नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में महिला प्रोफेसर के उत्पीड़न के मामले को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने गंभीरता से लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब तलब किया है.
माइनॉरिटी कमीशन ने जेएनयू प्रशासन को दी चेतावनी
महिला प्रोफेसर ने जेएनयू प्रशासन पर धार्मिक आधार पर उत्पीड़न किये जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए कमीशन में इसकी शिकायत भी की थी.
कमीशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अंतरिम आदेश जारी करते हुए महिला की सर्विस को सुचारू किये जाने के निर्देश दिया हैं. साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि यदि जेएनयू प्रशासन की तरफ से तय समय में जवाब नहीं दिया गया तो इस बाबत वीसी, रजिस्ट्रार और सेंटर हेड के खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाएगा.
दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने बताया कि कमीशन को जेएनयू में कार्यरत एक महिला प्रोफेसर ने शिकायत देते हुए बताया है कि उन्हें लगातार वहां पर तंग किया जा रहा है. उनकी सैलरी रोक दी गई है. उन्हें क्लॉस नहीं लेने दिया जा रहा है.
इसके साथ ही एमफिल, पीएचडी के छात्रों को सुपरवाइज भी नहीं करने दिया जा रहा है. इतना ही नहीं उनको फैकल्टी मीटिंग में भी नहीं आने देते हैं. वहां से ऑफिशियल ई-मेल और इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं करने दिया जाता है.
गंभीरता से कमीशन ने लिया एक्शन
चेयरमैन के मुताबिक जेएनयू प्रशासन से नाराज महिला प्रोफेसर ने यहां तक लिखा कि मैं खुदकुशी करने की सोच रही हूं. मुझे डर है कि जैसे अक्टूबर में नजीब अहमद को गायब कर दिया गया. कहीं वैसे ही मुझे भी गायब न कर दिया जाए.
यह बातें बेहद गंभीर थीं ऐसे में कमीशन ने उसे गंभीरता से लेते हुए इस पर फौरन एक्शन भी लिया. चेयरमैन ने महिला प्रोफेसर के आरोपों पर जेएनयू रजिस्ट्रार को आरोपों के पेपर देते हुए जवाब मांगा है.
कमीशन ने जारी किया अंतरिम ऑर्डर
इसके साथ ही महिला के आरोपो को गंभीरता से लेते हुए कमीशन ने अंतरिम ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है. कमीशन ने अपने अंतरिम ऑर्डर में जेएनयू प्रशासन को महिला प्रोफेसर की सैलरी को तुरंत जारी करने, घर से उन्हें बेदखल नहीं करने, उन्हें पढ़ाने का जो हक है उसे देने की बातें कही हैं.
इसके साथ ही वसंत कुंज पुलिस को भी ऑर्डर किया है कि अगर जेएनयू की तरफ से घर खाली कराने के लिए पुलिस फोर्स की डिमांड आते तो उन्हें मुहैया नहीं कराई जाए. फिलहाल कमीशन को रजिस्ट्रार के जवाब का इंतजार है.