नई दिल्ली: विदेश जाने की लालसा और ज्यादा पैसा कमाने की चाहत लोगों को किस तरीके से ठगी का शिकार बना रही है, इसका अंदाजा दिल्ली इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फर्जी टिकट के मामलों को देखकर लगाया जा सकता है. बता दें कि जनवरी से लेकर अब तक फर्जी टिकट के मामलों की बात की जाए तो 69 मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में फेक टिकट के मामलों में दिल्ली पुलिस और एयरपोर्ट प्रशासन के दावे फेल होते नजर आते हैं.
कैसे आ रहे लोग झांसे में
आपको बता दें कि विदेश जाने की लालसा और वहां जाकर अधिक पैसे कमाने की चाहत के चलते लोग पासपोर्ट और वीजा बनवाने की आस लगाए रहते हैं. ऐसे में कई बार उनको वीजा नहीं मिल पाता है इसलिए वह एजेंटों का सहारा लेते हैं. लेकिन, एजेंट पैसे एठने के चलते लोगों को फर्जी टिकट बनाकर दे देते हैं. जब वह काउंटर पर पहुंचते हैं तो खुद ठगी की चपेट में आ जाते हैं. भले ही सीआईएसएफ और एयरपोर्ट के आला अधिकारी फर्जी मामलों में कमी लाने के दावे करते हों, लेकिन एजेंट पर शिकंजा कसने में अभी भी पूरे तरीके से कामयाबी हासिल नहीं हो पा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सीआईएसएफ के प्रवक्ता हेमंत सिंह ने बताया कि फर्जी टिकट के मामलों में हम लगातार कोशिश करते हैं कि एजेंटों पर सीधा शिकंजा कसा जा सके, लेकिन कई बार लोग अपने फायदे के चलते इन लोगों का सहारा लेते हैं. जिससे वह ठगी का शिकार हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 70 ऐसे मामले सामने आए हैं जिन पर कार्रवाई भी की गई है.
साथ ही हेमंत सिंह ने बताया कि एजेंट किस तरीके से काम करते हैं, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कई बार सामने आया है कि वो लोगों को झांसे में लेने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते हैं और लोगों पर अपनी विश्वसनीयता दिखाने के लिए दबाव बनाते हैं. जिसके बाद लोग उनके झांसे में आ जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि अगर आपको विदेश जाना है तो एजेंट का सहारा न लेकर सरकारी नियमों के अनुसार पालन करें. अन्यथा आप ठगी का शिकार हो सकते हैं.