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LNJP अस्पताल पर आरोप, 3 दिन तक नहीं दिया परिजनों को शव

उत्तर पूर्वी दिल्ली के चौहान बाजार गली नंबर 17 में एक परिवार ने वीडियो के जरिए सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि उनके मरीज के साथ लापरवाही की गई. उसकी मौत होने के बाद भी कई दिनों तक मृत शरीर परिवार वालों को नहीं दिया गया.

family accused LNJP hospital
3 दिन तक नहीं दिया परिजन का शव
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Published : May 17, 2020, 10:26 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के इस महामारी काल में राजधानी दिल्ली के अस्पतालों के ग्राउंड लेवल पर किस तरह के हालात हैं. इसकी बानगी इस खबर को देख कर लगा सकते हैं. मामला उत्तर पूर्वी दिल्ली के चौहान बाजार गली नंबर 17 का है. जहां एक परिवार ने वायरल वीडियो के जरिए सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि उनके मरीज के साथ लापरवाही की गई और उसकी मौत होने के बाद भी कई दिनों तक मृत शरीर परिवार वालों को नहीं दिया गया.

LNJP अस्पताल पर आरोप

'3 दिन तक नहीं दिया परिजन का मृत शरीर'

पूर्वी दिल्ली के चौहान बांगर इलाके के एक परिवार का वीडियो वायरल सामने आया है. वीडियो में असगर गाजी नाम की युवती ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि एलएनजेपी अस्पताल ने 3 दिनों तक उनके बड़े पापा यानि ताऊ के मृत शरीर को परिवार को नहीं सौंपा. अस्पताल ने कोरोना टेस्ट रिपोर्ट ना आने की बात कह कर शव देने से मना कर दिया था. लेकिन अस्पताल के चक्कर काटने के बाद उन्हें बताया गया कि उनके बड़े पापा का कोरोना टेस्ट किया ही नहीं गया है. मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों के पर लापरवाही का आरोप लगाया है.


अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े



वीडियो में असगर नाम की युवती ने आरोप लगाया है कि वो लोग उनके बड़े पापा की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के कई बड़े अस्पताल आरएमएल, एम्स, सफदरजंग अस्पतालों में लेकर गए. लेकिन किसी भी अस्पताल ने उनको भर्ती नहीं किया. उसके बाद एलएनजेपी अस्पताल ने उनके बड़े पापा को भर्ती किया, लेकिन कुछ घंटों में ही इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इसके बाद जब वो लोग उनका शव लेने गए, तो डॉक्टर ने ये कहकर परिजनों को वापस कर दिया कि इनकी कोरोना रिपोर्ट नहीं आई है. उसके बाद ही शव उनको सौंपा जाएगा. परिजनों ने 3 दिन तक अस्पताल के चक्कर काटे लेकिन उन्हें अस्पताल से खाली हाथ लौटा दिया गया. डॉक्टरों ने ये कहकर शव देने से उनको मना कर दिया कि आप के मरीज का कोरोना टेस्ट तो हुआ ही नहीं.

'नहीं किया था कोरोना टेस्ट'

परिजनों का आरोप है कि जहां मरीजों का अस्पतालों में स्पेशल इलाज चल रहा है. वहां इतनी बड़ी लापरवाही डॉक्टर कैसे कर सकते हैं कि उनके मरीज का कोरोना टेस्ट नहीं किया. वहीं डॉक्टरों ने कहा कि इनका सैंपल लेकर दोबारा से कोरोना टेस्ट होगा. इसी के कारण परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि समय रहते उनका कोरोना टेस्ट नहीं किया गया. परिजन वीडियो के जरिए अस्पतालों के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन ये आरोप कितना सच है, ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा. बहरहाल परिजनों को मृतक का शव मिल गया है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के इस महामारी काल में राजधानी दिल्ली के अस्पतालों के ग्राउंड लेवल पर किस तरह के हालात हैं. इसकी बानगी इस खबर को देख कर लगा सकते हैं. मामला उत्तर पूर्वी दिल्ली के चौहान बाजार गली नंबर 17 का है. जहां एक परिवार ने वायरल वीडियो के जरिए सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि उनके मरीज के साथ लापरवाही की गई और उसकी मौत होने के बाद भी कई दिनों तक मृत शरीर परिवार वालों को नहीं दिया गया.

LNJP अस्पताल पर आरोप

'3 दिन तक नहीं दिया परिजन का मृत शरीर'

पूर्वी दिल्ली के चौहान बांगर इलाके के एक परिवार का वीडियो वायरल सामने आया है. वीडियो में असगर गाजी नाम की युवती ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि एलएनजेपी अस्पताल ने 3 दिनों तक उनके बड़े पापा यानि ताऊ के मृत शरीर को परिवार को नहीं सौंपा. अस्पताल ने कोरोना टेस्ट रिपोर्ट ना आने की बात कह कर शव देने से मना कर दिया था. लेकिन अस्पताल के चक्कर काटने के बाद उन्हें बताया गया कि उनके बड़े पापा का कोरोना टेस्ट किया ही नहीं गया है. मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों के पर लापरवाही का आरोप लगाया है.


अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े



वीडियो में असगर नाम की युवती ने आरोप लगाया है कि वो लोग उनके बड़े पापा की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के कई बड़े अस्पताल आरएमएल, एम्स, सफदरजंग अस्पतालों में लेकर गए. लेकिन किसी भी अस्पताल ने उनको भर्ती नहीं किया. उसके बाद एलएनजेपी अस्पताल ने उनके बड़े पापा को भर्ती किया, लेकिन कुछ घंटों में ही इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इसके बाद जब वो लोग उनका शव लेने गए, तो डॉक्टर ने ये कहकर परिजनों को वापस कर दिया कि इनकी कोरोना रिपोर्ट नहीं आई है. उसके बाद ही शव उनको सौंपा जाएगा. परिजनों ने 3 दिन तक अस्पताल के चक्कर काटे लेकिन उन्हें अस्पताल से खाली हाथ लौटा दिया गया. डॉक्टरों ने ये कहकर शव देने से उनको मना कर दिया कि आप के मरीज का कोरोना टेस्ट तो हुआ ही नहीं.

'नहीं किया था कोरोना टेस्ट'

परिजनों का आरोप है कि जहां मरीजों का अस्पतालों में स्पेशल इलाज चल रहा है. वहां इतनी बड़ी लापरवाही डॉक्टर कैसे कर सकते हैं कि उनके मरीज का कोरोना टेस्ट नहीं किया. वहीं डॉक्टरों ने कहा कि इनका सैंपल लेकर दोबारा से कोरोना टेस्ट होगा. इसी के कारण परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि समय रहते उनका कोरोना टेस्ट नहीं किया गया. परिजन वीडियो के जरिए अस्पतालों के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन ये आरोप कितना सच है, ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा. बहरहाल परिजनों को मृतक का शव मिल गया है.

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