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पुलिस नाकाम-स्कूल फेल: 10 साल की अगवा बच्ची ने दरिंदे का हाथ काट खुद को रिहा कराया - mangolpuri bachi

मंगोलपुरी में एक 10 साल की बच्ची को स्कूल से अगवा करने की कोशिश की गई, बच्ची ने आरोपी के हाथ में दांत से काटकर अपनी जान बचाई और घर पहुंची. इस मामले में स्कूल प्रशासन और पुलिस सवालों के घेरे में हैं

10 साल की बच्ची की बहादुरी बेमिसाल
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Published : Apr 13, 2019, 1:47 PM IST

नई दिल्ली: मंगोलपुरी इलाके में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, यहां एक निजी स्कूल से बच्ची का अपहरण हो गया. राजपार्क थाना इलाके में दो दिन पहले 5वीं क्लास की बच्ची को स्कूल से ही एक शख्स किडनैप करके ले गया. बच्ची ने आरोपी के हाथ में दांत से काटकर अपनी जान बचाई. वो वहां से भागकर जैसे तैसे अपने घर लौटी. परिजनों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है, इस मामले में स्कूल की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है.

जानकारी के मुताबिक बच्ची 5वीं क्लास की छात्रा है, दो दिन पहले वो स्कूल से लंच के वक्त कुछ खाने पीने का सामान लेने गई इसी बीच कोई शख्स बच्ची को अपने साथ ले गया. जैसे ही बच्ची संजय गांधी के नजदीक पहुंची तो उसने जैसे तैसे आरोपी से खुद को बचाया और अपने घर जाने की कोशिश करने लगी. बच्ची की सूझबूझ से वो अपने घर तो पहुंच गई. लेकिन 10 साल की बच्ची पर इस दौरान क्या गुजरी होगी. इसका अंदाजा न तो स्कूल प्रशासन को है न ही पुलिसकर्मियों को.

बच्ची जिस वक्त घर लौटी वो बहुत रो रही थी और काफी डरी हुई थी, जिसके बाद जब बच्ची की मां और कुछ स्थानीय लोग बच्ची को लेकर स्कूल पहुंचे तो स्कूल प्रशासन ने बच्ची के अभिभावकों को गलत ठहराना शुरू कर दिया और अपनी गलती तक नहीं मानी.

बच्ची के माता पिता ने इस सब की सूचना पुलिस को भी दी है.

10 साल की अगवा बच्ची ने दरिंदे का हाथ काट खुद को रिहा कराया

जब स्कूल प्रशासन से इस पूरे मामले पर बात की गई तो उनका कहना था कि बच्ची उनसे पूछकर ही नीचे कुछ सामान लेने गयी थी, लेकिन हैरानी की बात ये है कि बच्ची के साथ न तो स्कूल की कोई टीचर साथ गयी और न ही कोई केयरटेकर. इसी दौरान बच्ची के साथ से हादसा हो गया.

स्कूल की व्यवस्था बदहाल

स्कूल की बात करें तो स्कूल में सुरक्षा के नाम पर ना तो कोई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही किसी तरह का कोई चौकीदार है. वहीं स्कूल की वाइस प्रिंसिपल ने बताया कि उन्हें ये तक जानकारी नही है कि उनका ये स्कूल मान्यता प्राप्त है भी या नहीं.

पेरेंटस में नाराजगी

इस घटना के बाद बाकी अभिभावक भी नाराज है और अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं. हैरानी की बात ये है कि आखिर कैसे एक 25 गज के छोटे से मकान में स्कूल चलाया जा सकता है. अब अभिभावक इस स्कूल पर कड़ी कार्रवी की मांग कर रहे हैं.

पुलिस भी सवालों के घेरे में

राजपार्क थाना पुलिस की बात करे तो लिखित शिकायत के बावजूद पुलिस अभी तक किसी आरोपी को नहीं तलाश पाई, आरोप है कि पुलिस ने दो दिन में आरोपी को ढूंढने के लिए कोई जहमत नहीं उठाई न ही इलाके का कोई सीसीटीवी खंगाला. इलाके के लोग पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.

नई दिल्ली: मंगोलपुरी इलाके में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, यहां एक निजी स्कूल से बच्ची का अपहरण हो गया. राजपार्क थाना इलाके में दो दिन पहले 5वीं क्लास की बच्ची को स्कूल से ही एक शख्स किडनैप करके ले गया. बच्ची ने आरोपी के हाथ में दांत से काटकर अपनी जान बचाई. वो वहां से भागकर जैसे तैसे अपने घर लौटी. परिजनों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है, इस मामले में स्कूल की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है.

