नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में देर रात हुए बिल्डिंग हादसे के बाद जमीअत उलेमा-ए-हिन्द दिल्ली प्रदेश की टीम ने भी वहां पहुंचकर राहत बचाव कार्यों में हिस्सा लिया.
इस दौरान जमीअत की टीम ठीक उस जगह पर मौजूद थी. जहां से एनडीआरएफ टीम के द्वारा मलबे में दबे घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा था.
राहत बचाव में जुटी रही जमीअत की टीम
सीलमपुर के ब्लॉक इलाके में देर रात बिल्डिंग हादसे के बाद हर कोई वहां राहत बचाव कार्य में जुट गया था. शुरुआती दौर में इलाके के लोगों ने बचाव कार्य शुरू किया. बाद में सुरक्षा एजेंसियों ने इसे अपने हवाले कर राहत बचाव कार्य में तेजी से हिस्सा लिया.
जमीअत उलेमा-ए-हिंद दिल्ली प्रदेश की टीम भी हादसे की जानकारी पाकर घटनास्थल पर पहुंची और वहां राहत बचाव में लगे लोगों की कार्य में मदद की.
प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना कासमी ने बताया कि इस घटना के बारे में इलाके के कुछ लोगों ने फोन पर जानकारी दी थी. सूचना मिलते ही वो भी अपनी पूरी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए और वहां काम कर रहे राहत बचाव दल के साथ सहयोग करने लगे.
मौजूद थी टीम जमीअत
एक तरफ लोग बाहर रोड से गली में होते हुए घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, जहां पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हुए थे और बेरिकेट कर लोगों को आने जाने से रोका हुआ था.
उसी जगह से होते हुए दिल्ली फ़ायर सर्विस, सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ जैसी सुरक्षा एजेंसी राहत बचाव कार्य में जुटी हुई थी. जबकि दूसरी तरफ पार्किंग की तरफ से जमीअत की टीम मुस्तैद खड़ी थी.
जैसे ही किसी घायल को निकाल जाता वैसे ही जमीअत के लोग उसे एम्बुलेंस तक ले जाने में मदद करते. जहां से घायल को तत्काल जग प्रवेश चंद्र अस्पताल रवाना कर दिया जाता.
इसी तरह सबसे आखिर में एनडीआरएफ की टीम ने बुजुर्ग मौहम्मद यामीन के शव को मलबे से निकाला और स्ट्रेचर की मदद से बाहर लाये. जहां पहले से ही मौजूद जमीअत के लोग उनके शव को एम्बुलेंस तक ले गए.
राहत बचाव कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है जमीअत
मौलाना ने बताया कि जमीअत उलेमा-ए-हिंद दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के किसी भी हिस्से में होने वाली कुदरती आपदा और दूसरे परेशानियों के दौरान राहत बचाव कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है.
इतना ही नहीं कई बार खाने-पीने और जरूरत का दूसरा जरूरी सामान भी प्रभावित इलाकों तक पहुंचाया जाता है. पिछले दिनों कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी जमीअत ने न केवल बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया बल्कि आगे बढ़कर जरूरत के मुताबिक लोगों की मदद की.