नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ सीलमपुर में हुए हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर उत्तर पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. राजनेताओं और पुलिस की तरफ से लोगों को शांति बनाने की अपील की जा रही है.
आपको बता दें कि सीलमपुर इलाके में मंगलवार को नागरिकता कानून के विरोध में 11 बजे प्रदर्शन शुरू हुआ था. तकरीबन 2 बजे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकरियों ने सबसे पहले 1 डीटीसी और 1 स्कूल बस में तोड़फोड़ शुरू की. पुलिस ने जब उपद्रवियों को खदेड़ा तो उन्होंने पुलिस पर जबरदस्त पत्थराव शुरू कर दिया.
प्रदर्शन ने लिया हिंसक रूप
इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. कार्रवाई करते हुए पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज किया गया, लेकिन उपद्रवियों की हिंसा बढ़ती गई. पुलिसबूथ में तोड़फोड़ की गई. बूथ के आसपास खड़ी बाइक में आग लगा दी गई. इसके अलावा पब्लिक टॉयलेट को भी आग के हवाले कर दिया गया.
2 दर्जन लोग घायल
बढ़ते हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए. इस झड़प में 2 दर्जन लोग घायल हुए है. जिसमें ज्यादातर पुलिस के जवान है. पुलिस ने आधा दर्जन उपद्रवियों को मौके से पकड़ा है. जिनसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
नेताओं ने की शांति की अपील
सीलमपुर में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने लोगों से शांति की अपील की है.
पूर्व कांग्रेस नेता ने किया हिंसा से इनकार
सीलमपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक चौधरी मतीन अहमद ने भी मंगलवार को सीलमपुर इलाके में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया था, लेकिन चौधरी मतीन का कहना है कि हिंसा से उनका कोई लेनादेना नहीं है. हिंसा में उनके कार्यकर्ता शामिल नहीं है.
हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ने की मांग
आप विधायक अमानतुल्लाह खान, निगम पार्षद अब्दुल रहमान सहित कई आप नेताओं ने देर रात उत्तर पूर्वी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी आरपी मीना से मुलाकात कर हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ने की मांग की है.
फिलहाल हालात सामान्य
फिलहाल हालात सामान्य है. आज किसी भी तरह की विरोध प्रदर्शन और हिंसा की खबरें नहीं आई है.