ETV Bharat / state

Delhi High Court के मुख्य न्यायाधीश ने आईटी परियोजनाओं का किया उद्घाटन

15 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान न्याय के भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में बात की. जहां उन्होंने तीन महत्वपूर्ण आईटी परियोजनाओं का उद्घाटन किया

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 16, 2023, 9:47 AM IST

नई दिल्ली: 15 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान न्याय के भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में बात की. उन्होंने तीन महत्वपूर्ण आईटी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद उच्च न्यायालय परिसर में समारोह हुआ. परियोजनाओं में एक वेब एक्सेसिबिलिटी अनुरूप कारण सूची शामिल है. जो यह सुनिश्चित करती है कि विशेष रूप से विकलांग व्यक्ति अदालत की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकें. तीन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य वादियों और सिस्टम के साथ बातचीत करने वाले वकीलों के लिए न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों को सुव्यवस्थित करना है.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट न्याय वितरण प्रणाली में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के एक उन्नत चरण में प्रवेश कर चुका है. तीन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य वादियों और सिस्टम के साथ बातचीत करने वाले वकीलों के लिए न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों को सुव्यवस्थित करना है. जब मैं न्यायिक प्रक्रिया कहता हूं, तो मैं खुदको मामलों के फैसले की प्रक्रिया तक सीमित नहीं कर रहा हूं.

उन्होंने कहा कि निर्णय लेना न्यायिक प्रक्रिया का केवल एक पहलू है और अदालत के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए उन प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला जारी रहती है. न्यायिक व्यवस्था को सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए. ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड साझा करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लंबे समय से अपेक्षित था. रिकॉर्ड तलब करने की अच्छी पुरानी प्रथा न केवल प्रक्रिया में काफी देरी कर रही थी, बल्कि पर्यावरण और सरकारी खजाने पर भी बोझ डाल रही थी. वेब एक्सेसिबिलिटी अनुरूप वाद सूची विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को अदालत की वेबसाइट में ऑनलाइन वाद सूची तक आसान पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाएगी.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस नए डिजिटल प्लेटफॉर्म से हम सुरक्षित. विश्वसनीय और त्वरित तरीके से रिकॉर्ड तक पहुंच पाएंगे. इस तथ्य की स्वीकार्यता है कि न्याय के भविष्य को निर्धारित करने में प्रौद्योगिकी एक अभिन्न अंग बनने जा रही है. उन्होंने स्वागत भाषण देते हुए कहा, “संस्था के दृष्टिकोण के प्रति हमारे साझा जुनून के कारण हम सभी इस संस्था का हिस्सा हैं. हमारी कड़ी मेहनत संस्था को मजबूत करती है.”

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने दृष्टिबाधित वादियों और वकीलों के लिए एक्सेसिबिलिटी कॉज लिस्ट की सुविधा शुरू की

नई दिल्ली: 15 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान न्याय के भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में बात की. उन्होंने तीन महत्वपूर्ण आईटी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद उच्च न्यायालय परिसर में समारोह हुआ. परियोजनाओं में एक वेब एक्सेसिबिलिटी अनुरूप कारण सूची शामिल है. जो यह सुनिश्चित करती है कि विशेष रूप से विकलांग व्यक्ति अदालत की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकें. तीन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य वादियों और सिस्टम के साथ बातचीत करने वाले वकीलों के लिए न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों को सुव्यवस्थित करना है.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट न्याय वितरण प्रणाली में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के एक उन्नत चरण में प्रवेश कर चुका है. तीन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य वादियों और सिस्टम के साथ बातचीत करने वाले वकीलों के लिए न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों को सुव्यवस्थित करना है. जब मैं न्यायिक प्रक्रिया कहता हूं, तो मैं खुदको मामलों के फैसले की प्रक्रिया तक सीमित नहीं कर रहा हूं.

उन्होंने कहा कि निर्णय लेना न्यायिक प्रक्रिया का केवल एक पहलू है और अदालत के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए उन प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला जारी रहती है. न्यायिक व्यवस्था को सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए. ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड साझा करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लंबे समय से अपेक्षित था. रिकॉर्ड तलब करने की अच्छी पुरानी प्रथा न केवल प्रक्रिया में काफी देरी कर रही थी, बल्कि पर्यावरण और सरकारी खजाने पर भी बोझ डाल रही थी. वेब एक्सेसिबिलिटी अनुरूप वाद सूची विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को अदालत की वेबसाइट में ऑनलाइन वाद सूची तक आसान पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाएगी.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस नए डिजिटल प्लेटफॉर्म से हम सुरक्षित. विश्वसनीय और त्वरित तरीके से रिकॉर्ड तक पहुंच पाएंगे. इस तथ्य की स्वीकार्यता है कि न्याय के भविष्य को निर्धारित करने में प्रौद्योगिकी एक अभिन्न अंग बनने जा रही है. उन्होंने स्वागत भाषण देते हुए कहा, “संस्था के दृष्टिकोण के प्रति हमारे साझा जुनून के कारण हम सभी इस संस्था का हिस्सा हैं. हमारी कड़ी मेहनत संस्था को मजबूत करती है.”

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने दृष्टिबाधित वादियों और वकीलों के लिए एक्सेसिबिलिटी कॉज लिस्ट की सुविधा शुरू की

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.