की डेरियों का मल मूत्र झील में फैले जाने की वजह से झील में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

प्रदूषित होती भलस्वा झील

झील की मछलियां मर रही है. झील की गंदगी का मुद्दा सांसद हंसराज हंस ने सदन में भी उठाया लेकिन हालात नहीं सुधरे.

लगातार गंदी होती जा रही है झील
झील में गंदगी के मुद्दे पर सांसद हंसराज हंस का कहना है कि झील को दिल्ली सरकार गंदा कर रही है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि भैसों की डेरियों से निकलने वाला मल मूत्र सीधे झील में डाल जा रहा है. जिसकी वजह से झील अपना अस्तित्व खोते जा रही है.

पहली बार भलस्वा झील साल 1982 में अस्तित्व में आई जब भारत में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया. उस समय यहां पर कई प्रतियोगिताएं भी हुई लेकिन उसके बाद झील के हालात लगातार बिगड़ते चले गए.

Intro:northwest delhi,

location - भलस्वा झील दिल्ली ।

बाईट- सांसद हंसराज हंस के साथ टिकटैक

स्टोरी- दिल्ली की सबसे बड़ी झील भलस्वा झील आज अपना अस्तित्व खोने के कगार पर खड़ी है । पहले झील का क्षेत्रफल 92 एकड़ शालीमार बाग, हैदरपुर से लेकर भलस्वा गांव तक होता था । भलस्वा गांव में बसी भैसों की डेरियों का मल मूत्र झील में फैले जाने की वजह से झील में गंदगी का अंबार लगा हुआ है । जिससे झील के मछलियां मार रही है । झील की गंदगी का मुद्दा सांसद हंसराज हंस ने सदन में भी उठाया लेकिन हालात नही सुधरे।


Body:झील में गंदगी के मुद्दे पर जब ईटीवी भारत की टीम ने हंसराज हंस से बात किन्तु उनका कहना है कि झील को दिल्ली सरकार गंदा कर रही है । सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए। लेकिन सस्थानीय लोगों का आरोप है कि भैसों की डेरियों से निकलने वाला मल मूत्र सीधे झील में डाल जा रहा है जिसकी वजह से झील अपना अस्तित्व खोते जा रही है । पहली बार भलस्वा झील साल 1982 में अस्तित्व में आई जब भारत मे एशियाई खेलों का आयोजन किया गया । उस समय यहां पर कई प्रतियोगिताएं भी हुई लेकिन उसके बाद झील के हालात लगातार बिगड़ते चले गए । अब झील के हालात सबके सामने है ।


Conclusion:सांसद ने झील का मुद्दबतो सदन में उठाया लेकिन अभीतक संबंधित अधिकारियों का ध्यान झील पर नही गया । न ही डीडीए विभाग अपने अंतर्गत आने वाली झील पर ध्यान दे रहा है लेकिन सांसद साहब में झील को गंदा करने का आरोप बड़े आराम से दिल्ली सरकार के सिर मढ़ दिया । अब देखने वाली बात यह होगी कि झील की हालत कब सुधरती है ।
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