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मयंक हत्याकांड: हत्यारों का अब तक नहीं मिला सुराग, न्याय की आस में परिजन

दिल्ली के ज्योति नगर में मंयक दुबे की हत्या के मामले में पुलिस ने अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार किया है. परिजनों का कहना है कि उनके बेटों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराएंगे.

Police could not catch the accused in the murder case in Jyoti Nagar delhi
मंयक हत्याकांड में पुलिस को अभी तक नहीं मिला सुराग
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Published : Dec 10, 2019, 4:19 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर इलाके में हुई मयंक दुबे की हत्या के मामले में पुलिस अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. मयंक के पीड़ित परिजन न्याय की आस लगाए दर दर भटकने को मजबूर हैं. वहीं मृतक की माँ का रो रो कर हाल बुरा है. पीड़ित परिवार ने दिल्ली पुलिस पर भरोसा जताते हुए आरोपियों की जल्द जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है.

मंयक हत्याकांड में पुलिस को अभी तक नहीं मिला सुराग

परिजनों का कहना है कि जल्द उनके बेटे के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराएंगे.

क्या था मामला
गौरतलब है कि ईस्ट गोकलपुर इलाके में रहने वाले मयंक दुबे की अज्ञात लोगों ने होली मारकर हत्या कर दी थी, मयंक का शव ज्योति नगर इलाके में एक पार्क में पड़ा मिला था. जानकारी के मुताबिक 29 वर्षीय मयंक दुबे अपने परिवार के साथ ईस्ट गोकलपुर इलाके में रहता था. परिवार में उनकी मां और 4 भाई जॉइंट फैमिली में रहते हैं. मयंक परिवार में सबसे छोटा था और मोबाइल शॉप चलाता था. मयंक का एक भाई सीआईएसएफ में एसआई है, जिसकी पोस्टिंग भिलाई में चल रही है. घटना वाले दिन भी मयंक रोजाना की तरह ही घर से शॉप पर जाने को निकला था, लेकिन दुकान पर नहीं पहुंचा और शाम में उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली.

कई दिन बाद बरामद हुए मयंक के दोनों मोबाइल
मयंक के भाई राजेश ने बताया कि कहने को मयंक के पास से कई मोबाइल पुलिस ने बरामद होने की बात कही थी, लेकिन बार बार पूछने पर यह बात सामने आई कि दोनों मोबाइल मौके से मिले थे. दरअसल वह दुकान के नए मोबाइल थे, जिन्हें वह साथ लेकर दुकान पर जाता था. उन्होंने जब बार बार कहा तब पुलिस ने तलाश शुरू की. वह खुद पुलिस टीम के साथ गए और पुलिस ने लोकेशन ट्रेस करते हुए मयंक के दोनों मोबाइल फोन जौहरीपुर नाले के पास से बरामद कर लिए. हालांकि पुलिस को उनमें से डाटा गायब मिला.

जिन पर जताया था शक उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ा
परिजनों के मुताबिक उन्होंने मयंक की हत्या के बाद कई लोगों पर शक जताया था. जिनके मयंक की हत्या से कनेक्शन हो सकते थे. पुलिस ने कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन कई दिन चली तहकीकात के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. परिजनों ने यह भी आशंका जताई कि पुलिस की जांच सही दिशा में नहीं जा रही है, और पुलिस पूरे केस को ढीला छोड़ रही है. जिसकी वजह से आरोपियों को बच निकलने की संभावना है. हैरत की बात तो यह है कि पुलिस ने कई लोगों को तो कई दिन अपने पास पूछताछ के नाम पर हवालात में भी रखा, लेकिन उनकी पहुंच ज्यादा होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया.

बीस दिन बाद भी हत्या की वजह साफ नहीं
मयंक की हत्या को बीस दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अब तक पुलिस यह भी साफ नहीं कर पाई की आखिर मयंक की हत्या के पीछे कारण क्या थे. शुरुआत में पैसों के लेनदेन को वजह बताया गया. लेकिन उसमें कोई कड़ी पुलिस अब तक नहीं जोड़ सकी, जिसकी वजह से अब तक यह भी स्पष्ट नही हुआ कि आखिर मयंक की हत्या किस वजह से और किसने की.

परिजनों को पुलिस सिर्फ दे रही है दिलासा
परिजनों का कहना है कि केस को हुए इतने दिन गुजर गए अब तक भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. हद तो यह है कि पुलिस बार बार सिर्फ इतना कह रही है कि जल्द ही मयंक के हत्यारों को गिरफ्तार कर लेंगे. लेकिन किसी को पकड़ नहीं रही है. परिजनों ने इए मामले में ज्वॉइंट कमिश्नर से भी मुलाकात की थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अगर जल्द किसी नतीजे पर नहीं पहुंची तो पुलिस कमिश्नर से भी मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे.

हत्यारों की हो जल्द गिरफ्तारी
फिलहाल परिजन इस वारदात से सदमे में है और पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि मयंक के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजें ताकि मयंक को इंसाफ मिल सके.साथ ही परिजनों को भी कुछ राहत मिल सके.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर इलाके में हुई मयंक दुबे की हत्या के मामले में पुलिस अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. मयंक के पीड़ित परिजन न्याय की आस लगाए दर दर भटकने को मजबूर हैं. वहीं मृतक की माँ का रो रो कर हाल बुरा है. पीड़ित परिवार ने दिल्ली पुलिस पर भरोसा जताते हुए आरोपियों की जल्द जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है.

मंयक हत्याकांड में पुलिस को अभी तक नहीं मिला सुराग

परिजनों का कहना है कि जल्द उनके बेटे के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराएंगे.

क्या था मामला
गौरतलब है कि ईस्ट गोकलपुर इलाके में रहने वाले मयंक दुबे की अज्ञात लोगों ने होली मारकर हत्या कर दी थी, मयंक का शव ज्योति नगर इलाके में एक पार्क में पड़ा मिला था. जानकारी के मुताबिक 29 वर्षीय मयंक दुबे अपने परिवार के साथ ईस्ट गोकलपुर इलाके में रहता था. परिवार में उनकी मां और 4 भाई जॉइंट फैमिली में रहते हैं. मयंक परिवार में सबसे छोटा था और मोबाइल शॉप चलाता था. मयंक का एक भाई सीआईएसएफ में एसआई है, जिसकी पोस्टिंग भिलाई में चल रही है. घटना वाले दिन भी मयंक रोजाना की तरह ही घर से शॉप पर जाने को निकला था, लेकिन दुकान पर नहीं पहुंचा और शाम में उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली.

कई दिन बाद बरामद हुए मयंक के दोनों मोबाइल
मयंक के भाई राजेश ने बताया कि कहने को मयंक के पास से कई मोबाइल पुलिस ने बरामद होने की बात कही थी, लेकिन बार बार पूछने पर यह बात सामने आई कि दोनों मोबाइल मौके से मिले थे. दरअसल वह दुकान के नए मोबाइल थे, जिन्हें वह साथ लेकर दुकान पर जाता था. उन्होंने जब बार बार कहा तब पुलिस ने तलाश शुरू की. वह खुद पुलिस टीम के साथ गए और पुलिस ने लोकेशन ट्रेस करते हुए मयंक के दोनों मोबाइल फोन जौहरीपुर नाले के पास से बरामद कर लिए. हालांकि पुलिस को उनमें से डाटा गायब मिला.

जिन पर जताया था शक उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ा
परिजनों के मुताबिक उन्होंने मयंक की हत्या के बाद कई लोगों पर शक जताया था. जिनके मयंक की हत्या से कनेक्शन हो सकते थे. पुलिस ने कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन कई दिन चली तहकीकात के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. परिजनों ने यह भी आशंका जताई कि पुलिस की जांच सही दिशा में नहीं जा रही है, और पुलिस पूरे केस को ढीला छोड़ रही है. जिसकी वजह से आरोपियों को बच निकलने की संभावना है. हैरत की बात तो यह है कि पुलिस ने कई लोगों को तो कई दिन अपने पास पूछताछ के नाम पर हवालात में भी रखा, लेकिन उनकी पहुंच ज्यादा होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया.

बीस दिन बाद भी हत्या की वजह साफ नहीं
मयंक की हत्या को बीस दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अब तक पुलिस यह भी साफ नहीं कर पाई की आखिर मयंक की हत्या के पीछे कारण क्या थे. शुरुआत में पैसों के लेनदेन को वजह बताया गया. लेकिन उसमें कोई कड़ी पुलिस अब तक नहीं जोड़ सकी, जिसकी वजह से अब तक यह भी स्पष्ट नही हुआ कि आखिर मयंक की हत्या किस वजह से और किसने की.

परिजनों को पुलिस सिर्फ दे रही है दिलासा
परिजनों का कहना है कि केस को हुए इतने दिन गुजर गए अब तक भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. हद तो यह है कि पुलिस बार बार सिर्फ इतना कह रही है कि जल्द ही मयंक के हत्यारों को गिरफ्तार कर लेंगे. लेकिन किसी को पकड़ नहीं रही है. परिजनों ने इए मामले में ज्वॉइंट कमिश्नर से भी मुलाकात की थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अगर जल्द किसी नतीजे पर नहीं पहुंची तो पुलिस कमिश्नर से भी मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे.

