बता दें कि पिछले कुछ महीनों से गाजियाबाद भारत के सर्वाधिक प्रदूषित इलाकों में से एक रहा है. प्रदूषण का स्तर नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण तमाम उपाय कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण प्रदूषण का स्तर नियंत्रित नहीं हो पा रहा.
इतना ही नहीं निर्धारित मात्रा से ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन करने वाले औद्योगिक इकाइयां भी अब दोबारा से चलने लगी हैं, जिसके कारण गाजियाबाद की हवा प्रदूषित हो रही है.
'आम लोगों के सहयोग की जरूरत'
इस संबंध में प्रदूषण अधिकारी का कहना है कि जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम निर्धारित मात्रा से ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन करने वाले उद्योग इकाइयों को बंद करा रहे हैं. इसके साथ-साथ सभी निर्माण कार्यों पर भी लगातार पानी का छिड़काव कराया जा रहा है. इस काम में आम जनों को भी सहयोग करने की जरूरत है. तभी प्रदूषण का स्तर जिले में नियंत्रित हो पाएगा.