नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं के भड़काऊ भाषणों से नाराज जमीअत उलेमा ए हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की है. जमीअत ने ज्ञापन सौपकर ऐसे नेताओं पर मामले दर्ज करने की मांग की है. कमीशन ने जमीअत शिष्ट मंडल को इस तरह के मामलों पर बारीकी से नजर रखने और शीघ्र उचित कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया है.
चीफ इलेक्शन ऑफिसर से मुलाकात
जमीअत उलेमा ए हिंद का एक शिष्टमंडल दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आबिद कासमी के नेतृत्व में दिल्ली के चीफ इलेक्शन ऑफिसर से मिला और उन्हें आर्टिकल 139 A की याद दिलाई, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है. इतना ही नहीं चुनाव के दौरान कोई भी दल किसी भी समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए वोट नहीं मांग सकता है
'रैलियों में एक समुदाय पर हो रही है बयानबाजी'
दिल्ली चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद जमीअत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना आबिद कासमी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा के नेता जिस तरह से दिल्ली चुनाव के दौरान एक समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए रैलियों में ब्यानबाजी कर दिल्ली की माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, वे ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग उनकी बातों को बेहद गंभीरता से सुने और यह भी कहा कि आयोग इस मामले में बेहद बारीकी से नजर रखे हुए हैं और इस बाबत जल्द कार्रवाई की जाएगी.
'शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करना नागरिकों का हक'
जमीअत ने अपने ज्ञापन में ये भी कहा है कि अपने हकों के लिए शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करना नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान इन धरनों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है जोकि सरासर गलत है.
'इलेक्शन के दौरान भड़काऊ भाषणबाजी ठीक नहीं '
जमीअत ने ज्ञापन में भाजपा के उन स्टार प्रचारकों के नाम भी दिए जिन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के भाषण दिए, साथ ही जमीअत ने ये भी कहा कि ऐसे लोगों पर सिर्फ चंद घंटों के लिए बोलने की पाबंदी लगाने काफी नहीं है, ऐसे नेताओं पर एफआईआर दर्ज कराते हुए उन्हें अरेस्ट करना चाहिए.जमीअत ने प्रधानमंत्री के चुनावी भाषण पर भी सवाल उठाया.