नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट में शनिवार को दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलत्स्य प्रमाचल की कोर्ट में सरकारी गवाह हेड कॉन्स्टेबल अवनीश को गवाही देने के लिए बुलाया गया. गवाह ने कोर्ट के पूछने पर बताया कि सीएए-एनआरसी प्रदर्शन के दौरान अचानक ही दंगो की शुरुआत हो गई थी. सूचना प्राप्त होते ही पुलिस की टीम वहां स्तिथि को नियंत्रण करने में जुट गई. इस पुलिस टीम में खुद हेड कॉन्स्टेबल अवनीश भी शामिल थे.
पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर लोगो को समझा कर वापस लौट जाने का निर्देश दिया, लेकिन उस वक़्त दंगाई काफी आक्रोश में थे. उन्होंने पुलिस टीम को देखते ही उनपर पत्थर और पेट्रोल बोतल से हमला बोल दिया. वो लोग पुलिस को देखते ही मारो-मारो चिल्ला रहे थे. गवाह ने कोर्ट को पूछने पर बताया कि किस इलाके की ओर से दंगा करने वाले आए थे और कहां-कहां इन्होंने तोड़फोड़ की? इस मामले में इकराम, सरफराज, गुलाम, सद्दाम, जमानत पर है और मुस्तकीम, फिरोज को जेल से कोर्ट में पेश किया गया था.
बचाव पक्ष के वकील ने अपनी दलील दी कि गवाह झूठ बोल रहा है, क्योकि ये उस समय उस दंगे वाले स्थान और मौजूद नहीं था. वकील ने गवाह से कई सवाल भी किये, जिसमें पूछा गया कि क्या आपने-अपने बयान जांच अधिकारी को रिकॉर्ड करवाये है? या आपने किस-किस अपराधी को उस समय पकड़ा था, उसकी सूचना जांच अधिकारी को दी थी?
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गवाह ने अपने बयान दर्ज करवाने पर हामी भरी, लेकिन उस समय पकड़े गए दंगाइयों की नाम सहित सूचना देने के बारे में याद नहीं है जवाब दिया. बचाव पक्ष के वकील को गवाह से सवाल जवाब के दौरान कई सवालों के सही जवाब प्राप्त नहीं हुए. आरोपियों में से एक आरोपी के वकील कोर्ट में उपस्तिथ न होने के कारण आगे की कार्यवाही नहीं हो सकी, इसलिए इस मामले की आगे की कार्यवाही के लिए 29 मई को फिर सुनवाई होगी. साथ ही अदालत ने सभी आरोपियो को अपने वकील समेत कोर्ट में उपस्तिथ होने के सख्त निर्देश दिए है. जिस आरोपी के वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं थे उस पर दो हज़ार का जुर्माना भी लगाया गया है.
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