जानकारी के मुताबिक बच्ची 5वीं क्लास की छात्रा है, दो दिन पहले वो स्कूल से लंच के वक्त कुछ खाने पीने का सामान लेने गई इसी बीच कोई शख्स बच्ची को अपने साथ ले गया. जैसे ही बच्ची संजय गांधी के नजदीक पहुंची तो उसने जैसे तैसे आरोपी से खुद को बचाया और अपने घर जाने की कोशिश करने लगी. बच्ची की सूझबूझ से वो अपने घर तो पहुंच गई. लेकिन 10 साल की बच्ची पर इस दौरान क्या गुजरी होगी. इसका अंदाजा न तो स्कूल प्रशासन को है न ही पुलिसकर्मियों को.

बच्ची जिस वक्त घर लौटी वो बहुत रो रही थी और काफी डरी हुई थी, जिसके बाद जब बच्ची की मां और कुछ स्थानीय लोग बच्ची को लेकर स्कूल पहुंचे तो स्कूल प्रशासन ने बच्ची के अभिभावकों को गलत ठहराना शुरू कर दिया और अपनी गलती तक नहीं मानी.

बच्ची के माता पिता ने इस सब की सूचना पुलिस को भी दी है.

10 साल की अगवा बच्ची ने दरिंदे का हाथ काट खुद को रिहा कराया

जब स्कूल प्रशासन से इस पूरे मामले पर बात की गई तो उनका कहना था कि बच्ची उनसे पूछकर ही नीचे कुछ सामान लेने गयी थी, लेकिन हैरानी की बात ये है कि बच्ची के साथ न तो स्कूल की कोई टीचर साथ गयी और न ही कोई केयरटेकर. इसी दौरान बच्ची के साथ से हादसा हो गया.

स्कूल की व्यवस्था बदहाल

स्कूल की बात करें तो स्कूल में सुरक्षा के नाम पर ना तो कोई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही किसी तरह का कोई चौकीदार है. वहीं स्कूल की वाइस प्रिंसिपल ने बताया कि उन्हें ये तक जानकारी नही है कि उनका ये स्कूल मान्यता प्राप्त है भी या नहीं.

पेरेंटस में नाराजगी

इस घटना के बाद बाकी अभिभावक भी नाराज है और अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं. हैरानी की बात ये है कि आखिर कैसे एक 25 गज के छोटे से मकान में स्कूल चलाया जा सकता है. अब अभिभावक इस स्कूल पर कड़ी कार्रवी की मांग कर रहे हैं.

पुलिस भी सवालों के घेरे में

राजपार्क थाना पुलिस की बात करे तो लिखित शिकायत के बावजूद पुलिस अभी तक किसी आरोपी को नहीं तलाश पाई, आरोप है कि पुलिस ने दो दिन में आरोपी को ढूंढने के लिए कोई जहमत नहीं उठाई न ही इलाके का कोई सीसीटीवी खंगाला. इलाके के लोग पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.

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Location ... Mangolpuri

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दिल्ली के मंगोल पूरी में निजी स्कूल से बच्ची को अगवा कर ले गया दरिंदा, जैसे तैसे कर हैवान से छूटकर घर पहुँची मासूम, स्कूल और स्थानीय पुलिस पर लगे लापरवाही के गंभीर आरोप।

Story... एक तरफ जहाँ नवरात्रों की धूम है और पूरे देश भर में लोग माँ भगवती की आराधना कर रहे हैं, और महज कुछ घण्टो बाद कन्या पूजन भी किया जाएगा, लेकिन वहीं कुछ इंसानी हैवान ऐसे भी हैं जो इन पवित्र नवरात्रों में भी छोटी छोटी बेटियों के साथ अनहोनी करने की घिनोनी कोशिश कर रहे हैं, इंसानियत को शर्मशार करने वाली ताज़ा घटना बाहरी दिल्ली के राजपार्क थाना इलाके के मंगोल पूरी की है, जहां एक निजी स्कूल की लापरवाही सामने आई है, जहाँ से एक अनजान व्यक्ति पाँचवी क्लास में पढ़ने वाली 10 साल की बच्ची को बहला फुसला कर अगवा कर अपने साथ ले गया, लेकिन जैसे तैसे कर बच्ची उस दरिंदे के चुंगल से छूट आयी। बरहाल बच्ची के अभिभावकों ने पुलिस को मामले की लिखित शिकायत दे दी है। लेकिन इस घटना ने निजी स्कूलों की लापरवाही को एक बार फिर से उजागर कर दिया है।

