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जेएनयू: महिला प्रोफेसर ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप, नजीब की तरह गायब करने की रच रहे हैं साजिश - jawahar lal

जेएनयू में महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न के मामले को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब-तलब किया है. अंतरिम आदेश जारी करते हुए महिला की सर्विस को चालू किये जाने का निर्देश दिया है.

जेएनयू की महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न का मामला
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Published : Jul 23, 2019, 5:52 AM IST

Updated : Jul 23, 2019, 1:42 PM IST

नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न के मामले को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने गंभीरता से लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब तलब किया है.

जेएनयू की महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न का मामला

माइनॉरिटी कमीशन ने जेएनयू प्रशासन को दी चेतावनी
महिला प्रोफेसर ने जेएनयू प्रशासन पर धार्मिक आधार पर उत्पीड़न किये जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए कमीशन में इसकी शिकायत भी की थी.


कमीशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अंतरिम आदेश जारी करते हुए महिला की सर्विस को सुचारू किये जाने के निर्देश दिया हैं. साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि यदि जेएनयू प्रशासन की तरफ से तय समय में जवाब नहीं दिया गया तो इस बाबत वीसी, रजिस्ट्रार और सेंटर हेड के खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाएगा.


दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने बताया कि कमीशन को जेएनयू में कार्यरत एक महिला प्रोफेसर ने शिकायत देते हुए बताया है कि उन्हें लगातार वहां पर तंग किया जा रहा है. उनकी सैलरी रोक दी गई है. उन्हें क्लॉस नहीं लेने दिया जा रहा है.


इसके साथ ही एमफिल, पीएचडी के छात्रों को सुपरवाइज भी नहीं करने दिया जा रहा है. इतना ही नहीं उनको फैकल्टी मीटिंग में भी नहीं आने देते हैं. वहां से ऑफिशियल ई-मेल और इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं करने दिया जाता है.

गंभीरता से कमीशन ने लिया एक्शन
चेयरमैन के मुताबिक जेएनयू प्रशासन से नाराज महिला प्रोफेसर ने यहां तक लिखा कि मैं खुदकुशी करने की सोच रही हूं. मुझे डर है कि जैसे अक्टूबर में नजीब अहमद को गायब कर दिया गया. कहीं वैसे ही मुझे भी गायब न कर दिया जाए.


यह बातें बेहद गंभीर थीं ऐसे में कमीशन ने उसे गंभीरता से लेते हुए इस पर फौरन एक्शन भी लिया. चेयरमैन ने महिला प्रोफेसर के आरोपों पर जेएनयू रजिस्ट्रार को आरोपों के पेपर देते हुए जवाब मांगा है.

कमीशन ने जारी किया अंतरिम ऑर्डर
इसके साथ ही महिला के आरोपो को गंभीरता से लेते हुए कमीशन ने अंतरिम ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है. कमीशन ने अपने अंतरिम ऑर्डर में जेएनयू प्रशासन को महिला प्रोफेसर की सैलरी को तुरंत जारी करने, घर से उन्हें बेदखल नहीं करने, उन्हें पढ़ाने का जो हक है उसे देने की बातें कही हैं.

Minority Commission referred matter of female professor harassment to JNU University administration
जेएनयू की महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न का मामला


इसके साथ ही वसंत कुंज पुलिस को भी ऑर्डर किया है कि अगर जेएनयू की तरफ से घर खाली कराने के लिए पुलिस फोर्स की डिमांड आते तो उन्हें मुहैया नहीं कराई जाए. फिलहाल कमीशन को रजिस्ट्रार के जवाब का इंतजार है.

नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न के मामले को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने गंभीरता से लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब तलब किया है.

जेएनयू की महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न का मामला

माइनॉरिटी कमीशन ने जेएनयू प्रशासन को दी चेतावनी
महिला प्रोफेसर ने जेएनयू प्रशासन पर धार्मिक आधार पर उत्पीड़न किये जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए कमीशन में इसकी शिकायत भी की थी.


कमीशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अंतरिम आदेश जारी करते हुए महिला की सर्विस को सुचारू किये जाने के निर्देश दिया हैं. साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि यदि जेएनयू प्रशासन की तरफ से तय समय में जवाब नहीं दिया गया तो इस बाबत वीसी, रजिस्ट्रार और सेंटर हेड के खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाएगा.


दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने बताया कि कमीशन को जेएनयू में कार्यरत एक महिला प्रोफेसर ने शिकायत देते हुए बताया है कि उन्हें लगातार वहां पर तंग किया जा रहा है. उनकी सैलरी रोक दी गई है. उन्हें क्लॉस नहीं लेने दिया जा रहा है.


इसके साथ ही एमफिल, पीएचडी के छात्रों को सुपरवाइज भी नहीं करने दिया जा रहा है. इतना ही नहीं उनको फैकल्टी मीटिंग में भी नहीं आने देते हैं. वहां से ऑफिशियल ई-मेल और इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं करने दिया जाता है.

गंभीरता से कमीशन ने लिया एक्शन
चेयरमैन के मुताबिक जेएनयू प्रशासन से नाराज महिला प्रोफेसर ने यहां तक लिखा कि मैं खुदकुशी करने की सोच रही हूं. मुझे डर है कि जैसे अक्टूबर में नजीब अहमद को गायब कर दिया गया. कहीं वैसे ही मुझे भी गायब न कर दिया जाए.


यह बातें बेहद गंभीर थीं ऐसे में कमीशन ने उसे गंभीरता से लेते हुए इस पर फौरन एक्शन भी लिया. चेयरमैन ने महिला प्रोफेसर के आरोपों पर जेएनयू रजिस्ट्रार को आरोपों के पेपर देते हुए जवाब मांगा है.

