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दिल्ली दंगा: साल गुजरा, जख्म ताजा, जानिए रतनलाल और अंकित शर्मा के परिवार का हाल

मौजपुर के चांदबाग में चल रहे धरना स्थल पर ड्यूटी पर तैनात हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल और आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या कर दी गई थी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

delhi police personal brutally murdered during delhi riots 2020
दिल्ली दंगा: साल गुजरा, जख्म ताजा, जानिए रतनलाल और अंकित शर्मा के परिवार का हाल
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Published : Feb 25, 2021, 10:57 AM IST

Updated : Feb 25, 2021, 12:20 PM IST

नई दिल्ली: साल 2020 की शुरुआत में ही देशभर में सीएए के विरोध में आंदोलन चल रहे थे. दिल्ली में ये आंदोलन कब हिंसा में तब्दील हो गया. सुरक्षा एजेंसियों को इसका अंदाजा नहीं लगा. उत्तर पूर्वी दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. साथ ही करोड़ों की संपत्ति का नुकसान भी हुआ. मौजपुर के चांदबाग में चल रहे धरना स्थल पर ड्यूटी पर तैनात हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की भी 24 फरवरी को हत्या कर दी गई. वह शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा और गोकुलपुर के एसीपी अनुज शर्मा के साथ वहां गए थे और दंगाइयों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे. तभी दंगाइयों के एक झुंड ने पुलिस अधिकारियों पर हमला कर दिया तो अपने अधिकारियों को बचाने के लिए रतनलाल आगे बढ़े तभी उन्हें गंभीर चोट आई, जिसमें उनकी मौत हो गई.

दिल्ली दंगा 2020

गोली लगने से गई रतन लाल की जान- पुलिस

चार्जशीट के अनुसार, रतन लाल की मौत गोली लगने से हुई. पुलिस ने इस मामले में 17 उपद्रवियों को आरोपी बनाया है. वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर 21 जगह चोट के निशान थे. रतन लाल दिल्ली पुलिस में 1998 में भर्ती हुए थे और घटना के समय बुराड़ी एरिया में रह रहे थे.

मौजपुर में ही हुई थी आईबी कर्मचारी की हत्या

मौजपुर इलाके में ही दंगाइयों ने आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या कर दी थी. वह चांद बाग इलाके में अपने परिवार के साथ रहते थे. उनका शव आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर से करीब 50 मीटर दूर नाले में मिला था. इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 650 पेज की चार्जशीट कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल की है. जिसमें कुल 10 आरोपी बनाए गए हैं.

बरसी के लिए परिवार गांव गया

रतन लाल के घायल होने की घटना की जानकारी परिवार को दी गई. परिवार सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंचा और अधिकारियों ने परिवार को रतन लाल की मौत के बारे में बताया. दंगाइयों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया. साथ ही रतन लाल के साथ विभागीय रूप से साथ होने की बात भी कही. रतन लाल के परिवार में उनकी दो बेटियां, एक बेटा और पत्नी है. फिलहाल राजस्थान के सीकर जिले के तहवाली गांव में रतन लाल की बरसी के लिए गए हुए हैं. जहां पर परिवारिक लोगों के बीच मिलकर रतनलाल की बरसी की जाएगी और गांव में रतन लाल की मूर्ति का अनावरण भी किया जाएगा.

दंगे के एक साल बाद दोस्तों ने किया याद

रतन लाल दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही साल 1998 में भर्ती हुए थे. घटना के समय वह बुराडी इलाके में रह रहे थे. उनके दोस्तों ने बताया कि रतन लाल का व्यक्तित्व बहुत ही शानदार था. वह पुलिस कर्मी होने के बावजूद बहुत ही सामाजिक व्यक्ति थे और इन लोगों के लिए हर समय हर मुसीबत में तैयार खड़े रहते थे. घटना के दिन रतन लाल की तबीयत खराब थी और वह उसके बाद भी ड्यूटी गए जहां पर उनके साथ हादसा हुआ. जिसमें रतनलाल की मौत हो गई परिवार के अलावा उनके दोस्त भी उनको को याद कर रहे हैं

ये भी पढ़े: दिल्ली दंगा: आग की भेंट चढ़ गया था गोकुलपुरी टायर मार्केट, सुनिए दुकानदारों की आपबीती

दंगों के बाद पटरी पर लौट रहा जीवन

बीते साल फरवरी महीने के आखिरी दिनों में उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा, यमुना विहार, ब्रम्हपुरी, खजूरी खास, जाफराबाद, मौजपुर आदि इलाकों में भयावह हिंसा भड़की थी. लेकिन अब एक साल बीत जाने पर लोग दंगों को भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं.

