नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी जिले के पांचवां पुश्ता गाड़ी यमुना खादर में चल रही श्रीमद भागवत कथा का समापन हो गया है. इस दौरान श्री श्री 1008 उत्तम कुमार महाराज ने कहा कि देश का युवा वर्ग पाश्चात्य संस्कृति में ना जाएं, आज नाचने गाने वाले पाश्चात्य लोग हमारी संस्कृति को अपना रहे हैं और हम उनकी संस्कृति को अपना रहे हैं.
श्रीमद भागवत कथा का हुआ समापन
बीजेपी नेता और समाजसेवी डॉ. यूके चौधरी ने श्रीमद भागवत कथा का आयोजन कराया. जिसमें यमुनापार के साथ ही दूर दराज से आये सैंकड़ों महिला पुरूष श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. इस असवर पर श्री श्री 1008 उत्तम महाराज ने युवाओं को माता-पिता के प्रति समर्पित रहने और आज्ञाकारी बनने के लिए कहा.
'युवा मोटल, बॉटल और हॉस्टल से दूर रहें'
उन्होंने कहा कि देश का युवा वर्ग मोटल, बॉटल और हॉस्टल सभी से दूर रहे, वो संस्कार, समर्पण, प्रेम, आस्था, माता पिता के प्रति समर्पित और आज्ञाकारी बने रहें. मन को शांत बनाए रखने में भागवत का बेहद अहम किरदार है. भागवत को आत्मसात करेंगे तो सदैव जीवन में शांति बनी रहेगी.
'लोग गीता के लिए समय निकालें'
भागवत कथा के अंतिम दिन श्री श्री 1008 उत्तम महाराज ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत ही है जो तन को शांत रखती है और लोगों को भगवान के बताए मार्ग से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. आज लोग सांसारिक मोह माया में पड़ कर भगवान का नाम लेना भूल रहे हैं और इसीलिए कष्ट भी जीवन मे बढ़ने लगे गए हैं. आज ये बेहद जरूरी है कि लोग भागवत, गीता के लिए समय निकालें.
महाराज ने कहा कि सभी चीजों को परिवर्तन करने के लिए कथा संस्कार बहुत जरूरी हैं. क्योंकि बड़ों को तो परिवर्तित करना कठिन है, लेकिन जो कोरा कागज रूपी बाल मन है. उसे परिवर्तन करने के लिए कथा सत्संग बेहद जरूरी हैं. आज युवा वर्ग तेजी से पाश्चात्य संस्कृति की तरफ प्रेरित हो रहा है. जबकि पाश्चात्य वर्ग हमारी संस्कृति अपना रहे हैं.
'युवाओं को पाश्चात्य संस्कृति से बचना चाहिए'
उन्होंने कहा कि युवाओं को मोटल, बोतल और हॉस्टल से दूर रहना चाहिए. युवाओं को अपने माता पिता के प्रति समर्पण प्यार और आज्ञाकारी बनना चाहिए. युवा देश की रीढ़ है और युवाओं को धर्म कर्म के कार्यों में बढचकर हिस्सा लेना चाहिए.