कमीशन ने जारी किया अंतरिम ऑर्डर
इसके साथ ही महिला के आरोपो को गंभीरता से लेते हुए कमीशन ने अंतरिम ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है. कमीशन ने अपने अंतरिम ऑर्डर में जेएनयू प्रशासन को महिला प्रोफेसर की सैलरी को तुरंत जारी करने, घर से उन्हें बेदखल नहीं करने, उन्हें पढ़ाने का जो हक है उसे देने की बातें कही हैं.

Minority Commission referred matter of female professor harassment to JNU University administration
जेएनयू की महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न का मामला


इसके साथ ही वसंत कुंज पुलिस को भी ऑर्डर किया है कि अगर जेएनयू की तरफ से घर खाली कराने के लिए पुलिस फोर्स की डिमांड आते तो उन्हें मुहैया नहीं कराई जाए. फिलहाल कमीशन को रजिस्ट्रार के जवाब का इंतजार है.

Intro:देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न के मामले को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने बेहद गंभीरता से लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब तलब किया है साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए अंतरिम आदेश जारी करते हुए महिला की सर्विस को सुचारू किये जाने के निर्देश दिए हैं, साथ ही यह चेतावनी भी री है कि यदि जेएनयू प्रशासन की तरफ आए तय समय में जवाब नहीं दिया गया तो इस बाबत वीसी, रजिस्ट्रार और सेंटर हेड के खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाएगा. दरअसल एक महिला प्रोफेसर ने जेएनयू प्रशासन पर धार्मिक आधार पर उत्पीड़न किये जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए कमीशन में इसकी शिकायत की थी.



Body:दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लाम खान ने बताया कि कमीशन को जेएनयू में कार्यरत एक महिला प्रोफेसर ने शिकायत देते हुए बताया है कि उन्हें लगातार वहां पर तंग किया जा रहा है, उनकी सैलरी रोक दी गई है,उन्हें क्लॉस नहीं लेने दिया जा रहा है.इसके साथ ही एमफिल, पीएचडी के छात्रों को सुपरवाइज भी नहीं करने दे रहे हैं, इतना ही नहीं उनको फैकल्टी मीटिंग में नहीं आने देते,वहां से ऑफिशियल ईमेल नहीं करने देते, वह इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं कर सकती हैं, इवक साथ ही उन्हें जो घर रहने के लिए मिला हुआ है उससे भी बेदखल करने की कोशिश की जा रही है.
चेयरमैन के मुताबिक जेएनयू प्रशासन से क्षुब्ध महिला प्रोफेसर ने यहां तक लिखा कि मैं खुदकुशी करने की सोच रही हूँ, मुझे डर है कि जैसे अक्टूबर में नजीब अहमद को गायब कर दिया गया कहीं वैसे ही मुझे भी गायब कर दिया जाएगा, क्योंकि यह बातें बेहद गंभीर थीं ऐसे में कमीशन ने उसे गंभीरता से लेते हुए इसपर फौरन एक्शन भी लिया.
चेयरमैन ने महिला प्रोफेसर के आरोपों पर जेएनयू रजिस्ट्रार को आरोपो के पेपर देते हुए राय मांगी है, महिला द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं उनका जवाब दीजिए, इसके साथ ही महिला के आरोपो को गंभीरता से लेते हुए कमीशन ने अंतरिम ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है क्योंकि मामला बेहद खतरनाक था. कमीशन ने अपने अंतरिम ऑर्डर में जेएनयू प्रशासन को ऑर्डर जारी करते हुए महिला प्रोफेसर की सैलरी को तुरंत जारी करने, घर से उन्हें बेदखल नहीं करने, उन्हें पढ़ाने का जो हक है उसे दुबारा उनको देने की बातें कही गई हैं. इसके साथ ही वसंत कुंज पुलिस को भी ऑर्डर किया है कि अगर जेएनयू की तरफ से घर खाली कराने के लिए पुलिस फोर्स की डिमांड आते तो उन्हें मुहैया नहीं कराई जाए.फिलहाल कमीशन को रजिस्ट्रार के जवाब का इंतजार है.
चेयरमैन डॉ.खान ने बताया कि यदि महिला के आरोपों का जेएनयू प्रशासन की तरफ से तय समय में कोई जवाब नहीं आता है तो यूनिवर्सिटी के वीसी, रजिस्ट्रार के अलावा उस सेंटर हेड के खिलाफ भी केस दर्ज करेंगे जहां महिला प्रोफेसर कार्यरत हैं. इनके बाद सिविल कोड की तरह केस चलेगा. इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती , समाज में कानून चलता है,यह बेहद जरूरी ही कि यूनिवर्सिटी में हकों का पालन हो,इन्हें कानून के दायरे में रहकर चलाया जाए.
पीड़ित महिला प्रोफेसर पांच छह सालों से जेएनयू में कार्यरत हैं,इससे पहले वह हैदराबाद स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी साढ़े चार साल जॉब कर चुकी हैं.



Conclusion:दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन का मानना है जिस ढंग से यूनिवर्सिटी में टॉप लेवल से महिला प्रोफेसर को परेशान किया जा रहा है उससे लगता है कि एडमिनिस्ट्रेशन किसी और को महिला की जगह पर रखना चाहता है इसीलिए महिला प्रोफेसर को परेशान किया जा रहा ताकि वह तंग आकर यहां से चली जाएं.लेकिन पीड़ित महिला प्रोफेसर की शिकायत कमीशन को मिली इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की गई है, देखना होगा कमीशन का एक्शन मोड महिला प्रोफेसर को कब तक न्याय दिला पाता है.

बाईट
डॉ.जफरुल इस्लाम खान
चेयरमैन, माइनॉरिटी कमीशन, दिल्ली
Last Updated : Jul 23, 2019, 1:42 PM IST
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