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मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं बिगाड़ रही है देश का माहौल: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने दिल्ली के उस्मानपुर स्थित एक मदरसे में बैठक का आयोजन किया. बैठक में आगामी अमन एकता सम्मेलन की तैयारियों और देश के माहौल पर चर्चा की गई.

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Published : Jul 30, 2019, 8:51 PM IST

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी जिले के उस्मानपुर इलाके में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द दिल्ली प्रदेश की एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में आगामी 5 अगस्त को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले अमन एकता सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लिया गया.

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने मदरसे में किया बैठक का आयोजन

इस मौके पर जमीयत के वक्ताओं ने कहा कुछ सालों से ऐसा संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि यह देश सिर्फ बहुसंख्यकों का है और बाकी लोगों का इस मुल्क के मामले में कोई हक नहीं. इस तरह की चीजें देश से अमन भाईचारे को मिटा रही हैं और आये दिन मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं देश का माहौल बिगाड़ रही हैं.

5 अगस्त को दिल्ली में अमन एकता सम्मेलन
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की एक बैठक न्यू उसमानपुर इलाके में स्थित खत वाली मस्जिद, मदरसा फलाहे दारेन के प्रांगण में आयोजित की गई. बैठक में आगामी 5 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले अमन एकता सम्मेलन की तैयारियों और दिल्ली के हिसाब से दी जाने वाली जिम्मेदारियों पर चर्चा की गई.

'प्रधानमंत्री करते हैं जुमलेबाजी'
दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष मौलाना मौ. आबिद कासमी ने कहा कि आज पूरा देश अमन पसंद लोग यह महसूस कर करे हैं उनके अंदर बैचेनी है. सड़कों पर चलना-फिरना दूभर हो गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और मजहब-ए-इस्लाम अमन पसंद है. प्रधानमंत्री की बातें सिर्फ जुमले होती हैं जबकि उसपर अमल कुछ भी नहीं होता है.

'मॉब लिंचिंग देश की अमन शांति के खिलाफ'
मौलाना ने कहा कि पिछले कुछ सालों से लोगों के जरिये यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि यह देश बहुसंख्यकों का है. बाकी लोगों को इस देश के मामले में बोलने का कोई हक नहीं है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द देशवासियों को अमन भाईचारे का संदेश सदियों से देते आ रहे हैं. देश में जो मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हो रही हैं वह देश की अमन शांति के खिलाफ हैं. कभी कानून बनाने की धमकी दी जाती है, कभी पार्लियामेंट में कानून पास किया जाता है. इस तरह की चीजों से क्या देश का अमन कायम रह पायेगा.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी जिले के उस्मानपुर इलाके में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द दिल्ली प्रदेश की एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में आगामी 5 अगस्त को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले अमन एकता सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लिया गया.

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने मदरसे में किया बैठक का आयोजन

इस मौके पर जमीयत के वक्ताओं ने कहा कुछ सालों से ऐसा संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि यह देश सिर्फ बहुसंख्यकों का है और बाकी लोगों का इस मुल्क के मामले में कोई हक नहीं. इस तरह की चीजें देश से अमन भाईचारे को मिटा रही हैं और आये दिन मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं देश का माहौल बिगाड़ रही हैं.

5 अगस्त को दिल्ली में अमन एकता सम्मेलन
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की एक बैठक न्यू उसमानपुर इलाके में स्थित खत वाली मस्जिद, मदरसा फलाहे दारेन के प्रांगण में आयोजित की गई. बैठक में आगामी 5 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले अमन एकता सम्मेलन की तैयारियों और दिल्ली के हिसाब से दी जाने वाली जिम्मेदारियों पर चर्चा की गई.

