नई दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध में हुए दिल्ली दंगों का एक साल पूरा हो चुका है. इस दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी टायर मार्केट से हिंसा की भयावह तस्वीर सामने आई थी. पूरे टायर मार्केट को आग के हवाले कर दिया गया था. जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ था. दंगों के एक साल पूरा होने पर ईटीवी भारत की टीम ने गोकुलपुरी टायर मार्केट का जायजा लिया और दुकानदारों से बातचीत की.
करोड़ों का नुकसान, लाखों में मुआवजा
गोकुलपुरी टायर मार्केट में दुकानदार मोहम्मद सलीम ने बताया कि दंगों के दौरान यहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. पूरे मार्केट को घेर कर इसमें आग लगा दी गई थी. जिसमें करोड़ों का नुकसान हुआ था. अभी तक हमारी स्थिति नहीं सुधरी है. हम उधार पर माल ला रहे हैं और उसकी भी देनदारी बकाया है. किसी भी राजनीतिक दल या किसी सांसद विधायक से हमें कोई सहायता नहीं मिली. हमें नाम मात्र का मुआवजा मिला है. किसी को एक लाख तो किसी को सवा लाख जबकि प्रत्येक दुकान में करोड़ों का माल भरा हुआ था.
लॉकडाउन से भी हुआ नुकसान
दुकानदारों ने बताया कि दंगे से अभी यहां के दुकानदार उबर ही रहे थे कि पूरी दिल्ली में लॉकडाउन लग गया. इससे हमारा व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया. उधार पर जो हमने माल उठाया था उसका हमें भुगतान करना था, लेकिन हमारी आमदनी का जरिया बंद हो गया था. सरकार की तरफ से भी कोई सहायता हमें नहीं मिली. कुछ लोगों को थोड़ा बहुत मुआवजा मिला लेकिन बस दुकान का मरम्मत कराने का खर्चा ही पांच लाख था जबकि सरकार से एक लाख और सवा लाख रुपए हमें मिले थे.
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आग में दुकान के अंदर कुछ नहीं बचा
दंगों को याद करते हुए मोहम्मद आमिर ने बताया कि दंगों के दौरान हम अपनी दुकान बंद करके घर चले गए थे. हमें यह सूचना मिली कि हमारे सभी दुकानों में आग लगा दी गई. हमारे पास कुछ भी नहीं बचा था.अगली सुबह जब हम गोकुलपुरी टायर मार्केट आए तो यहां चारों तरफ धुआं ही धुआं था. पूरा मार्केट जलकर राख हो गया था. लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है और हमारा व्यवसाय भी अब पटरी पर लौट रहा है.