नई दिल्लीः कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी ताहिर हुसैन के खिलाफ दर्ज मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से किसी के पेश नहीं होने पर ईडी के स्पेशल डायरेक्टर को तलब किया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ईडी के स्पेशल डायरेक्टर को अगली सुनवाई यानी 8 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
दरअसल, इस मामले में ताहिर हुसैन ने अर्जी दाखिल कर अपनी पत्नी के पक्ष में जनरल पावर ऑफ अटार्नी पर हस्ताक्षर करने की अनुमति मांगी है, लेकिन ईडी की ओर से इस अर्जी पर कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील नवीन कुमार मल्होत्रा ने कहा कि ईडी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.
कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि उसके आदेश में ईडी को निर्देश दिया गया था कि वो अपने जवाब की अग्रिम प्रति आरोपी के वकील को उपलब्ध कराएं, लेकिन ईडी की ओर से न तो कोई पेश हुआ और न ही जवाब दाखिल किया गया. उसके बाद कोर्ट ने ईडी के स्पेशल डायरेक्टर को तलब कर लिया.
कोर्ट ने 11 जनवरी को ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय कर दिया था. 19 फरवरी 2022 को कोर्ट ने इस मामले के सह-आरोपी अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी. 5 मार्च 2022 को कोर्ट ने इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने जमानत याचिका खारिज कर दिया था. 29 सितंबर 2021 को ईडी ने अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी का शर्तों के साथ समर्थन किया था.
तब अमित गुप्ता की ओर से वकील ने कहा था कि अमित गुप्ता ने इस मामले के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन की मनी लाउंड्रिंग मामले में मदद की है, लेकिन इसका न तो उसे कोई लाभ नहीं हुआ है और न ही उसने कोई सहयोग किया है. उन्होंने कहा था कि अमित गुप्ता को अगर सरकारी गवाह बनाया जाता है तो उसके बयानों से इस मामले के दूसरे आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.
ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपी बनाया है. 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. ईडी के मुताबिक, ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग किया. दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया.