नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क में रविवार को महान वीरांगना अहिल्याबाई होलकर के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मानोज तिवारी शामिल हुए. इस दौरान तिवारी ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होलकर एक महान वीरांगना होने के साथ-साथ कुशल शासक धर्मावलंबी और कार्यकुशलता की प्रतीक थीं.
उन्होंने कहा कि मालवा की गद्दी संभालने के बाद राज्य में कुछ विरोध के बावजूद अहिल्याबाई को सेना सहित लगभग सभी का समर्थन मिला. एक साल के भीतर ही उन्हें आक्रांताओं का सामना करना पड़ा और रानी अहिल्याबाई ने आगे बढ़कर अपनी सेना का कुशल नेतृत्व किया. इसमें उनके गोद लिए हुए पुत्र तुकाजीराव होल्कर को उन्होंने सेनापति बनाया. एक साहसी नेतृत्व के साथ ही रानी अहिल्याबाई में बहुत कुशल राजनीतिक क्षमता भी थी. उन्होंने मराठा साम्राज्य पर अंग्रेजों के खतरे को बहुत पहले ही भांप लिया था.
सांसद ने कहा कि अपने 30 साल के शासन में इंदौर में गांव से लेकर शहर सभी ने समृद्धि देखी. रानी ने बहुत सारे किले और सड़कें बनवाईं. कई त्योहारों का आयोजन करवाती थीं और उन्होंने बहुत से मंदिरों को दान भी दिए थे. यहां तक कि उनके राज्य के बाहर भी उन्होंने मंदिर, घाट, कुएं, सराय आदि बनवाए थे. इसमें काशी, गयात, सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, कांची आदि कई मंदिरों का सौंदर्यीकरण भी किया.
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि महारानी वीरांगना अहिल्याबाई होलकर के जीवन को आदर्श मानकर हम सबने अपने अंदर राष्ट्रभक्ति धर्मावलंबी कर्तव्य परायणता और संस्कृति से प्रेम की भावना को बल देना चाहिए. जिस तरह महारानी वीरांगना अहिल्याबाई होलकर ने अपने कर्तव्य पथ पर चलकर अपने आपको इतिहास का हिस्सा बनाया हम सब आज इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने गौरवशाली इतिहास का स्मरण कर राष्ट्र प्रेम की अलख जगाते हुए उस महान इतिहास का हिस्सा बने. यही महान वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.