इस भीड़ के बीच स्कूल यूनिफार्म पहने ये बच्ची इसी मकान में चल रहे रोहित मॉडल नाम के इस स्कूल में पढ़ने वाली पांचवीं क्लास की छात्रा है जो महज दस साल की है, बच्ची के अभिभावकों की मानी तो उनकी बच्ची को बीते 2 दिन पहले एक अनजान शख्श स्कूल के लंच के समय स्कूल के नीचे से ही बहला फुसला कर उसे अपहरण कर अपने साथ ले जाने लगा पर जैसे ही वो शख्श संजय गांधी के करीब पहुँचा तो वो बच्ची जैसे तैसे उस शख्श को के हाथ को काटकर वहां से अपने घर आ पहुँची, जहां वो बहुत रो रही थी और काफी डरी सहमी हुई थी, जिसके बाद जब बच्ची की माँ और कुछ स्थानीय लोग जब बच्ची को स्कूल लेकर पहुँचे तो स्कूल ने उल्टे बच्ची के अभिभावकों को ही गलत ठहराना शुरू कर दिया। और अपनी गलती तक नही मानी।

बाईट :- गजेंद्र (बच्ची के पिता, सफेद शर्ट में)

बाईट :- पीड़ित बच्ची (स्कूल यूनिफार्म में)

वहीं बच्ची के साथ हुई इस घटना के बारे में बच्ची के माता पिता ने तुरंत इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस को दी। वहीं  कुछ स्थानीय लोग और परिजन घटना के अगले दिन स्कूल पहुँचे ओर उन्होंने स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन कर कार्यवाही की मांग की। जब स्कूल प्रशासन से इस पूरे मामले पर बात की गई तो उनका कहना था कि बच्ची उनसे पूछकर ही नीचे कुछ सामान लेने गयी थी, लेकिन हैरानी की बात ये है कि बच्ची के साथ न तो स्कूल की कोई टीचर साथ गयी और न ही कोई केयरटेकर ही साथ थी, इसी दौरान बच्ची के साथ से हादसा हो गया। साथ ही स्कूल पर न तो कोई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही किसी तरह का कोई चौकीदार आदि तैनात रहता है। वहीं स्कूल की वाइस प्रिंसिपल ने बताया कि उन्हें ये तक जानकारी नही है कि उनका ये स्कूल मान्यता प्राप्त है भी या नही।

बाईट :- स्कूल की वाइस प्रिंसिपल

अब ऐसे में इस घटना के बाद स्कूल में पढ़ने वाले दूर बच्चो के अभिभावक भी एक तरफ तो काफी गुस्से में हैं वहीं अपने कलेजे के टुकड़ों की सुरक्षा को लेकर काफी डरे सहमे हुए हैं, उनका कहना है कि कई बार स्कूल को cctv व अन्य सुविधाओं के लिए कहा गया है लेकिन स्कूल को सिर्फ फ़ीस लेना तो याद रहता है लेकिन बाकी चीज़े वो जान बूझकर अनसुना कर देते हैं। वही एक बात ये भी है कि आखिर कैसे एक 25 गज के छोटे से मकान में स्कूल चलाया जा सकता है। अब अभिभावक इस स्कूल पर कड़ी कार्यवाही कहते हैं, साथ ही उनकी पुलिस से भी मांग है कि पुलिस भी आरोपी को जल्द से जल्द ढूँढकर सजा दिलाये।

बाईट :- वोक्स पॉप (स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो के अभिभावक)

वहीं जहाँ इस घटना में स्कूल की लापरवाही तो सामने आई ही है, साथ ही स्थानीय पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि पीड़ित बच्ची के परिवार को इस मामले में शिकायत दिए करीब 2 दिन हो चुके है, पर राजपार्क थाना की पुलिस है कि लिखित शिकायत के बावजूद इतने गंभीर मुद्दे जोकि बच्चियों की सुरक्षा से जुड़े हुए हों, न तो अभी तक बच्ची के बयान लिए गए न ही उस दरिंदे को पकड़ने के लिए इलाके के cctv तक चेक करने की तकलीफ नही उठाई है, ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस के महिला सुरक्षा के दावे सिर्फ कहने के लिए है जबकि उनकी ज़मीनी हकीकत कुछ और ही हैं। अब ऐसे में दिल्ली सरकार और पुलिस के आलाधिकारियों के साथ साथ दिल्ली महिला आयोग को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि किसी दूसरी बच्ची के साथ कोई अनहोनी घटना न घट सके। और ऐसे स्कूलों की जांच के बाद उनपर ताला लगना चाहिए ताकि बच्चो के भविष्य और सुरक्षा से खिलवाड़ न हो सके।

Amit Tyagi etv bharat delhi..

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