नई दिल्ली: साल 2020 की शुरुआत में ही देशभर में सीएए के विरोध में आंदोलन चल रहे थे. दिल्ली में ये आंदोलन कब हिंसा में तब्दील हो गया. सुरक्षा एजेंसियों को इसका अंदाजा नहीं लगा. उत्तर पूर्वी दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. साथ ही करोड़ों की संपत्ति का नुकसान भी हुआ. मौजपुर के चांदबाग में चल रहे धरना स्थल पर ड्यूटी पर तैनात हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की भी 24 फरवरी को हत्या कर दी गई. वह शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा और गोकुलपुर के एसीपी अनुज शर्मा के साथ वहां गए थे और दंगाइयों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे. तभी दंगाइयों के एक झुंड ने पुलिस अधिकारियों पर हमला कर दिया तो अपने अधिकारियों को बचाने के लिए रतनलाल आगे बढ़े तभी उन्हें गंभीर चोट आई, जिसमें उनकी मौत हो गई.

दिल्ली दंगा 2020

गोली लगने से गई रतन लाल की जान- पुलिस

चार्जशीट के अनुसार, रतन लाल की मौत गोली लगने से हुई. पुलिस ने इस मामले में 17 उपद्रवियों को आरोपी बनाया है. वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर 21 जगह चोट के निशान थे. रतन लाल दिल्ली पुलिस में 1998 में भर्ती हुए थे और घटना के समय बुराड़ी एरिया में रह रहे थे.

मौजपुर में ही हुई थी आईबी कर्मचारी की हत्या

मौजपुर इलाके में ही दंगाइयों ने आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या कर दी थी. वह चांद बाग इलाके में अपने परिवार के साथ रहते थे. उनका शव आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर से करीब 50 मीटर दूर नाले में मिला था. इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 650 पेज की चार्जशीट कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल की है. जिसमें कुल 10 आरोपी बनाए गए हैं.

बरसी के लिए परिवार गांव गया

रतन लाल के घायल होने की घटना की जानकारी परिवार को दी गई. परिवार सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंचा और अधिकारियों ने परिवार को रतन लाल की मौत के बारे में बताया. दंगाइयों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया. साथ ही रतन लाल के साथ विभागीय रूप से साथ होने की बात भी कही. रतन लाल के परिवार में उनकी दो बेटियां, एक बेटा और पत्नी है. फिलहाल राजस्थान के सीकर जिले के तहवाली गांव में रतन लाल की बरसी के लिए गए हुए हैं. जहां पर परिवारिक लोगों के बीच मिलकर रतनलाल की बरसी की जाएगी और गांव में रतन लाल की मूर्ति का अनावरण भी किया जाएगा.

दंगे के एक साल बाद दोस्तों ने किया याद

रतन लाल दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही साल 1998 में भर्ती हुए थे. घटना के समय वह बुराडी इलाके में रह रहे थे. उनके दोस्तों ने बताया कि रतन लाल का व्यक्तित्व बहुत ही शानदार था. वह पुलिस कर्मी होने के बावजूद बहुत ही सामाजिक व्यक्ति थे और इन लोगों के लिए हर समय हर मुसीबत में तैयार खड़े रहते थे. घटना के दिन रतन लाल की तबीयत खराब थी और वह उसके बाद भी ड्यूटी गए जहां पर उनके साथ हादसा हुआ. जिसमें रतनलाल की मौत हो गई परिवार के अलावा उनके दोस्त भी उनको को याद कर रहे हैं

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दंगों के बाद पटरी पर लौट रहा जीवन

बीते साल फरवरी महीने के आखिरी दिनों में उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा, यमुना विहार, ब्रम्हपुरी, खजूरी खास, जाफराबाद, मौजपुर आदि इलाकों में भयावह हिंसा भड़की थी. लेकिन अब एक साल बीत जाने पर लोग दंगों को भूलकर जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं.

Last Updated : Feb 25, 2021, 12:20 PM IST
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