नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में बीस वर्षों से चली आ रही रामलीला का मंचन इस बार कोरोना महामारी की वजह से कुछ सीमित स्तर पर सरकारी दिशा निर्देशों के मुताबिक किया का रहा है. रामलीला में कलाकारों ने भगवान राम को हुए 14 वर्षों के वनवास के दृश्य को अपनी कलाकारी से जीवंत कर दिया. भगवान राम के वनवास की खबर ने नगर वासियों को पूरी तरह से विचलित कर दिया और कलाकारों ने मंच के जरिए दिखाया कैसे नगरवासी विचलित होकर भगवान राम के चरणों में गिर गए और उन्हें वन नहीं जाने और खुद भी उनके साथ जाने को लेकर जिद करने लगे और कैसे राम ने उन्हें अपने मृदु भाव से समझाया कि वनवास जाने के लिए उन्हें लक्ष्मण और सीता के साथ जाने के निर्देश हुए हैं.
दर्शक दीर्घा में सोशल डिस्टेंसिंग
रामलीला के मंचन की इजाजत पहले ही कोविड नियमों का पालन करने के निर्देशों के साथ दी गई है. ऐसे में दर्शक दीर्घा में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए है बैठने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही रामलीला के सभी एंट्री गेट पर बॉडी सेनिटाइजर मशीन लगाई गई है. जैसे ही कोई भी एंट्री करता है वैसे ही उसका पूरा शरीर सेनिटाइज हो जाता है. रामलीला स्थल में घूम रहे कमेटी के लोग लगातार इस बात का ख्याल रख रहे हैं कि वहां आने वाला हर शख्स मुंह पर मास्क अवश्य लगाएं हो, जिसके पास मास्क नहीं होता उनको तुरंत मास्क दिया जाता है.
मंच पर PPE किट पहने कलाकार दे रहा संदेश
लीला के मंचन के दौरान एक कलाकार PPE किट पहने हुए है जो कहीं न कहीं कोरोना से बचाव के संदेश को अपनी इस वेशभूषा से ही दर्शकों तक पहुंचा रहा है. आयोजकों का मानना है कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. ऐसे में यह कलाकार लीला के दौरान बचाव को सुनिश्चित करने का संदेश दे रहा है.