हत्यारों की हो जल्द गिरफ्तारी
फिलहाल परिजन इस वारदात से सदमे में है और पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि मयंक के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजें ताकि मयंक को इंसाफ मिल सके.साथ ही परिजनों को भी कुछ राहत मिल सके.

Intro:उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर इलाके में हुई मयंक दुबे की हत्या के मामले में पुलिस अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है, मयंक के पीड़ित परिजन न्याय की आस लगाए दर दर भटकने को मजबूर हैं, वहीं मृतक की माँ का रो रो कर हाल बुरा है, पीड़ित परिवार ने दिल्ली पुलिस पर भरोसा जताते हुए आरोपियों की जल्द जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है,परिजनों का कहना है कि जल्द उनके बेटे के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराएंगे. गौरतलब है कि ईस्ट गोकलपुर इलाके में रहने वाले मयंक दुबे की अज्ञात लोगों ने होली मारकर हत्या कर दी थी, मयंक का शव ज्योति नगर इलाके में एक पार्क में पड़ा मिला था.


Body:जानकारी के मुताबिक 29 वर्षीय मयंक दुबे अपने परिवार के साथ ईस्ट गोकलपुर इलाके में रहता था, परिवार में उनकी मां और 4 भाई जॉइंट फैमिली में रहते हैं, मयंक परिवार में सबसे छोटा था और मोबाइल शॉप चलाता था.मयंक का एक भाई सीआईएसएफ में एसआई है,जिसकी पोस्टिंग भिलाई में चल रही है. घटना वाले दिन भी मयंक रोजाना की तरह ही घर से शॉप पर जाने को निकला था, लेकिन दुकान पर नहीं पहुंचा और शाम में उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली.

कई दिन बाद बरामद हुए मयंक के दोनों मोबाइल
मयंक के भाई राजेश ने बताया कि कहने को मयंक के पास से कई मोबाइल पुलिस ने बरामद होने की बात कही थी,लेकिन बार बार पूछने पर यह बात सामने आई कि को मोबाइल मौके से मिले थे, दरअसल वह दुकान के नए मोबाइल थे, जिन्हें वह साथ लेकर दुकान पर जाता था, उन्होंने जब बार बार कहा तब पुलिस ने तलाश शुरू की, वह खुद पुलिस टीम के साथ गए और पुलिस ने लोकेशन ट्रेस करते हुए मयंक के दोनों मोबाइल फोन जौहरीपुर नाले के पास से बरामद कर लिए. हालांकि पुलिस को उनमें से डाटा गायब मिला.

जिन पर जताया था शक उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ा
परिजनों के मुताबिक उन्होंने मयंक की हत्या के बाद कई लोगों पर शक जताया था जिनके मयंक की हत्या से कनेक्शन हो सकते थे, पुलिस ने कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन कई दिन चली तहकीकात के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. परिजनों ने यह भी आशंका जताई कि पुलिस की जांच सही दिशा में नहीं जा रही है, और पुलिस पूरे केस को ढीला छोड़ रही है जिसकी वजह से आरोपियों को बच निकलने की संभावना है. हैरत की बात तो यह है कि पुलिस ने कई लोगों को तो कई दिन अपने पास पूछताछ के नाम पर हवालात में भी रखा,लेकिन उनकी पहुंच ज्यादा होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया.

बीस दिन बाद भी हत्या की वजह साफ नहीं
मयंक की हत्या को बीस दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अब तक पुलिस यह भी साफ नहीं कर पाई की आखिर मयंक की हत्या के पीछे कारण क्या थे, शुरुआत में पैसों के लेनदेन को वजह बताया गया केकिन उसमें कोई कड़ी पुलिस अब तक नहीं जोड़ सकी, जिसकी वजह से अब तक यह भी स्पष्ट नही हुआ कि आखिर मयंक की हत्या किस वजह से और किसने की.

परिजनों को पुलिस सिर्फ दे रही है दिलासा
परिजनों का कहना है कि केस को हुए इतने दिन गुजर गए अब तक भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, हद तो यह है कि पुलिस बार बार सिर्फ इतना कह रही है कि जल्द ही मयंक के हत्यारों को गिरफ्तार कर लेंगे, लेकिन किसी को पकड़ नहीं रही है, परिजनों ने इए मामले में ज्वॉइंट कमिश्नर से भी मुलाकात की थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.उन्होंने कहा कि अगर जल्द किसी नतीजे पर नहीं पहुंची तो पुलिस कमिश्नर से भी मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे.




Conclusion:फिलहाल परिजन इस वारदात से सदमे में है और पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि मयंक के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजें ताकि मयंक को इंसाफ मिल सके.साथ ही परिजनों को भी कुछ राहत मिल सके.

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मयंक के भाई
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