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महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा, न दिखा सोशल डिस्टेंस और न ही मास्क

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Published : May 22, 2020, 4:11 PM IST

दिल्ली समेत पूरे भारत में आज वट अमावस्या पर महिलाओं ने उपवास रखा. इसी कड़ी में दिल्ली के शिव विहार इलाके में भी महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की. इस दौरान महिलाओं ने न तो मास्क पहने और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा.

women worship vat savitri without social distancing
महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली आज संपूर्ण भारत में वट अमावस्या पर महिलाओं ने उपवास रखा और वट सावित्री का विधि-विधान के साथ पूजन कर अटल सौभाग्य की कामना की. वट सावित्री व्रत की घरों में तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गईं. इसी कड़ी में पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके में भी महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना की. पूजन के दौरान महिलाओं ने न तो मास्क लगाया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा.

बिना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के महिलाओं ने की पूजा

सुखद वैवाहिक जीवन के लिए पूजा

हिंदू परंपरा में स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए तमाम व्रत का पालन करती हैं. वट सावित्री व्रत भी सौभाग्य प्राप्ति के लिए स्त्रियों के लिए एक बड़ा व्रत माना जाता है. यह ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. वट सावित्रि व्रत की हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता है. विवाहिता यह व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु होने का कामना करती हैं. इस दिन सुहागिन स्त्रियां वट वृक्ष के नीचे पूरा श्रृंगार कर विधि विधान से पूजा-अर्चना करती है.

महिलाएं लेती हैं व्रत

बता दें कि सावित्री ने अपने संकल्प और श्रद्धा से, यमराज से सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे. महिलाएं भी संकल्प के साथ अपने पति की लंबी आयु और प्राण रक्षा के लिए इस दिन व्रत और संकल्प लेती हैं. इस व्रत को करने से सुखद और संपन्न दाम्पत्य का वरदान मिलता है. मान्यता के अनुसार वटसावित्री का व्रत सम्पूर्ण परिवार को एक सूत्र में बांधे रखता है. वट वृक्ष (बरगद) एक देव वृक्ष माना जाता है. बताया जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सावित्री वट वृक्ष में ही रहते हैं.

ऐसे करें वट वृक्ष की पूजा

वट वृक्ष के समीप जाकर सर्वप्रथम वट वृक्ष को प्रणाम करें, जल चढ़ाएं, अक्षत अर्पण करें, दीपक जलाएं और सूत का धागा लेकर वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें.




नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली आज संपूर्ण भारत में वट अमावस्या पर महिलाओं ने उपवास रखा और वट सावित्री का विधि-विधान के साथ पूजन कर अटल सौभाग्य की कामना की. वट सावित्री व्रत की घरों में तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गईं. इसी कड़ी में पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके में भी महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना की. पूजन के दौरान महिलाओं ने न तो मास्क लगाया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा.

बिना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के महिलाओं ने की पूजा

सुखद वैवाहिक जीवन के लिए पूजा

हिंदू परंपरा में स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए तमाम व्रत का पालन करती हैं. वट सावित्री व्रत भी सौभाग्य प्राप्ति के लिए स्त्रियों के लिए एक बड़ा व्रत माना जाता है. यह ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है. वट सावित्रि व्रत की हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता है. विवाहिता यह व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु होने का कामना करती हैं. इस दिन सुहागिन स्त्रियां वट वृक्ष के नीचे पूरा श्रृंगार कर विधि विधान से पूजा-अर्चना करती है.

महिलाएं लेती हैं व्रत

बता दें कि सावित्री ने अपने संकल्प और श्रद्धा से, यमराज से सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे. महिलाएं भी संकल्प के साथ अपने पति की लंबी आयु और प्राण रक्षा के लिए इस दिन व्रत और संकल्प लेती हैं. इस व्रत को करने से सुखद और संपन्न दाम्पत्य का वरदान मिलता है. मान्यता के अनुसार वटसावित्री का व्रत सम्पूर्ण परिवार को एक सूत्र में बांधे रखता है. वट वृक्ष (बरगद) एक देव वृक्ष माना जाता है. बताया जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सावित्री वट वृक्ष में ही रहते हैं.

ऐसे करें वट वृक्ष की पूजा

वट वृक्ष के समीप जाकर सर्वप्रथम वट वृक्ष को प्रणाम करें, जल चढ़ाएं, अक्षत अर्पण करें, दीपक जलाएं और सूत का धागा लेकर वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें.




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