'प्रधानमंत्री करते हैं जुमलेबाजी'
दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष मौलाना मौ. आबिद कासमी ने कहा कि आज पूरा देश अमन पसंद लोग यह महसूस कर करे हैं उनके अंदर बैचेनी है. सड़कों पर चलना-फिरना दूभर हो गया है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और मजहब-ए-इस्लाम अमन पसंद है. प्रधानमंत्री की बातें सिर्फ जुमले होती हैं जबकि उसपर अमल कुछ भी नहीं होता है.

'मॉब लिंचिंग देश की अमन शांति के खिलाफ'
मौलाना ने कहा कि पिछले कुछ सालों से लोगों के जरिये यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि यह देश बहुसंख्यकों का है. बाकी लोगों को इस देश के मामले में बोलने का कोई हक नहीं है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द देशवासियों को अमन भाईचारे का संदेश सदियों से देते आ रहे हैं. देश में जो मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हो रही हैं वह देश की अमन शांति के खिलाफ हैं. कभी कानून बनाने की धमकी दी जाती है, कभी पार्लियामेंट में कानून पास किया जाता है. इस तरह की चीजों से क्या देश का अमन कायम रह पायेगा.

Intro: उत्तर पूर्वी जिले के उस्मानपुर इलाके में जमीअत उलमा हिंद दिल्ली प्रदेश की एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आगामी 5 अगस्त को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले अमन एकता सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लिया गया. इस मौके पर जमीयत के वक्ताओं ने कहा कुछ सालों से ऐसा संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि यह देश सिर्फ बहुसंख्यकों का है और बाकी लोगों का इस मुल्क के मामले में कोई हक नहीं है, इस तरह की चीजें देश से अमन भाईचारे को मिटा रही हैं और आये दिन मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं देश का माहौल बिगाड़ रही हैं.


Body:जमीअत उलेमा ए हिंद की एक बैठक न्यू उसमानपुर इलाके में स्थित खत वाली मस्जिद, मदरसा फलाहे दारेन के प्रांगण में आयोजित की गई.बैठक में आगामी 5 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले अमन एकता सम्मेलन की तैयारियों और दिल्ली के हिसाब से दी जाने वाली जिम्मेदारियों पर चर्चा की गई.
इस मौके पर दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष मौलाना मौ.आबिद कासमी ने कहा कि आज पूरा देश खासकर अमन पसंद लोग यह महसूस कर करे हैं उनके अंदर बैचेनी है, सड़कों पर चलम फिरना दूभर हो गया है. जमीअत उलेमा ए हिंद और मजहब ए इस्लाम अमन पसंद है. प्रधानमंत्री की बातें सिर्फ जुमले होती हैं जबकि उसपर अमल कुछ भी नहीं होता है.
मौलाना ने कहा कि पिछले कुछ सालों से शर पसंद लोगों के जरिये एक खास किस्म का संदेश पहुंचाया जा रहा है कि यह देश बहुसंख्यकों का है, बाकी लोगों का इस देश के मामले में बोलने का कोई हक नहीं है. जमीअत उलेमा ए हिंद देशवासियों को अमन भाईचारे का संदेश सदियों से लेकर चली आ रही है.जो मामले हो रहे हैं वह देश की अमन शांति के खिलाफ हैं, कभी कानून बनाने की धमकी दी जाती है, कभी पार्लियामेंट में कानून पास किया जाता है. इस तरह की चीजों से क्या देश का अमन कायम रह पायेगा.


Conclusion:देश का माहौल बेहद खराब है और लगातार होने वाली मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं देश के अमन ओ अमान भाईचारे को पलीता लगा रही हैं, जमीअत उलेमा ए हिंद एक बार फिर से देश में भाईचारे को कायम करने के लिए इस तरह के3 सम्मेलन का औओजन कर रहा है ताकि देश के हुक्मरानों को संदेश दिया जा सके कि इस देश पर मुसलमानों का भी बराबर का हक है.


जमीअत उलेमा ए हिंद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद आबिद कासमी और महासचिव के साथ बातचीत करते हुए
वॉक थ्रू किया हुआ है.......
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